चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के बाद इसरो (ISRO) चीफ एस सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम में पूर्णमिकवु भद्रकाली मंदिर में जाकर पूजा की और इस दौरान वो चर्चा में रहे हैं. वहीं अब इसरो (ISRO) चीफ एस सोमनाथ ने गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के सफल ट्रायल के कुछ दिनों बाद तिरुवनंतपुरम के पूर्णमिकवु (Purnamikvu) मंदिर में विजयदशमी (Vijayadashami) के दिन मत्था टेका. इससे पहले भी कई मौकों पर इसरो (ISRO) चीफ एस. सोमनाथ भगवान का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. वहीं हर मिशन के बाद मंदिर जाना और भगवान का आशीर्वाद लेने को लेकर इसरो (ISRO) चीफ ने एक बात कही.
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भगवान पर आस्था पर बोले इसरो चीफ
इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने कहा कि “मैं एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तौर पर स्पेस के रहस्यों को सुलझाने की कोशिश करता हूं, रॉकेट बनाता हूं. मैं ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए मन के अंदर और मन के बाहर दोनों तरह से कोशिश करता हूं.” इसी के साथ मंदिर में आने को लेकर इसरो चीफ ने कहा कि उनका भगवान के साथ एक खास कनेक्शन है, इसलिए वह हमेशा मंदिर आते हैं.
गगनयान मिशन पर भी बोले इसरो चीफ
वहीं इसरो चीफ ने गगनयान मिशन को लेकर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि चूंकि अंतरिक्ष यात्रियों का चयन और प्रशिक्षण पहले ही किया जा चुका है, इसलिए गगनयान के शुरुआती मिशन में महिलाओं की भागीदारी संभव नहीं होगी. गगनयान मिशन का उद्देश्य मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है. उन्होंने भविष्य के गगनयान अभियानों में महिलाओं की अधिक भागीदारी की भी आशा व्यक्त की. उन्होंने ये भी कहा, “अंतरिक्ष अभियानों में अधिक महिला अंतरिक्ष यात्री मेरी इच्छा सूची का हिस्सा हैं और मैंने केवल प्रधानमंत्री सहित राष्ट्र की आवाज उठाई है.”
वहीं इसरो अध्यक्ष ने कहा था कि अंतरिक्ष एजेंसी अपने बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान के लिए महिला लड़ाकू प्रशिक्षण पायलटों या महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता देगी और भविष्य में उन्हें भेजना संभव है. उन्होंने यह भी कहा था कि इसरो अगले साल अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष यान पर एक महिला ह्यूमनॉइड को भेजेगा, जो मानव जैसा दिखने वाला रोबोट होगा.
ISRO को मिल चुकी हैं ये बड़ी कामयाबी
आपको बता दें, चंद्रयान 3 मिशन के सफल होने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सूरज पर रिसर्च करने के लिए आदित्य L1 मिशन को लॉन्च किया और इस मिशन में भी ISRO को सफलता मिली. वहीं इस बीच अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन लॉन्च किया है और इस मिशन में भी ISRO को कामयाबी मिली है.
इस गगनयान मिशन का मकसद भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और चालक बचाव प्रणाली के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है. वहीं इस गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है और इस वजह से क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन पूरे गगनयान कार्यक्रम के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है.