Top 5 Slogans of Kanshiram in Hindi – दलित समाज जिन्हें आज के समय में जाति के नाम का भेदभाव झेलना पड़ता है और इस समाज को उनका हक दिलाने के लिए कई सारे दलित नेता आये और दलित समाज के लोगों के लिए काम किया. वहीं इन नेताओं में बसपा के संस्थापक कांशीराम भी थे जिन्होंने दलित समाज को उनका हक दिलाने के लिए जहाँ अपना घर तक छोड़ दिया तो वहीं दलितों के उत्थान के लिए कई सारे नारे भी दिए. जिसे लेकर आज भी हंगामा होता है.
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ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया छोड़, बाकी सब हैं DS-4
जातिवाद का भेदभाव का झेल चुके कांशीराम ने “ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया छोड़, बाकी सब हैं DS-4.” नारा दिया था और ये नारा कांशीराम ने साल 1981 में दिया. ये वो समय था जब दलित समाज के हित के लिए काशीराम ने दलित शोषित समाज संघर्ष समिति यानी कि डीएस-4 का गठन किया और इस दौरान उन्होंने नारा दिया- ‘ठाकुर-बनिया-बाभन छोड़। बाकी सब हैं डीएस-फोर।’ ये नारा इतना प्रभावशाली था कि भारी संख्या में दलित कांशीराम के पीछे जुट गये.
तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार
वहीं दलितो को अधिकार दिलाने के लिए कांशीराम ने एक और नारा दिया और ये नारा तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार. ये नारा काशीराम ने 90 के दशक में दिया था. दलित समुदाय के लोगों के साथ हो रहे बुरे बर्ताव से कजे दौरन दिया था. कांशीराम के इस विवादित नारे में तिलक ब्राह्मण, तराजू वैश्य और तलवार क्षत्रिय समुदाय को प्रदर्शित करता है. इस नारे में दलित समुदाय के साथ सदियों से जाति के नाम पर हो रहे शोषण को लेकर बेहद गुस्सा दिखाई देता है और यही गुस्सा कांशीराम को आँखों में था.
वोट हमारा- राज तुम्हारा नहीं चलेगा-नहीं चलेगा
1983 से 1984 में जब कांशीराम दलित समाज के संगठन की राजनैतिक स्थिति मजबूत कर रहे थे तब उन्होने वोट हमारा- राज तुम्हारा। नहीं चलेगा-नहीं चलेगा जैसे नारा दिया साथ ही ये भी ऐलान किया कि जिसकी जितनी संख्या भारी. उसकी उतनी हिस्सेदारी ये नारे कांशीराम ने अपनी पार्टी को मजूबत करने के लिए दिया था.
आरक्षण से लेंगे एसपी-डीएम – Top 5 Slogans of Kanshiram
वहीं कांशीराम ने एक और नारा दिया और ये नारा “वोट से लेंगे CM/PM, आरक्षण से लेंगे SP/DM” था. और इस नारे कांशीराम ने चुनाव के दौरान वोट के जरिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद और आरक्षण के जरिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और पुलिस सुपरिटेंडेंट के पद लेने की बात कही गई थी.
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