उदयपुर रेलवे ट्रैक ब्लास्ट को लेकर हुआ बड़ा खुलासा
उदयपुर रेलवे ट्रैक (Udaipur Railway Track) पर एक ब्लास्ट (Blast) हुआ था और इस ब्लास्ट को लेकर ये जानकरी सामने आई है कि इस ब्लास्ट की वजह से एक बड़ा हादसा होने वाला था. दरअसल. पीएम मोदी (PM Modi ) द्वारा 31 अक्टूबर को लोकार्पण की गई उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन की रेलवे लाइन पर शनिवार रात विस्फोट से उड़ाने को लेकर एक साजिश रची गयी थी लेकिन इस ब्लास्ट की वजह से ये साजिश नाकाम हो गयी.
ट्रेन को पटरी से उतारने की रची गयी थी साजिश
मिली रिपोर्ट के अनुसार, PM द्वारा उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन (Udaipur-Ahmedabad Train) की रेलवे लाइन को लॉन्च करने के बाद इस ट्रेक से दिन में 2 बार ट्रेन गुजरती है. वहीं पुलिस से मिली जानकरी के अनुसार, शनिवार, 12 नवंबर की रात को पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने साजिश की गयी थी . वहीं इस धमाके के बाद ट्रेन इस ट्रैक से गुजराती लेकिन स्थानीय ग्रामीणों किव जह से ये हादसा टल गया. वहीं पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है साथ ही FIR में इसे ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया है.
स्थानीय ग्रामीणों की वजह से टला हादसा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना शनिवार देर रात सलूम्बर मार्ग पर केवड़े की नाल में ओड़ा रेलवे पुल की है। जहां ग्रामीणों को रात के समय धमाके की आवाज सुनाई दी गयी। जिसके बाद कुछ युवा तुरंत पटरी पर पहुंचे. जहां पर उन्होंने देखा कि रेलवे लाइन पर बारूद पड़ा है साथ ही लोहे की रेलवे लाइन कई जगह से टूट चुकी थी। वहीं पुल पर लाइन से नट-बोल्ट भी गायब मिले। ट्रैक पर लोहे की पतली चादर भी उखड़ी हुई मिली। जिसके बाद ग्रामीणों ने इस मामले की जानकारी दी अधिकारी और पुलिस भी मौके पर पहुंची। घटना की जानकारी मिलते ही ट्रैक से गुजरने वाली अगली ट्रेन को रोक दिया गया. वरना एक बड़ा हदसा हो सकता था.
ट्रेन ट्रैक पर मिला विस्फोटक सामान
मडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के लिए सुपर पावर 90 कैटेगरी के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. ये एक प्रकार का एक पैकेज्ड इमल्शन विस्फोटक है जो एक खतरनाक डेटोनेटर (detonator) माना जाता है.
धमाके के पीछे हो सकता हैं इन लोगों का हाथ
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि धमाके के पीछे दो तरह के लोगों का हाथ होने की आशंका है. उनका कहना है कि या तो इसके पीछे अलग आदिवासी राज्य की मांग करने वाले दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी कट्टरपंथी हो सकते हैं, या ये काम अल्पसंख्यक समुदाय के उन लोगों का हो सकता है जो पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी से नाराज हैं. वहीं राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) को शुरूआती जांच में पता चला है कि ये धमाका किसी आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है. घटना के बाद दर्ज की गई शिकायत में इसे ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया गया है. पुलिस के मुताबिक, धमाके से लोगों में दहशत पैदा करने की कोशिश की गई है.