क्यों थे बाबा साहेब अंबेडकर आरक्षण के हिमायती ? यहां जानिए

Baba Saheb Ambedkar
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बाबा साहेब को हम संविधान निर्माता, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, वकील और पत्रकार के रूप में जानते है. बाबा साहेब का जन्म 1891 में एक महार परिवार में हुआ था. जिससे उस समय अछूत जाति का माना जाता था. बाबा साहेब ने जीवनभर जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा था. किसके बाद उन्होंने हिन्दू जाति व्यवस्था का विरोध किया, दलितों से भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने अपना सारा जीवन दलितों को उनका हक दिलाने में लगा दिया. क्यों कि जो जातिगत भेदभाव बाबा साहेब ने साथ हुआ, वह नहीं चाहते थे किसी ओर दलित के साथ ऐसा हो. बाबा साहेब ने 1940 में पहली भर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने पर आवाज उठाई थी, बाबा साहेब नहीं चाहते थे कि भारत हिन्दू राष्ट्र बने, क्यों कि बाबा साहेब को लगता था कि हिन्दू राष्ट्र हम सबके लिए खतरा है. उनके हिसाब से हिन्दुत्व से भारत की स्वतन्त्रता और भाईचारे को खतरा है. बाबा साहेब चाहते थे कि देश से हिन्दू वर्ण व्यवस्था खत्म हो जाये, जिससे दलितों पिछड़े वर्ग के लोगो को उनके अधिकार मिल सके.

दोस्तों, आईये आज हम आपको इस लेख के जेरिये बतायेंगे कि बाबा साहेब को क्यों लगता था कि हिन्दुत्व से हमें खतरा है और बाबा साहेब क्यों आरक्षण के हिमायती थे ?

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बाबा साहेब अंबेडकर आरक्षण के हिमायती

बाबा साहेब महार जाति के होने के कारण उनके साथ जीवन भर जातिगत भेदभाव होते रहे है जिसके चलते बाबा साहेब हिन्दू जाति व्यवस्था का विरोध किया, दलितों से भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई. बाबा साहेब नहीं चाहते थे कि भारत हिन्दू राष्ट्र बने, क्यों कि बाबा साहेब को लगता था कि हिन्दू राष्ट्र हम सबके लिए खतरा है. उनके हिसाब से हिन्दू राष्ट्र बनाने से भारत की स्वतन्त्रता और भाईचारे को खतरा है.

बाबा साहेब का कहना था कि सरकार पिछड़े वर्ग के लोगो के लिए रोजगार और विकास के रास्ते खोलने चाहिए. जिससे दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगो को मुख्यधारा से जोड़ने का काम करती है. बाबा साहेब इसीलिए आरक्षण के हिमायती थे, ताकि दलितों को भी विकास के बराबर साधन मिल सके. एक लोकतांत्रिक देश के लिए यह सबसे जरूरी है कि देश में सभी लोगो को विकास के समान अवसर मिले, जिससे देश का पिछड़ा भी उभर कर आए.

हिन्दुत्व से देश को खतरा

हम आपको बता दे कि बाबा साहेब के हिसाब से हमारे देश को हिन्दुत्व से खतरा है. हिन्दुत्व से हमारी स्वतन्त्रता और भाईचारे नहीं रहेगा. हमारे देश में अलग अलग जाति, धर्म के लोग रहते है वैसे में भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना कहा का सही है. हमारे देश में हिन्दू वर्ण व्यवस्था के चलते, देश में दलितों से उनके इंसान होने के अधिकार तक नहीं मिले है उनके साथ जातिगत आधार पर भेदभाव होता था. सदियों से चली आ रही वर्ण व्यवस्था को भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने से, एनी समुदाय के लोगो का शोषण हो सकता है. इसीलिए बाबा साहेब के अनुसार हिन्दू राष्ट्र से हमारे देश के भविष्य को खतरा है.

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