चंद्रयान 3 मिशन के सफल होने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सूरज पर रिसर्च करने के लिए आदित्य L1 मिशन को लॉन्च किया और इस मिशन में भी ISRO को सफलता मिली. वहीं इस बीच अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन लॉन्च किया है और इस मिशन में भी ISRO को कामयाबी मिली है.
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10 बजे लॉन्च हुआ गगनयान मिशन
जानकारी के अनुसार, ISRO के महत्वकांक्षी गगनयान मिशन (Gagnayaan Mission) के तहत पहले मानव रहित उड़ान यान डी1 मिशन के तहत लॉन्च पैड से प्रक्षेपण के समय में बदलाव कर इसे सुबह साढ़े आठ बजे कर दिया गया.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वकांक्षी गगनयान मिशन (Gagnayaan Mission) के तहत पहले मानव रहित उड़ान परीक्षण में आई तकनीकी खामी को दुरुस्त करते हुए 10 बजे इसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया. वहीं इस लौन्चिंग को लेकर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने नकारी देते हुए कहा, ‘मुझे टीवी-डी1 मिशन की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है. इस मिशन का उद्देश्य एक परीक्षण वाहन के माध्यम से गगनयान कार्यक्रम के लिए चालक दल को ले जाने की प्रणाली का प्रदर्शन करना था.’
इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा की यह क्रू मॉड्यूल एक मैक तक चला गया, जो ध्वनि की गति से थोड़ा ऊपर है और क्रू एस्केप सिस्टम के कार्य करने के लिए एक निरस्त स्थिति की शुरुआत की. क्रू एस्केप सिस्टम ने क्रू मॉड्यूल को वाहन से दूर ले लिया और बाद में टच-डाउन सहित संचालन किया. इसके बाद इसने समुद्र में बहुत अच्छी तरह से काम पूरा किया और हमारे पास इस सबकी पुष्टि के लिए डेटा है…’
इस वजह से पहले टालनी पड़ी थी लॉन्चिंग
इससे पहले इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में बताया, ‘गगनयान के टीवी-डी1 लॉन्च को रोकने के कारण की पहचान करके उसे ठीक कर लिया गया. प्रक्षेपण सुबह 10 बजे करने की योजना है.’ वहीं इसरो चीफ एस सोमनाथ ने गगनयान की पहली उड़ान परीक्षण को टालने की जानकारी देते हुए कहा था कि परीक्षण यान का प्रक्षेपण आज नहीं हो सकेगा. उन्होंने कहा, ‘इंजन प्रणोदन सामान्य तरह से नहीं हो पाया है. हमें पता लगाना होगा कि क्या गलती हुई है, यान सुरक्षित है. जल्द ही विश्लेषण के बाद बताया जाएगा कि किस कारण स्वचालित प्रक्षेपण में बाधा आई.’
जानिए क्या है इस मिशन का मकसद
बता दें कि इस परीक्षण यान मिशन का मकसद गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए क्रू मॉड्यूल और चालक बचाव प्रणाली के सुरक्षा मानकों का अध्ययन करना है. वहीं इस गगनयान मिशन का लक्ष्य 2025 में तीन दिवसीय मिशन के तहत मनुष्यों को 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है और इस वजह से क्रू मॉड्यूल के साथ परीक्षण यान मिशन पूरे गगनयान कार्यक्रम के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है.
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