मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने 39 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. वहीं इस बीच शहला मसूद हत्याकांड भी चर्चा में आ गया है. दरअसल, बीजेपी के 39 उम्मीदवारों में एक नाम ध्रुव नारायण सिंह का भी है जो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटे हैं और साल 2008 से 2013 तक भोपाल मध्य सीट से विधायक रहे लेकिन साल 2013 में शहला मसूद हत्याकांड में उनका नाम आने के बाद बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था लेकिन इस बार उन्हें टिकट मिल गया है जिसके बाद अब शहला मसूद हत्याकांड भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
Also Read- हिमाचल के पहाड़ों पर आसमानी आफत की 7 खतरनाक तस्वीरें.
जानिए क्या है शहला मसूद हत्याकांड
कहते हैं शक की दवा नहीं होती है और ऐसा ही मामला शहला मसूद हत्याकांड था. ये मामला 2011 में हुआ था जब 16 अगस्त को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मशहूर आरटीआई कार्यकर्ता 38 वर्षीया शहला मसूद की उसके घर के बाहर कार में हत्या कर दी गई. जिसके बाद इस हत्याकांड की जाँच शुरू हुई और सीबीआई की इस मामले में एंट्री हुई और इस जाँच के दौरान कई सारे खुलासे हुए साथ ही इस मामले में बीजेपी नेता ध्रुव नारायण सिंह का नाम भी सामने आया.
सीबीआई ने खोले हत्याकांड के राज
इस मामले को 19 अगस्त, 2011 में सीबीआई को दे दिया गया और पता चला कि इस हत्याकांड के पीछे की कहानी एक लव ट्रायंगल है और इस हत्याकांड में 3 किरदार हैं. पहला जाहिदा परवेज, दूसरा ध्रुव नारायण सिंह और तीसरा किरदार शहला मसूद थी जो इवेंट मैनेजमेंट प्रोफेशनल होने के साथ आरटीआई कार्यकर्ता थीं. इस मामले में सबसे पहले 29 फरवरी, 2012 को जाहिदा परवेज आर्किटेक्चर कंपनी चलाने वाली शहला की हत्या के प्रमुख संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं इस गिरफ्तारी के दौरान जाहिदा की डायरी भी मिली और डायरी की वजह से कई सारे खुलासे हुए साथ ही कई सारे सबूत भी मिले.
डायरी से हुआ मामले का खुलासा
जो डायरी मिली थी उस डायरी में लिखा था ‘उसे उसके घर के सामने गोली मार दी गई. मैं सुबह से ही परेशान थी. अली ने 11:15 बजे फोन किया कि मुबारक हो साहिब, हमने उसके घर के सामने काम कर दिया. हत्या की बात सच है इसलिए मैंने अपने एक कर्मचारी को शहला के घर भेजा. उसके बाद मुझे सुकून मिला.’ इसी के साथ जो और सबूत हाथ लगे उनसे पता चला कि बीजेपी नेता ध्रुव नारायण सिंह के साथ जाहिदा के प्रेम संबंध थे. उनकी दूसरी प्रेमिका शहला थी और इस वजह से जाहिदा शहला को खत्म करना चाहती थी. इसके लिए उसने किराए के शूटरों की मदद से इस हत्याकांड को अंजाम दिया.
जाँच के दौरान मिले तारीख लिखे हुए यूज्ड कंडोम
इसी के साथ सीबीआई को जाहिदा की डायरी के साथ ध्रुव के साथ यौन संबंध की जानकारी एक सीडी और इस्तेमाल किये हुए कई कंडोम मिले जिन्हें प्लास्टिक की थैलियों में संभालकर रखा गया था और इनपर डेट भी लिखी गयी थी साथ ही थैली में रखे बालों का एक गुच्छा भी मिला. आरोपी जाहिदा से सीबीआई दफ्तर में की गई पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कुबूल कर लिया था और इसके बाद इस मामले में ध्रुव नारायण सिंह का नाम सामने आया जिसके बाद उन्होंने बीजेपी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा और इसके बाद सीबीआई ने उनसे भी पूछताछ की.
जाहिदा ने ध्रुव पर भी लगाया हत्या का आरोप
जो सीडी जाहिदा के पास से मिली उस सीडी को दिखाते हुए सीबीआई ने पूछताछ की और इस सीडी की वजह से ध्रुव ने सभी राज खोल दिए और सीबीआई ने सारे जवाब रिकॉर्ड कर लिए. इसके बाद जाहिदा से इन जवाबों पर सवाल किया गया और जाहिदा ने बताया कि हत्या की साजिश में ध्रुव भी शामिल थे और शहला की हत्या के लिए उन्होंने मुझे कई बार कहा था.
इस तरह को ध्रुव को मिली क्लीन चिट
वहीं इस मामले में जाँच के दौरान सीबीआई ने ध्रुव के फोन कॉल्स की जांच की और उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवाया जिसके बाद में उन्हें इस मामले में सीबीआई ने उन्हें क्लीन चिट दे दी. इस मामले में खुलासा हुआ कि जाहिदा परवेज को ऐसा लगा कि ध्रुव और शहला के बीच संबंध बन रहे हैं और जिस तरह उसके संबंध ध्रुव के साथ थे वैसे ही संबंध शहला के साथ भी है. दरअसल, ध्रुव और शहला के बीच संबंध साल 2000 से थे, और 2003 और 2007 के बीच भोपाल विकास प्राधिकरण के चेयरमैन के रूप में ध्रुव ने शहला के बिजनेस में मदद की थी और इसके लिए उन्होने अपनी राजनीती का भी पूरा फायदा उसे दिया और जब जाहिदा परवेज को शहला को लेकर शक पैदा हुआ तब प्यार मे पागल जाहिदा परवेज ने शहला की हत्या करवा दी और इसके बाद उसे इस हत्याकांड की सजा मिली लेकिन 2017 में ज़ाहिदा हाई कोर्ट से ज़मानत मिल गई थी.
Also Read- 6 रुपये छुट्टे के चक्कर में चली गई सरकारी नौकरी, यहाँ समझिये पूरा मामला.