रवीश कुमार ने दिया एनडीटीवी से इस्तीफा
बहुचर्चित पत्रकार रवीश कुमार जिन्हें चैनल के जरिये नही बल्कि चैनल को उनके जरिये जाना जाता था उन्होंने 30 नवंबर को एनडीटीवी चैनल से इस्तीफा दे दिया है. वहीं अब रवीश कुमार को लेकर इस बात की चर्चा है कि क्यों उन्होंने एनडीटीवी को छोड़ा और अब उनका अगला पता क्या होगा.
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इस वजह से दिया इस्तीफा
नवम्बर महीने के आखिरी दिन बुधवार (30 नवंबर) को रवीश कुमार ने एनडीटीवी से इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय ने प्रवर्तक समूह की इकाई आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से इस्तीफा दिया था. वहीं रविश कुमार का एनडीटीवी छोड़ने का कारण अडाणी समूह है जो अब इस समाचार चैनल के खरीदने के करीब पहुंच गये हैं और जल्द ही वो NDTV को पूरी तरह से टेकओवर कर लेंगे.
वहीं अभी तक अडाणी समूह ने आरआरपीआर का अधिग्रहण कर लिया था. आरआरपीआर के पास एनडीटीवी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है. हालांकि, रॉय दंपति के पास प्रवर्तक के रूप में एनडीटीवी में अब भी 32.26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और उन्होंने समाचार चैनल के निदेशक मंडल से इस्तीफा नहीं दिया है.
रविश कुमार का नया पता
एनडीटीवी को छोड़ने का ऐलान रवीश कुमार ने ट्विटर पर एक ट्वीट करके कहा है साथ ही उन्होंने अपना नए जगह काम करने की भी जानकारी दी है. रवीश कुमार ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ माननीय जनता, मेरे होने में आप सभी शामिल हैं। आपका प्यार ही मेरी दौलत है। आप दर्शकों से एकतरफ़ा और लंबा संवाद किया है। अपने यू- ट्यूब चैनल पर। यही मेरा नया पता है। सभी को गोदी मीडिया की ग़ुलामी से लड़ना है। आपका रवीश कुमार. इसी के साथ इन ट्वीट में उन्होंने ये विडियो का लीनक भी शेयर किया जसमे उन्होंने NDTV से इस्तीफा देने की बात करते हुए विडियो शेयर किया है.
ऐसे शुरू हुआ था रवीश का NDTV का सफर
रवीश कुमार ने NDTV में अपने सफर की शुरुआत बहुत नीचे पद से करी. वो 1996 में NDTV में शमिल हुए और उन्हें यहाँ पर चिट्ठियां छांटने का काम मिला. इसके बाद में उन्हें चैनल की ओर से रिपोर्टिंग करने का मौका मिला और फिर उनका एक शो भी आया जो कि हिट साबित हुआ और बहुत चर्चा में भी रहा. वहीं वर्ष 2019 में रवीश कुमार को प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. रेमन मैग्सेसे को एशिया का नोबेल भी कहा जाता है. यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है, जो एशिया में साहसिक और परिवर्तनकारी नेतृत्व के पर्याय हैं. अवॉर्ड देने वाले संस्थान ने रवीश को ‘Voice To The Voiceless’ कहा गया था.
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