Pangolin trafficking in India – पैंगोलिन एक ऐसा जीव जो कीड़े खाता है और 80 मिलियन सालों से धरती पर है. लेकिन खबर आई है कि जल्द ही पैंगोलिन नाम का ये जीव धरती से लुप्त हो जाएंगे. दरअसल, एनवायरमेंटल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (EIA) ने एक रिपोर्ट की है और इस रिपोर्ट में पैंगोलिन नाम के जंगली पशु की तस्करी का जिक्र हुआ. इसी के साथ इस रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि अगर इस जीव की तस्करी रुकी नहीं तो जल्दी ही ये जीव धरती से लुप्त हो जायेंगे.
क्या है पेंगोलिन
जानकारी के अनुसार, अफ्रीका और एशिया के घने जंगलों में मिलने वाला पैंगोलिन एक स्तनधारी जीव है जिसके शरीर पर लंबी-लंबी स्केल्स है और जीभ 40 सेंटीमीटर लंबी होती है, जिससे वे चींटियां, दीमक और छोटे कीड़े-मकोड़े खा सकें. एक अकेला पैंगोलिन (Pangolin trafficking in India) हर साल लगभग 70 मिलियन कीड़े खा जाता है. पैंगोलिन की कुछ 8 प्रजातियां हैं, जिनमें से पांच प्रजातियों के बारे में माना जा रहा है कि वो आने वाले कुछ सालों में खत्म हो जाएंगे. साथ ही बाकि 3 और प्रजातियां भी जल्दी गायब होने वाली हैं. वहीं इन लोगों के गायब होने की वजह स्पीशीज हैं, जो किसी न किसी तरह से ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में उपयोग की जाती हैं. यानी चीन इस जानवर की तस्करी और उसे मारने में सबसे आगे है.
पेंगोलिन के शरीर से बनती है दवाई
एनवायरमेंटल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (EIA) ने एक रिपोर्ट के अनुसार, बहुत सी वेबसाइट्स पर पेंगोलिन के शरीर से बने उत्पाद बेचे जा रहे हैं. यहां तक कि 2 सौ से ज्यादा कंपनियों ने बाकायदा लाइसेंस ले रखा है, जिसमें वे पैंगोलिन की स्केल्स से बनी दवाएं और कॉस्मेटिक्स बेचने का दावा करती हैं. एजेंसी समेत पशुओं और पर्यावरण पर काम करने वाली कई संस्थाओं ने आशंका जताई कि जल्द ही पैंगोलिन भी डोडो पक्षी की श्रेणी में आ जाएंगे. ये वो पक्षी थे, जिनके मांस के बीसियों फायदे बताते हुए उनकी इतनी तस्करी हुई और वे विलुप्त हो गए.
मेडिसिन की वजह से होता है पेंगोलिन का शिकार
चीन में पैंगोलिन की ड्राई स्केल्स को सिरके में संरक्षित करके रखा जाता है और फिर लेक्टेटिंग मदर या मरीजों को खिलाया जाता है. दिमागी बीमारियों में भी इसे खाने की सलाह दी जाती है. वहीं नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के ऑनलाइन रिसोर्स सेंटर नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में जुलाई 2020 में एक रिपोर्ट आई. इसके मुताबिक, पैंगोलिन की स्केल यानी शरीर के ऊपर की खोल को चीन में खूब महत्व मिलता है. ये चीनी मेडिसिन है, जो नई मांओं को ताकत देती है और लेक्टेशन में मदद करती है. इसके अलावा पैंगोलिन को स्पर्म काउंट बढ़ाने वाला भी माना गया.
जानिए क्या है पैंगोलिन की कीमत
वहीँ मेडिसिन की वजह से पैंगोलिन का शिकार होने लगा यहां तक कि साल 1960 से लेकर अब तक चीन के जंगलों में 90 प्रतिशत से ज्यादा पैंगोलिन खत्म हो गए. इसके बाद से वियतनाम और अफ्रीका के जंगलों से इनकी तस्करी की जा रही है हैं ताकि मेडिसिन तैयार हो सके. वहीं इंटरनेशनल ब्लैक मार्केट में ये भारी दामों पर मिलता है. इंडियन पैंगोलिन की बात करें तो इसके एक किलो स्केल का दाम एक लाख है और पूरा पैंगोलिन 10 से 15 लाख तक में मिलता है. चीनी और फिलीपीनी पैंगोलिन की कीमत और ज्यादा हो जाती है. दुर्लभ होने के साथ ही इसकी कीमत बढ़ती जा रही है.
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