हिमाचल प्रदेश को मिला नया सीएम
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) राज्य का अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है कांग्रेस (congress) के सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं जिसके बाद हिमाचल प्रदेश को कांग्रेस की तरफ से ‘दूधवाला’ मुख्यमंत्री मिल गया है.
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सुक्खू ने ली सीएम पद की शपथ
रविवार को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रिज मैदान पर हजारों लोगों की मौजूदगी में सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दोनों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला समेत कई केंद्रीय नेता मौजूद रहे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को हिमाचल के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर बधाई दी। उन्होंने लिखा कि मैं हिमाचल प्रदेश के संपूर्ण विकास के लिए पूरा सहयोग दूंगा।
जानिए कौन है सुखविंदर सिंह सुक्खू
सुखविंदर सिंह मूल रूप से हमीरपुर जिले के नादौन के रहने वाले हैं. वह लॉ ग्रेजुएट हैं. मौजूदा चुनाव में कांग्रेस के प्रचार समिति प्रमुख रहे सुक्खू नादौन सीट से ही विधायक निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीता है.
पिता ड्राइवर और खुद बेचते थे दूध
सुक्खू के पिता हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (Himachal Pradesh Road Transport Corporation) में ड्राइवर थे. आर्थिक हालात बहुत अच्छे नहीं होने के चलते सुखविंदर को भी रोजीरोटी के लिए छोटा शिमला (Chhota Shimla) में दूध बेचने का काउंटर चलाना पड़ा
ऐसे शुरू हुआ राजनीतिक सफर
प्रदेश के नए सीएम ने अपना राजनीतिक करियर कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) से शुरू किया था. साल 1989 में वह NSUI के प्रदेश अध्यक्ष बने, जबकि साल 1998 से 2008 तक हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. उनकी पहचान हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (Himachal Pradesh University) के एक्टिविस्ट के तौर पर रही है.
इस तरह हासिल किया मुख्यमंत्री का पद
वहीं सुखविंदर का चुनावी राजनीतिक सफर साल 1992 में शुरू हुआ था, जब वे शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए. इसके बाद साल 2002 से पहले वह एक बार फिर पार्षद बने. हिमाचल में उनके प्रभाव का अंदाजा इससे भी लग सकता है कि यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने पर उन्हें 2008 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव बनाया गया था. साल 2013 में वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी चुने गए. इस पद पर वे रिकॉर्ड छह साल तक रहे और अब राज्य के नए मुख्यमंत्री बन गये हैं.
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