तूफान की वजह से कई इलाकों में रेड अलर्ट
चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ (Cyclone Mandous) धीरे-धीरे और खतरनाक होता जा रहा है। शुक्रवार देर रात महाबलिपुरम (Mahabalipuram) और चेन्नई (Chennai) में तेज़ हवाएं चली है और अब यह तूफान तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तटीय इलाके में पहुंच चूका है। तूफान की आशंका को देखते हुए कई इलाकों में रेड अलर्ट (Red Alert) जारी कर दिया गया है और यहां तक की राज्य भर की स्कूलों और कॉलेजों की छुटियां कर दी गई है। भीषण तूफान और भारी बारिश की आशंका के कारण महाबलीपुरम को जोड़ने वाले हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी रोक दी गई है।
विशेषज्ञों को पहले ही हो जाता है आभास
जानकारों के अनुसार ऐसा तूफान हर साल तटीय इलाके में आता है, लेकिन मामलू सुविधा को छोड़ दे तो सरकार ने इसे रोकने लिए कुछ खास नहीं किया है। जानकारों ने यह बताया कि तूफान का आभास विशेषज्ञों को पहले ही हो जाता है, लेकिन सरकार शुरू में ऐसे तूफानों को लेकर गंभीर नहीं दिखती। हाँ जब यह तूफान जान और माल का नुकसान कर देते हैं तो सरकार बचाव कार्य और अन्य सुविधाओं के बारे में सोचना शुरू करती है।
48 से 56 घंटे तक लगातार बारिश
मीडिया ख़बरों के अनुसार मैंडूस तूफान के असर से 48 से 56 घंटे तक बारिश लगातार बरस सकती है। बारिस के साथ-साथ तेज हवाएं भी चलेगी जिस कारण से पेड़ों और मकानों को नुकसान पहुंच सकता है। प्रशासन ने गुरुवार से लेकर रविवार तक के लिए यह अलर्ट जारी किया है। लोगों को समुद्री तट से दूर रहने की हिदायत दी गई है और प्रशासन की सलाह पर अमल करने को कहा गया है। मौसम विभाग के चेतावनी के बाद राज्य भर में 13 जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया गया।
दक्षिण आंध्र प्रदेश की ओर चल पड़ा मैंडूस
अब यह मैंडूस तूफान तमिलनाडु में तबाही मचाने के बाद दक्षिण आंध्र प्रदेश की ओर चल पड़ा है। राज्य से जाते-जाते मैंडूस ने भारी तबाही मचाई। कई जिलों में तेज आंधी की वजह से सैकड़ों पेड़ जड़ से उखड़ गए और कई दीवारें गिर गई जिससे लोगों को काफी नुक्सान सहना पड़ा। हालांकि, NDRF और SDRF की टीम बचाव कार्य में लगी है। NDRF और SDRF की 40 सदस्यीय टीम मैदान पर मौजूद है लोगों के बचाव कार्य में लगी हुई है।
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