दुनिया में इस समय प्रदूषण का स्तर क्या है, यह बताने की शायद जरूरत नहीं है। सरकार बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए समय-समय पर नई नीतियां और सफाई योजनाएं लागू करती रहती है, लेकिन थोड़े समय के लिए पर्यावरण पर ध्यान देने के बाद स्थिति फिर वैसी ही हो जाती है। लेकिन अब एक Automotive Company ने प्रदूषण से निपटने का जिम्मा उठाया है। दरअसल, इंडिया यामाहा मोटर प्राइवेट लिमिटेड (India Yamaha Motor Private Limited) ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत पर्यावरण गतिविधियों में निवेश बढ़ाने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य समाज और पर्यावरण को उनके योगदान के बदले में कुछ देना है।
ग्रेटर नोएडा में लगाए जाएंगे 21,000 पेड़- Yamaha India Green Environment plan
अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, यामाहा ने घोषणा की है कि वह ग्रेटर नोएडा में वेटलैंड बफर जोन 2 में 6,000 वर्ग मीटर भूमि पर 21,000 पेड़ लगाने के लिए गौतम बुद्ध नगर के वन प्रभाग के साथ काम करेगा। यह पहल कार्बन उत्सर्जन को अवशोषित करके धीरे-धीरे कार्बन तटस्थता प्राप्त करके एक पर्यावरण-अनुकूल टिकाऊ भविष्य बनाने की यामाहा की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। यह परियोजना गौतम बुद्ध नगर के वन प्रभाग के साथ चार साल के समझौते का एक घटक है। इसमें पेड़ लगाने के शुरुआती वर्ष के साथ-साथ पेड़ों की देखभाल के बाद के तीन साल शामिल हैं।
यामाहा की पर्यावरण योजना 2050 योजना
इस पहल पर बोलते हुए, यामाहा मोटर इंडिया ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के अध्यक्ष, श्री आशिन चिहाना ने कहा, “यामाहा मोटर ग्रुप की ‘पर्यावरण योजना 2050’ (Yamaha Motor Environmental Plan 2050) के हिस्से के रूप में, हम जलवायु परिवर्तन से निपटने, संसाधनों के पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नोएडा में हमारी हालिया मियावाकी वन पहल वेटलैंड बफर ज़ोन में थी। वर्ष 2022 में, यामाहा ने मियावाकी पद्धति की मदद से ग्रेटर नोएडा के वेटलैंड बफर ज़ोन 1 में वृक्षारोपण शुरू किया है।”
3 साल की परियोजना
उन्होंने आगे कहा, ‘नोएडा में हमारी हाल ही की मियावाकी वन पहल वेटलैंड बफर जोन में थी। यह हरियाली बढ़ाने और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देने पर हमारे फोकस को दर्शाता है। भारत में हमारी विकास रणनीति स्थिरता के इर्द-गिर्द केंद्रित है और यह पहल एक हरियाली और टिकाऊ भविष्य के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’
यह परियोजना 3 साल की थी और इसके तहत 2,000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर 7,000 पौधे लगाए गए। 2024 में ये पौधे पूर्ण विकसित वृक्षों का रूप ले चुके हैं और मात्र दो वर्षों में वह क्षेत्र घना जंगल बन गया है। इस परियोजना की सफलता पेड़ लगाने के प्रभाव और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए यामाहा की मज़बूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।