सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ (Sikkim Flood) आ गयी और अचानक आई इस बाढ़ के कारण यहाँ पर भारी तबाही मच गयी. इस बाढ़ के कारण जहाँ निचले इलाकों में शव मिल रहे है तो वहीं अभी तक यहाँ सेना के जवानों के साथ-साथ कई लोग गायब हैं. जहाँ इस बाढ़ के कारण 26 लोगों की मौत हो गई और करीब 140 लोग लापता हो गए हैं.
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सिक्किम में इस कारण आई बाढ़
जानकारी के अनुसार, राज्य में ये बाढ़ उत्तर-पश्चिम में 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमनद झील लगातार बारिश के कारण नीचे की ओर अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण फट गई और बाढ़ आ गई.
सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से राज्य में 11 पुल बह गए. इसी के साथ राज्य के चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइनें और कच्चे और पक्के 277 घर क्षतिग्रस्त हो गए. चुंगथांग शहर में बाढ़ से 80 प्रतिशत हिस्सा बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. राज्य के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण NH-10 के कई हिस्सों को भी क्षति पहुंची है.
वहीं इस आपदा में लापता 102 लोगों में से 59 लोग पाकयोंग से हैं, जिसमें सैन्यकर्मी भी शामिल हैं. गंगटोक से 22, मंगन से 16 और नामचि से पांच लोग लापता हैं. इस दौरान कुल 26 लोग घायल हुए हैं.
सेना के जवान भी हुए बाढ़ में गायब
वहीं इस बाढ़ सेना के 23 जवान भी गायब हो गये थे जिसको लेकर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Sikkim CM Prem Singh Tamang) ने शुक्रवार को बताया कि बरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के अलग-अलग हिस्सों से बरामद किए गए हैं. जबकि एक को बचा लिया गया. वहीं बाकी लापता जवानों की तलाश सिक्किम और उत्तर बंगाल में जारी है.
वहीं मुख्यमंत्री तमांग ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से राज्य को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सीएम ने पीएस गोले के नाम से चर्चित तमांग ने पाकयोंग जिले के रंगपो शहर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को बचाना और उन्हें तत्काल राहत प्रदान करना है.
बाढ़ के कारण 25,000 लोग हुए प्रभावित
इस प्राकृतिक आपदा से लगभग 25,000 लोग प्रभावित हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से बात की है और स्थिति पर चर्चा की. तमांग ने कहा कि उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि राज्य को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी.
इसी के साथ सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा है कि अब तक बाढ़ के कारण फंसे 2,411 लोगों को निकाला गया है. बाढ़ से विस्थापित कुल 7,644 लोगों ने चार प्रभावित जिलों के 26 राहत शिविरों में शरण ली है. लापता लोगों की तलाश जारी है, जबकि प्रशासन और रक्षा बल फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के प्रयास कर रहे हैं.
केंद्र सरकार ने की मदद
वहीं केंद्र सरकार की तरफ से सिक्किम को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से अग्रिम राशि के रूप में 44.8 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी है. वहीं अब अमित शाह के निर्देश के बाद, गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का गठन किया है. जो ग्लेशियर झील के फटने से बाढ़ आने (जीएलओएफ) और बादल फटने के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द सिक्किम के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी.