जिल्लू यादव ने आतंकियों का किया था सामना
26/11 ये वो तारिख जब देश में कुछ आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हमला कर दिया था. इस हमले के बाद कई लोगों की जान चली गयी थी साथ ही पुलिस के कई अधिकारी भी इस हमले में मारे गये थे. वहीं इस बीच इस हमले में अजमल कसाब और अबू इस्माइल आतंकियों से लड़ने वाले रिटायर आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर जिल्लू यादव का आज निधन हो गया है.
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कार्डिक अरेस्ट की वजह से हुआ निधन
जिल्लू यादव 65 उम्र के थे और उनकी मौत कार्डिक अरेस्ट की वजह से हुई है. उन्होंने मोहाव स्थित अपने पैतृक आवास में अंतिम सांस ली। पांच वर्ष पूर्व आरपीएफ से सेवानिवृत्त होने के बाद अपनी पत्ती और चार बेटों संग गांव में रहने लगे थे।
26/11 हमले में आतंकियों से लड़ी थी लड़ाई
जिल्लू यादव ने 26/11 हमले के दौरान जब कसाब और इस्माइल छत्रपति शिवाजी टर्मिनल में यात्रियों पर हमला करने पहुंचे तो उस वक्त जिल्लू यादव ड्यूटी पर थे। वहीं उनकी आंखों के सामने ही दोनों आतंकी कसाब और इस्माइल यात्रियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे। रेलवे स्टेशन को देखकर जिल्लू यादव को कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने फौरन जीआरपी के हाथों में मौजूद राइफल्स 303 बंदूक छीनकर दोनों ही आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की। जिल्लू यादव के हाथों से चली गोलियों ने दोनों ही आतंकियों को विचलित कर दिया। जिसके बाद दोनों ने खुद को बचाने के लिए केमा अस्पताल की तरफ भाग गया.
जिल्लू यादव को हुआ था अफसोस
वहीं जब आतंकी कसाब और इस्माइल रेलवे स्टेशन से केमा अस्पताल की तरफ भाग गये. तब तक 50 से ज्यादा यात्री इन दोनों की गोलियों का शिकार बना चुके थे वहीं महेंद्र अपने भाई जिल्लू की शौर्य गाथा याद करते हुए कहते हैं कि उनके भाई के जेहन में अभी-भी इस बात को लेकर पछतावा है कि अगर उन्होंने उन दोनों ही आतंकियों को मार दिया होता, तो कई यात्रियों की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन, अफसोस वो ऐसा करने में नाकाम रहे। वहीं यादव को उनके अदम्स साहस के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल और 10 लाख रुपए के पुरुस्कार भी मिला था.
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