इसरो के वैज्ञानिकों ने एक नया चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चाँद पर लैंड कराकर एक नया इतिहास रचा है जिसके बाद जहाँटी दुनियाभर में भारत की इस कामयाबी की तारीफ हो रही है तो वहीं भारत के इसरो के वैज्ञानिक भी समय चर्चा का विषय बने हुए हैं. दरअसल, चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की और वैज्ञानिकों की इस मेहनत के बाद भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है. भारत को इसके लिए दुनियाभर से बधाई मिली तो वहीं भारत के पीएम भारत ने इसरो के वैज्ञानिकों की तारीफ की साथ ही जिस जगह पर विक्रम उतरा उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘शिव शक्ति’ का नाम दिया है। लेकिन इस ‘नामकरण’ पर विवाद पैदा हो गया है. जिसपर इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने जवाब दिया.
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ISRO के चेयरमैन ने दिया धांसू जवाब
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन (ISRO Chief S Somanath) एस. सोमनाथ ने कहा है कि पीएम मोदी ने बताया कि शिव शक्ति महिला और पुरुष दोनों को दर्शाता है. इसरो में महिलाओं का भी योगदान है और संगठन में उस तरह का तालमेल बैठाने की जरूरत है इसलिए पीएम मोदी ने बताया कि यह नाम सभी के लिए सही है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने तिरंगा नाम भी दिया है और ये दोनों ही नाम भारत को दर्शाते हैं. प्रधानमंत्री होने के नाते उनके पास ये अधिकार है कि वह कोई नाम रख सकते हैं.
इसरो प्रमुख ने कहा नाम देना है परंपरा
मून मिशन के सफल होने पर एस. सोमनाथ ने ये भी कहा कि बहुत सारे देश पहले भी ऐसा कर चुके हैं. चांद पर बहुत सारे भारतीय नाम हैं और दूसरे देशों ने भी ऐसा किया है. उन्होंने कहा कि जब कोई देश किसी मिशन में सफलता प्राप्त करता है तो वह उस स्पॉट को नाम देता है और यह एक परंपरा है.
पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 को भी दिया नाम
आपको बता दें. चंद्रयान-3 के मिशन के कामयाब होने पर शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी बेंगलुरू गए और उन्होंने यहां वैज्ञानिकों से मुलाकात कर चंद्रयान-3 मिशन की मुबारकबाद दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस जगह पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने सॉफ्ट लैंडिंग की, उसको शिव शक्ति के नाम से जाना जाएगा. वहीं इससे पहले जब चंद्रयान-2 क्रैश हुआ तब उस जगह को तिरंगा नाम दिया गया था.
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