भारत का संविधान, जिसका निर्माण एक राजनीतिज्ञ 9 भाषाओं का ज्ञानी था और कुल 32 डिग्रियां के धारक बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा किया गया था. हमारा संविधान हमारे देश की शान है, लेकिन अब इसे बदलने की बात चल रही है. ऐसा नहीं है कि पहले ऐसी बातें नहीं हुई है पर अबकी बार केंद्र सरकार के मंत्रियो के बयान आ रहे है कि “सविधान गुलामी का प्रतीक है, अंग्रेजो द्वारा दिया गया गुलामी का तोहफा है”. बाबा साहेब ने संविधान बनाने में पूरी संविधान परिषद के साथ मिलकर 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में यह संविधान पूरा किया था जिससे बनाने के लिए बाबा साहेब ने दिन रात एक कर दिया था, विभिन्न देशो के सविधान से अपने देश के लिए एक एक बेहतरीन चीजें इकठी की, ताकि हमारे देश के संविधान से हमारे देश की व्यवस्था चलाई जा सके. संविधान बनाते समय छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी बातों का ध्यान रखा गया था, जिससे देश के हर नागरिक को समानता, स्वतन्त्रता से जीने का मौका मिले. इतनी मुश्किलों का सामना करके बाबा साहेब ने संविधान बनाया था अब उसी संविधान को मोदी सरकार द्वारा बदलने की बात हो रही है. जिसके खिलाफ दलित समाज और बहुमत समाज के लोग का विरोध देखने को मिल रहा है.
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मोदी सरकार की मांग… बदलना है बाबा साहेब का संविधान
जब बाबा साहेब द्वारा लिखी एक किताब के कुछ हिस्सों को बदलने की बात चल रही थी तो दलित और बहुमत समाज पूरे देश में सड़कों पर उतर आया था, अब तो बाबा सह्व्ब द्वारा लिखा देश का संविधान बदलने की बात चल रही है अब क्या करेंगे बाबा साहेब के चाहने वाले ? आपनो क्या लगता है बाबा साहेब द्वारा बनाया गया यह संविधान बदल दिया जायेगा? या अबकी बार फिर होगी बाबा साहेब की जीत ?
बाबा साहेब के संविधान को बदलने की मांग करने वाले व्यक्ति ‘बिबेक देबरॉय’ है जो मोदी सरकार के आर्थिक मामलो का सलाह देने वाली समिति के चेयरमैन है. बिबेक देबरॉय ने मौजूदा संविधान को बदलने की मांग की है यानि कि मोदी सरकार के सलाहकार सीधे तौर पर कह रहे है कि हमे संविधान बदल देना चाहिए. उन्होंने ‘livemint’ में एक लेख लिखा है जिस लेख में उन्होंने दलीले दी है कि पुराना संविधान जिसे बाबा साहेब ने लिखा है उसमे कई कमियां है, दुनिया में नए सविधान बन रहे है हमारे देश को भी नया संविधान बना चाहिए. उन्होंने कई दलीले दी है कि कैसे सविधान में जो सहिंताये है, जिस तरह के प्रावधान है उनमें बदलाव होने चाहिए, चाहे वो राज्य के नीतिनिर्देश हो या जजों की नियुक्ति हो. इस तरह की उन्होंने कई दलीले दी और कहा की हमे सविधान को बदल देना चाहिए.
बिबेक देबरॉय द्वारा लिखा लेख अब सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है, सोशल मीडिया पर जिसके खिलाफ लोग अपना विरोध दिखा रहे है, दलित और बहुजन समाज द्वारा यह लेख उनके बाबा साहेब पर हमले की तरह देखा जा रहा है क्योंकि संविधान को बदलने की मांग करने वाला व्यक्ति कोई छोटा मोटा व्यक्ति नहीं है जो संगी दिमाग का व्यक्ति हो और ऐसे ही बयानबजी कर रहा है, यह व्यक्ति एक उच्चे पद पर है इसीलिए इनके खिलाफ लोग भड़क गए है और सोशल मीडिया पर लगातार मोदी सरकार के सलाहकार बिबेक देबरॉय को धमकी दे रहे है. आप सभी जानते है कि संविधान को बदलने की बात लम्बें समय से चलती आ रही है अटल बिहारी वाजपयी के सरकार ने भी 2002 में एक समिति बनाई थी जिसको यह काम सौंपा गया था कि वहां संविधान की समीक्षा करें कि उसे बदला जा सके पर बाद में उनकी सरकार सत्ता से हट गयी और वो काम वहीं रुक गया था अब मोदी सरकार में फिर से संविधान को बदलने के बात चल रही है.
बाबा साहब का अपमान करने वाले की गिरफ्तारी की मांग
मोदी सरकार के सलाहकार बिबेक देबरॉय द्वारा संविधानको बदलने की मांग पर दलित और बहुजन समाज भड़क गए है उनका कहना है कि मोदी बिबेक देबरॉय ने हमारे बाबा साहेब का अपमान किया है, दलित और बहुजन समाज इस बात पर अघ्रोस में देखा जा रहा है उनका कहना है कि हमारे बाबा साहेब के अपमान करने वाले पर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए. बाबा साहेब के चाहने वाले बिबेक देबरॉय की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है.
हमारे संविधान को बदलने की बात काफी समय से हो रही है, पर जो हिन्दुतत्व की राजनीति करने वाली पार्टिया है, जो एक खास विचारधारा, खास जाति, एक खास तरह की सोच को आगे बढने की बात करती है उनकी लगातार यह कोशिश रहती है कि बाबा साहेब द्वारा लिखा भारतीय संविधान, जो सभी को समानता, स्वतन्त्रता, मताधिकार , अभिव्क्यति आदि का अधिकार देता है उसे बदल दिया जाये.
क्यों बाबा साहेब के संविधान को बदलने की मांग हो रही है ?
यह बात तो सभी लोग जानते होंगे कि मोदी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही है और 2024 में फिर से चुनाव आने वाले है ऐसे में मोदी सरकार के सलाहकार का संविधान बदलने की बात कहना काफी गंभीर हो सकता है. पहले मोदी सरकार का ‘दिल्ली सेवा बिल’ फिर ‘अपराधिक कानून व्यवस्था’ में बदलाव और अब संविधान को बदलने की मांग…. इस क्रम को देख कर लग रहा है कि देश को मोदी सरकार पूरे देश को तानाशाह बनाने में लगी है .. तभी तो एक बार फिर बाबा साहेब द्वारा लिखे संविधान पर हमला हो रहा है.
यह बात किसी से नहीं छुपी है कि मोदी सरकार का झुकाव हिन्दू समाज की तरफ है और ऐसी सरकार का सत्ता में आना कितना घातक हो सकता है जो किसी एक विचारधारा को आगे ले जाना चाहती है. तानाशाह और लोकतंत्र के बीच में हमारे देश का संविधान खड़ा है जो हर व्यक्ति को समानता का अधिकार देता है आपको क्या लगता है कि क्या बाबा साहेब का संविधान जो प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करता है उसको बदलने की मांग पर आगे क्या होगा.
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