Justice Vivek Agarwal Hindi – आजकल जब भी हमारी जुबान पर बागेश्वर बाबा का नाम जुबान पर आता, ख़बरों में आता है तभी समझ लेना चाहिए की बवाल हो चुका है बस ये जाना है कि बवाल हुआ क्या है? दरअसल बाबा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने जबलपुर के एक आदिवासी समुदाय के बीच कथा वाचन किया था. जिसके बाद आदिवासी समुदाय के बीच भेदभाव बढाने के इल्जाम में किसी एक शख्स ने शिकायत कर दी . जिसकी सुनवाई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High court Video) में हुई वो भी लाइव स्ट्रीम करके. उसका एक वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में जस्टिस विवेक अग्रवाल और वकील में तीखी बहस हो रही है. वकील के व्यवहार पर जस्टिस विवेक अग्रवाल को गुस्सा आ जाता है.
Madarsachhap advocate Ghiyasuddin filed PIL in the Jabalpur HC to ban programs of Baba Bageshwar, saying that such religious events hurt sentiments of the tribal community
Justice Vivek Aggarwal, infuriated by his indecent language, properly explained law to the j!h∆d!. Watch pic.twitter.com/y3b7JmK6VJ
— MJ (@MJ_007Club) May 24, 2023
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इसके बाद कहते हैं कि आपकी सारी वकालत खत्म कर दूंगा. ऐसे बात की जाती है क्या. दरअसल, वकील ने कोर्ट में बालाघाट सर्व आदिवासी समाज की तरफ से बागेश्वर सरकार की कथा को लेकर याचिका लगाई थी. इसी याचिका पर कोर्ट में बहस हो रही थी. बाद में बागेश्वर सरकार के खिलाफ लगाई गई याचिका को कोर्ट ने रद्द कर दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, धीरेंद्र शास्त्री की मध्य प्रदेश के बालाघाट स्थित लिंगा गांव में 23 और 24 मई को दो दिवसीय कथा हो रही है. इसी के खिलाफ ‘सर्व आदिवासी समाज‘ नाम की संस्था ने याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक अग्रवाल ने वकील से कहा कि हम पहले ही इसी तरह की एक याचिका खारिज कर चुके हैं. अब आप की याचिका कितनी कॉस्ट के साथ खारिज करें?
Justice Vivek Agarwal Hindi – इस पर वकील ने दलील दी कि पिछली याचिका और यह याचिका दोनों अलग-अलग हैं और दोनों के ग्राउंड अलग-अलग हैं. जस्टिस अग्रवाल ने सवाल किया कि क्या आपने पिछली याचिका और हमारा जजमेंट पढ़ा है ? सभी ग्राउंड वही हैं. आपकी पिटिशन जो स्पॉन्सर करता है, क्या उन्होंने आपको पिछला आदेश नहीं पढ़वाया? इस पर वकील ने दलील दी कि पिछला मामला ग्राम सभा की परमिशन से जुड़ा है, जबकि हमारा अलग है.
कैसे गुस्सा हो गए जज विवेक अग्रवाल
वकील ने कहा कि हमारी अर्जी में मुख्य पॉइंट यह है कि जहां कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, वहां ‘बड़ा देव’ का स्थान है और यह आदिवासियों की आस्था का प्रतीक है. इससे उनकी भावनाएं आहत हो सकती हैं. इस पर जस्टिस अग्रवाल ने सवाल किया कि बड़ा देव भगवान से जुड़ी क्या मान्यताएं हैं और अगर वहां कथा वाचन किया जाता है तो इससे किसी की भावनाएं आखिर कैसे आहत हो सकती हैं?
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जस्टिस विवेक अग्रवाल (Justice Vivek Agarwal) ने कहा कि जब आप यह कह रहे हैं कि इससे भावनाएं आहत होंगी तो इसका आधार होना चाहिए. जिसने आपसे पिटिशन लगवाई है उसको यह पता होना चाहिए कि ऐसा वकील खड़ा करें जो कम से कम सवालों का जवाब दे सके. मैं आपसे सीधा सवाल पूछ रहा हूं. इस पर वकील ने कहा कि उस जगह के अलावा दूसरी जगह कथा कराई जाए तो कोई विरोध नहीं है. इस पर जस्टिस अग्रवाल उखड़ गए. कहा मैं आपसे जो सवाल पूछ रहा हूं, उसका जवाब दीजिए. आप यह तय करने वाले कौन होते हैं कि कथा किस स्थान पर होनी चाहिए और किस स्थान पर नहीं? यह बताना होगा कि क्या मान्यताएं हैं और कथा वाचन से उन मान्यताओं पर कैसे कुठाराघात होगा?
वकील की ‘बदतमीजी पर भड़क गए जज
इस पर वकील ने कहा कि संविधान में प्रावधान है… मैं आपको यही तो बता रहा हूं, आप सुनने को तैयार नहीं है और कुछ भी बोले जा रहे हैं. वकील के इस रवैये पर जस्टिस विवेक अग्रवाल बुरी तरह भड़क गए.
वकील से कहा कि अपना नाम बताइए, आप के खिलाफ अभी अवमानना का नोटिस करता हूं. आपको बात करने का तरीका नहीं मालूम है… अपना नाम बताइए. इस पर वकील अपनी बात पर अड़ा रहा और कहता रहा कि आप सुन ही नहीं रहे हैं.
जज बोले- यहीं से जेल भेज दूंगा, वकालत भूल जाओगे
Justice Vivek Agarwal Hindi – वकील के अड़ियल रवैये से जस्टिस अग्रवाल इतने नाराज हुए कि वकील से कहा कि जरा सी भी उल्टी-सीधी बात की तो यहीं से जेल भेज दूंगा. सारी वकालत खत्म हो जाएगी. बदतमीजी करना भूल जाओगे. तहजीब से बात करना सीख लो….
किसी ने वकालत नहीं सिखाई?
बात यहीं खत्म नहीं हुई. जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि तुम लोगों को सिखाकर भेजा जाता है कि कोर्ट में जाकर बदतमीजी करो. हमें मालूम है क्या सवाल पूछना है और याचिका पढ़कर आते हैं. उन्होंने वकील से पूछा कि हाईकोर्ट में कब से वकालत कर रहे हो? इस पर वकील ने कहा 7-8 साल से. जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि हाईकोर्ट में कैसे वकालत की जाती है, तुम्हें किसी ने सिखाया नहीं? कोई तमीज नहीं है.
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