बिहार के बक्सर जिले में किसान प्रदर्शन हुआ हिंसक
बिहार के बक्सर जिले में किसान प्रदर्शन (farmers demonstration) कर रहे हैं और ये प्रदर्शन थर्मल पावर प्लांट (thermal power plant) के लिए जमीन अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर है. वहीं अब किसानों का ये प्रदर्शन उग्र हो गया। वहीं इस प्रदर्शन उग्र होने के बाद यहां से चार पुलिसकर्मी के घायल होने की खबर समाने आई है.
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जानिए क्या है मामला
दरअसल, चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण (land acquisition) 2010-11 से पहले ही किया गया था. किसानों को 2010 -11 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा मिला. कंपनी ने 2022 में जमीन अधिग्रहण करने की कर्रवाई शुरू की तो किसान अब वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के मुआवजा मांग रहे हैं.
वहीं किसानों का आरोप है कि कम्पनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है. इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे है.
85 दिनों से चल रहा है प्रदर्शन
किसान 85 दिन से ये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने मंगलवार को प्लांट के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और धरने पर बैठ गए। उस समय पुलिस ने कुछ नहीं किया, लेकिन रात को पुलिस ने बनारपुर गांव में घुसकर मारपीट की। चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया और इसी के साथ इस प्रदर्शन के हिसंक होने की शुरुआत हुई.
बुधवार को हिंसक हो गया प्रदर्शन
वहीं बुधवार सुबह किसान लाठी-डंडे लेकर पुलिस और पावर प्लांट पर टूट पड़े। इसी के साथ पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी। एंबुलेंस, फायरब्रिगेड समेत 13 गाड़ियां फूंक दीं गयी और प्लांट के गेट पर भी आगजनी की गई। वहीं इसके पुलिस ने हवाई फायरिंग करके भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की। दोनों तरफ से बीच-बीच में पत्थरबाजी भी हुई। इसमें चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. वहीं इस विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद DM, SDM और DSP समेत जिले के थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई है.
बिहार को मिलेगा बिजली का 85% हिस्सा
आपको बता दें, PM नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 1320 मेगावाट के इस प्लांट की आधारशिला 9 मार्च 2019 को रखी थी। ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी वाले इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 11,000 करोड़ रुपए है। इसे केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार की संयुक्त स्वामित्व वाली SJVN (सतलुज जल विद्युत निगम) बना रही है।अभी तक 75% काम पूरा हो गया है। इस प्लांट से 9828 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। करार के अनुसार संयंत्र से उत्पादित बिजली का 85% बिहार को दिया जाएगा। वहीं जिला भू-अर्जन कार्यालय के अनुसार चौसा क्षेत्र के चौदह गांवों के मौजे के 137.0077 एकड़ जमीन पर रेल कॉरिडोर बनना है। इसके लिए 55.445 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की जाएगी।
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