नकली के चक्कर में लोग हो जाते है गलत जानकारी के शिकार
‘नमस्कार, मै रविश कुमार’ ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा और यह डायलॉग भारतीय मीडिया में बहुचर्चित है। भारतीय मीडिया के विख्यात रविश कुमार (Ravish Kumar) का एक वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो राह है। उन्होंने इस वीडियो में सोशल मीडिया पर बढ़ रहे उनके नाम से चलने वाले डुप्लीकेट अकाउंट को लेकर अपने फैंस को सचेत किया है। उन्होंने वीडियो में कहा है कि, “जब असली सामने है तो नकली के पीछे क्यों भागना”। आज कल मेरे नाम से बने डुप्लीकेट अकाउंट को लोग फॉलो करने लगे है जिससे कभी-कभी लोग गलत जानकारी का भी शिकार हो जाते हैं।
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रविश कुमार ने नकली के बारे में बताते हुए कहा कि ये देश वैसे ही नकली इंसान और चीजों के पीछे भाग रहा है। नकली चीजों की आदत तो बहुत जल्दी लग जाती है पर इससे पीछा छुड़ाना बहुत ही मुश्किल होता है। वो आगे अपने दर्शकों को सावधान करते हुए कहते है कि नकली चीजों के अंदर हर दिन और ज्यादा नकली बनने की होड़ होती है, चाहे ये फिर कोई नकली इंसान हो या नेता। नकली चीज हमेशा अलग-अलग रूप बदल कर आपको इधर-से-उधर भटकाता रहेगा।
सड़क में नकली चीजों का इस्तेमाल, सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण
उन्होंने अपने नाम से नकली चैनलों को बनाने वाले से अनुरोध किया है की वो इसे बंद कर ,असली की पहचान को बरकरार रहने दे। उन्होंने नकली-असली के बारे में बताते हुए FICCI (The Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry) का भी जिक्र किया। FICCI उद्योगों की एक संस्था है जो नकली चीजों के इस्तेमाल से हुई नुकसान के बारे में अध्यन करवाती है और प्रकाशित भी करते रहती है।
उन्होंने FICCI द्वारा 2017-18 में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सड़क में नकली चीजों के इस्तेमाल, सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण बन गया है, और इन नकली चीजों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग 125 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। इन नकली चीजों के कारण 16 लाख से ज्यादा रोजगार प्रभावित होते है। आज-कल नकली चीजों का प्रचलन सब जगह है, पर ये नकली चीजें मूल रूप से पांच सेक्टरों को ज्यादा प्रभावित कर रही है। इनमे तम्बाकू, कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट, इलेक्ट्रॉनिक सामान और मशीनी कल-पुर्जे आते हैं। रविश कुमार FICCI के दूसरे रिपोर्ट का हवाला देकर बोलते हैं कि जो लोग नकली चीजे खरीदते हैं उनमे से 80% लोग उसे असली ही समझते हैं।
लोग माँ गंगा की कस्मे खा कर बातों को सच्चा दिखाने की कोशिश करते हैं
सोशल मीडिया पर आज-कल नकली चैनलों, पेज और पोस्ट का प्रचलन चला हुआ है। इसी को लेकर रविश ने अपने वीडियो में बताया कि जो लोग किसी के नाम पर नकली ट्विटर हैंडल बना लेते है, नकली पेज बना लेते है वो उस वयक्ति के आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक नुकसान भी करते हैं।
उन्होंने अपने वीडियो में असली-नकली को राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि लोग माँ गंगा की कस्मे खा कर अपनी बातों को सच्चा दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन गंगा की सफाई आज-तक नहीं हुई। माँ गंगा तो आज तक साफ़ नहीं हुई और अब तो उससे जुड़े सवालों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है। रविश ने जनता को सरकार से सीधे सवाल पूछने को भी कहा, ताकि सरकार भी जवाब के चक्कर में बातों को ना घुमा पाए।
नकली चीजों का प्रचलन खत्म करने का आ गया समय
उन्होंने अपने दर्शकों से ये भी अनुरोध किया है की अब वो समय आ गया है जब नकली चीजों का प्रचलन खत्म किया जाये। इसी से अब नए रास्ते की शुरुआत होगी। अगर आप नकली पन के पीछे भागना बंद करेंगे तो आपके अंदर से खुद-ब-खुद बहुत सारी असली चीजें बाहर आएंगी। रविश ने अपने दर्शकों को नकली नेताओं के पीछे चलने से भी मना किया है। अगर आप सही सवालों के साथ चलते है तो आपको पता चलेगा की नकली नेताओं ने आपके अंदर से किस तरह असली चीजों के पहचान की ताकत को ख़त्म कर दी है। उन्होंने अपने वीडियो के अंत में अपने दर्शकों से अपने ऑफिसियल चैनल को सक्रीय रखने का वादा भी किया।
असली-नकली का फर्क होना है जरुरी
रविश के इस वीडियो से आपको यह तो समझ आ गया होगा की सोशल मीडिया के इस जवाने में नकली का खेल किस तरह बढ़ रहा है और ये असली चीजों को किस तरह ख़त्म किया जा रहा है। इसलिए भारतीय नागरिकों के अंदर असली-नकली के पहचान का ज्ञान होना बहुत जरुरी है चाहे वो किसी का यूट्यूब चैनल हो या फिर देश के राजनेता।