
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव अब नहीं रहे. 82 साल की उम्र में उन्होंने 8 अक्टूबर सोमवार को सुबह 8 बजे आखिरी सांस ली. मुलायम स्सिंह जहाँ उत्तर प्रदेश के 3 बार मुख्यमंत्री बने. वहीँ एक बार उन्हें रक्षा मंत्री भी बनाया गया और रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने एक फैसला लिया था और इस फैसले ने सैनिकों के परिवार के दिलों में जीत लिया.
मुलायम सिंह यादव 1 जून 1996 से 19 मार्च 1998 तक रक्षा मंत्री रहे हैं. वहीँ इस दौरान इस रक्षा मंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने एक बड़ा और अहम फैसला लिया था.
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रक्षा मंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने फैसला लिया था कि अगार कोई भी सैनिक शहीद होता है तो उस शहीद सैनिक का शव सम्मान के साथ उसके घर पहुंचाया जायेगा. दरअसल, आजादी के बाद से कई सालों तक अगर सीमा पर कोई जवान शहीद होता था, तो उनका शव घर पर नहीं पहुंचाया जाता था. उस समय तक शहीद जवानों की टोपी उनके घर पहुंचाई जाती थी.
मुलायम सिंह यादव ने रक्षा मंत्री रहते हु कानून बनाया कि अब से कोई भी सैनिक अगर शहीद होता है तो उसका शव सम्मान के साथ घर तक पहुंचाया जाए..मुलायम सिंह यादव ने फैसला लिया था कि शहीद जवान का शव पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाया जाएगा. वहीं डीएम और एसपी शहीद जवान के घर जाएंगे.
वहीं मुलायम के इस फैसले के बाद सैनिकों और उनके परिवार के दिल जीत लिया. इस फैसले के बाद सैनिकों को इस बात का विश्वास था कि आखिरी समय में उनके घरवाले उन्हें देख पाएंगे. वहीं घरवालों को इस बात का विश्वास था कि वो आखिरी समय में अपने घर से फौज में गये लड़के का सैनिक शव देख पाएंगे.
आपको बता दें, मुलायम सिंह यादव पहले शिक्षक थे जिन्होंने राजनीती में कदम रखा. वहीं 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव जीता और सबसे कम उम्र में विधायक बनकर राजनीतिक करियर शुरू किया. मुलायम सिंह यादव 10 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे हैं और देश के रक्षा मंत्री भी रहे. वहीं वो 3 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे.
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