केंद्र की तरफ से किसानों को सौगात
केंद्र सरकार की तरफ से एक-के-बाद-एक किसानों को इस त्योहार के महीने में उपहार की सौगात मिल रही है। कल ही प्रधानमंत्री ने किसान सम्मान निधि योजना की धन राशि किसानों के खातों में डलवा था और आज यानि की 18 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने देश में खाद्यान्नों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने बढ़ाया रबी फसलों का MSP
आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक कैबिनेट बैठक में रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत रबी फसलों के MSP (Minimum Support Price) में 100 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति क्विटंल तक की बढ़ोतरी की गई है। केंद्र ने रबी सीजन की सबसे ज्यादा उपजाऊ फसल गेहूं के MSP में 110 रुपये प्रति क्विटंल की बढ़ोतरी कर इसे 2125 रुपये प्रति क्विटंल कर दिया है। पिछले सीजन के लिए गेहूं का एमएसपी 2015 रुपये प्रति क्विवंटल था।
गेहूं पर 100 तो मसूर पर 500 रूपये की बढ़ोतरी
रबी फसलों के पिछले सीजन में गेहूं के उत्पादन में गिरावट देखि गई थी जिस कारण सरकारी खरीद में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। इसकी वजह गेहूं की कीमतों को MSP से अधिक रहना बताया जा रहा था। सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी खुले बाजार में गेहूं की कीमत वर्तमान में 2500 रुपये प्रति क्विटंल के आसपास चल रही हैं। ऐसे में गेहूं के MSP में बढ़ोतरी को कम आंका जाएगा।
CACP की सभी सिफारिशों को मिली मंजूरी
मोदी सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन (2023-24) के लिए घोषित MSP में सबसे अधिक 500 रुपये प्रति क्विटंल की बढ़ोतरी मसूर के MSP में की है। इस बढ़ोतरी के साथ मसूर का MSP 5500 रुपये प्रति क्विटंल से बढ़ कर 6000 रुपये प्रति क्विटंल हो गया है। कैबिनेट बैठक में सरसों की MSP को भी 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दी गई थी। वहीं दूसरी तरफ जूट की MSP में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। कैबिनेट बैठक में कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सभी सिफारिशों को मंजूरी मिली है। बता दें कि CACP ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की MSP में 9% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।
क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य? सरकार क्यों तय करती है MSP?
सरकार, किसानों से फसल खरीदती है जिसके लिए किसानों को MSP या न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है। ऐसे में सरकार किसानों से जिस भाव पर फसल खरीदती है उसे ही न्यूतम समर्थन मूल्य या MSP (Minimum Support Price) कहा जाता है। किसी फसल का MSP इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल का उचित न्यूनतम मूल्य मिल सके। फिलहाल, केंद्र सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में पैदा होने वाली 23 फसलों के लिए MSP तय करती है।