SC: देश को शक्तिशाली चरित्र वाले CEC की जरूरत, जमीनी स्थिति है चिंताजनक

SC: देश को शक्तिशाली चरित्र वाले CEC की जरूरत, जमीनी स्थिति है चिंताजनक

शक्तिशाली चरित्र वाले CEC की जरूरत

देश में इस चुनावी मौसम में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) पर टिपण्णी करना केंद्र और राज्य सरकारों के चुनावी धांधली की ओर इशारा कर रहा है।  सर्वोच्च न्यायालय ने CEC को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि संविधान ने मुख्य चुनाव आयुक्त के “नाजुक कंधों” पर भारी शक्तियां निहित की हैं और यह जरुरी है कि “एक मजबूत चरित्र वाले व्यक्ति” को इस पद पर नियुक्त किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने यह सब कुछ चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रणाली में सुधार की मांग वाली एक याचिका पर कहा है। न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

Also read- तिहाड़ में 5 स्टार खाने का लुत्फ़ उठाते सत्येंद्र जैन, वीडियो हुआ वायरल : Satyendar Jain viral video series

CEC और EC की नियुक्तियों के लिए कानून की जरूरत

सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ CEC के पद के बारे में ही नहीं बोला, बल्कि CEC और EC के नियुक्तियों को लेकर भी टिप्पणी की है। पांच जजों की पीठ ने कहा कि संविधान की चुप्पी का फायदा उठाने और चुनाव आयुक्तों (EC) और मुख्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्तियों को नियंत्रित करने वाले कानून की गैरमौजूदगी परेशान करने वाली बात है। अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 324 का जिक्र करते हुए आगे कहा कि यह ऐसी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया प्रदान नहीं करता है। इसके अलावा, इस अनुच्छेद में संसद द्वारा एक कानून बनाने की परिकल्पना की थी, जो पिछले 72 वर्षों में नहीं किया गया है और केंद्र ने इसका दोहन किया है।

देश को टी एन शेषन जैसे चाहिए CEC

देश के सुप्रीम कोर्ट ने टी एन शेषन को याद करते हुए कल यह भी कहा था कि ”जमीनी स्थिति खतरनाक है” और वह दिवंगत टी एन शेषन जैसा CEC चाहती है, जिन्हें 1990 से 1996 तक चुनाव आयोग के प्रमुख के रूप में महत्वपूर्ण चुनावी सुधार लाने के लिए जाना जाता है। अदालत ने अपनी यिपणी में आगे कहा कि, “अब तक कई CEC रहे हैं, मगर टीएन शेषन जैसा कोई कभी-कभार ही होता है। हम नहीं चाहते कि कोई उनकी छवि को ध्वस्त करे।  तीन लोगों (CEC और दो चुनाव आयुक्तों) के नाजुक कंधों पर बड़ी शक्ति है, हमें CEC के पद के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति खोजना होगा।

1990 से उठाया जा रहा यह मुद्दा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि “जमीनी स्थिति चिंताजनक है., हम जानते हैं कि सत्ता पक्ष की ओर से विरोध होगा और हमें मौजूदा व्यवस्था से आगे नहीं जाने दिया जाएगा।” अदालत ने सरकार पर अपनी टिप्पणी में आगे कहा कि “लोकतंत्र संविधान का एक बुनियादी ढांचा है और इस पर कोई बहस नहीं है। हम संसद को भी कुछ करने के लिए नहीं कह सकते हैं और हम ऐसा नहीं करेंगे। हम सिर्फ उस मुद्दे के लिए कुछ करना चाहते हैं, जो 1990 से उठाया जा रहा है।”

Also read- श्रद्धा मर्डर केस : 2 साल पहले श्रद्धा ने पुलिस से की थी शिकायत, आफताब ने रची है ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने की साजिश

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here