“अगर आपकी बहन बेटियों को को आपके सामने आकर उसकी छाती पर हाथ मारेगा तो क्या आप उसे बर्दास्त करेंगे, उसका बाल नोचेगा तो क्या उसका हसबैंड खड़े-खड़े उसका मुह देखेगा?” ये शब्द हमारे नहीं बल्कि जंतर मंतर पर पहलवानों के सपोर्ट में उतरी जनता के हैं जो लगातार महिला पहलवानों के ऊपर हुए अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं उनके दर्द बयां कर रहे हैं. उनके साथ अभी तक खेलों में क्या-क्या हुआ?
“मोदी तेरी कब्र खुदेगी…” 🥺🤦🏼♂️
क्या अब भी ये विरोध प्रदर्शन राजनीतिक नहीं है? 🤔#WrestlersProtests #JantarMantar pic.twitter.com/KZmiyHH2Ms— Dr. Syed Rizwan Ahmed (@Dr_RizwanAhmed) May 8, 2023
कैसे उनके शरीर को खेल के बहाने, ट्रेनिंग के बहाने गलत इरादे से छूते आ रहे हैं. ये आवाज़ है उन महिला पहलवानों की जो अपने करियर को दांव पर रख कर बिना आवाज़ उठाये देश के सिस्टम के खिलाफ लड़ रही हैं. जंतर मंतर पर Nedrick News ने पहलवानों का समर्थन कर रहे लोगों से बात की और इस मामले पर उनकी राय जानने का प्रयास किया. आइए आपको बताते हैं कि पहलवानों के प्रोटेस्ट और सरकार की चुप्पी को लेकर जनता ने क्या कहा?
सरकार को दिया 7 दिन का अल्टीमेटम
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने Nedrick News से कहा कि, ‘जनता का सरकार से भरोसा उठ गया है और इसीलिए हमने तय किया है कि हम सरकार को 7 दिन का वक़्त देते हैं, फिर चाहे वो उन्हें यहाँ मौजूद 164 महिलाओं से बयान लेकर उन्हें इकठ्ठा कर के उन्हें (बृजभूषण) को गिरफ्तार कर लें वरना आठवें दिन हम इनके आन्दोलन को मजबूत करने के लिए इनके साथ उतरेंगे.
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अगर हम अपनी उन बेटियों के सम्मान की रक्षा नहीं कर सकते जिन्होंने ने देश को सम्मान दिलवाया है तो कैसे चलेगा? इसलिए हम साथ दिन का वक़्त देते हैं और सरकार अपनी गलतियों में सुधार करे वरना जो होगा आगे सरकार देखेगी.
पुलिस ने की बदतमीजी
पहलवानों के समर्थन में उतरी डेल्ही यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के छात्राओं से जब की तो उन्होंने बताया की रात में जब पुलिस से हाथापाई हुई तो पुलिस वालों ने हमारे साथ बदतमीजी की. उन्होंने कहा की हमारे बाल नोचे गए हमारे टी-शर्ट तक फाड़ दिए यहाँ तक की मेरे पूरे पैर को उठाकर फोल्ड करा गया है जिससे मुझे बहुत तकलीफ हुई. जैसे हमने प्रोटेस्ट स्टार्ट किया वैसे ही पुलिस पहुंचकर कर हमे जबरदस्ती घसीटकर वहां से बाहर कर रही थी. बहुत सारी महिलाओं के साथ बदतमीजी भी की उनके ब्रेस्ट तक दबाए हैं.
So Delhi Police is literally walking with me to make sure that I stay away from the protest site, although I was far away from the protest site.
What country are we living in???#IStandwithchampions #WrestlersProtest #JantarMantar #DelhiPolice #Wrestlers pic.twitter.com/hKr5AdrEdR— Kashish Singh (@Kashish__singh_) May 3, 2023
कहाँ है मोदी का 56 इंच सीना?
जब हमने एक बुजुर्ग से बात के तो उन्होंने बताया कि, “ये महिलाएं देश का गौरव हैं. मैं अपने साथ इंचीटेप इसीलिए लाया हूं की कहाँ है देश के प्रधानमंत्री का 56 इंच वाला सीना जो इन बेटियों की तरफ नहीं देख रहा बस एक फ़ोन करना है और पुलिस बृजभूषण को गिरफ्तार कर लेगी. मामला यहाँ तक पहुंच गया की सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा. मुझे तो यहाँ 56 इंच वाला कोई नहीं दिखा. FIR होने के बावजूद भी अभी तक किसी ने गिरफ्तार नहीं किया वृजभूषण को.
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इस वजह से हुई थी झड़प
दरअसल प्रोटेस्ट के दौरान जमकर बारिश हुई थी जिसके बाद उनके सारे गद्दे और बिछौने गीले हो गए थे. इसलिए उन्होंने फोल्डिंग कहीं बाहर से मंगवाई थी. और वो खुद महिला पहलवान ऑटो से लाने गई थी. तो पुलिस ने उनको कहा कि टेम्पो आगे ले जाने की परमिशन नहीं है और मना करते हुए एक पुरुष पुलिस ने बेटी को धक्का मारा. ऐसे में अगर आपकी बहन बेटियों को सामने आकर कोई उसकी छाती पर हाथ डाले. उसको गलत तरीके से छुए तो क्या आप बर्दास्त करेंगे. बस इसी के बाद पहलवानों के जुड़े समर्थक और पुलिस के बीच झड़प हो गई.
इन पहलवानों के सार्थक जो सामने आए हैं और अपनी बातें रखीं ये तो वास्तव में काफी दुखभरी है और हम इसकी निंदा करते हैं. नहीं होना चाहिए अगर ऐसा हुआ. लेकिन प्रोटेस्ट के नाम पर आप 50 फ्रॉड लोगों के साथ 10 राजनीतिक पार्टियों के साथ आप अपनी दाल गलाना चाहते हैं तो आप कहां तक सही हो ये बात सोचने समझने में थोड़ी अटपटी सी लगती है क्योंकि राजनीतिक पार्टियां सपोर्ट में नहीं बल्कि अपनी दाल गलाने ही आती हैं. ये मेरे अपने विचार नहीं है ऐसा ही हुआ है देश में किसान आन्दोलन के वक़्त.
और आखिर में उससे जुड़े लोग ही उसका विरोध करने लगे. वहीँ उनके सपोर्ट में देश की जानीमानी एथलीट पी. टी. उषा भी उनके बीच गई थी उनके साथ जो व्यवहार हुआ था वो भी इन्ही के बीच ही हुआ था. तब महिला सम्मान कहां सामान ख़रीदने चला गया था? तब किसी को उसकी याद नहीं आई? इसलिए समर्थन से पहले पीछे की सच्चाई जानना बहुत जरूरी होता है.
खैर आपके क्या विचार हैं इस प्रोटेस्ट को लेकर, प्रोटेस्ट में शामिल हो रहे टुकड़े-टुकड़े गैंग को लेकर, आजादी गैंग को लेकर और खासकर राजनीतिक पार्टियों को लेकर हमें अपने कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं.