बुधवार 23 august 2023 की शाम छह बजकर चार मिनट पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-3 ने चाँद पर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया है. वहीं इस लैंडिंग के करीब 2.30 घंटे बाद प्रज्ञान बाहर आया और उसने अपना काम शुरू कर दिया है. जहाँ चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लैंड होने पर भारत को इस कामयाबी की ढेर सारी बधाई मिली तो वहीं देश-विदेश के मीडिया में भी भारत की इस कामयाबी की चर्चा रही.
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विदेशी मीडिया ने की भारत की कामयाबी की चर्चा
चंद्रयान-3 मिशन के सफलतापूर्वक लैंड करने के बाद भारत ने एक नया कीर्तिमान रचा है. दरअसल, भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने अंतरिक्ष यान को उतारा है. वहीं मिशन के कामयाब होने पर देश-विदेश के अखबारों और मीडिया चैनल पर इस मिशन की चर्चा हुई.
न्यूयॉर्क टाइम्स, बीबीसी, द गार्डियन इस मिशन के बारे में बताया साथ ही भारत की कामयाबी की भी चर्चा की. सबसे पहले विदेशी मीडिया ‘अलजजीरा’ ने लिखा- “भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक उतारा, ऐसा करने वाला यह पहला देश बन गया. पीएम मोदी ने कहा कि मिशन की सफलता पूरी मानवता की सफलता है.” वहीं अखबार ने ये भी लिखा कि “वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिणी ध्रुव के अज्ञात क्षेत्र में जमे हुए पानी और कीमती तत्वों के महत्वपूर्ण भंडार हो सकते हैं.
इसी के साथ ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने लिखा कि ‘चंद्रमा पर लैंडिंग की दौड़, भारत दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरने में पहले स्थान पर.’, “भारत से विक्रम नाम का एक लैंडर और प्रज्ञान नाम का एक रोवर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में उतरे. चंद्रयान -3 नामक एक मिशन भारत को चंद्रमा की सतह के इस हिस्से तक पहुंचने वाला पहला देश बनाते है. वह चंद्रमा पर उतरने वाला केवल चौथा देश है.” अखबार आगे लिखता है, “भारतीय जनता पहले से ही देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर बहुत गर्व करती है, जिसने चंद्रमा और मंगल की परिक्रमा की है और नियमित रूप से अन्य देशों की तुलना में बहुत कम वित्तीय संसाधनों के साथ पृथ्वी के ऊपर उपग्रहों को लॉन्च करती है. लेकिन चंद्रयान-3 की उपलब्धि और भी मीठी हो सकती है.”
चंद्रयान -3 की लैंडिंग के पल को बताया ऐतिहासिक
वहीं ‘द गार्डियन’ ने इस मिशन को लेकर लिखा कि ‘भारत एक ऐतिहासिक क्षण में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक उतारने वाला पहला देश बन गया है, जिसने देशभर में लोगों में खुशी का माहौल पैदा कर दिया. अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार निजी अंतरिक्ष लॉन्च और संबंधित उपग्रह पर आधारित व्यवसायों में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है.’ वहीं ‘बीबीसी’ ने इस मिशन को लेकर खबर दी कि ‘चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा.’ इसने लिखा, “जब 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की गई थी, तो इसका प्राथमिक लक्ष्य काफी सरल था – तूफानों की भविष्यवाणी करने, बाढ़ को कम करने और देश में दूरसंचार को मजबूत करने के लिए उपग्रहों को डिजाइन और लॉन्च करना. अब अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने चंद्रयान -3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला अंतरिक्ष मिशन बनने के बाद इतिहास रच दिया है.”
फ्रांस के प्रमुख समाचार पत्र ‘ले मोंदे’ ने लिखा- ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बना भारत.’ रोवर के साथ एक लैंडर स्थानीय समयानुसार छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरा, जिससे दक्षिण भारतीय शहर बेंगलुरु में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के बीच खुशी और तालियां बजीं. करीब चार साल पहले एक असफल प्रयास के बाद भारत ने दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश बनकर इतिहास रच दिया है और चंद्रमा पर उतरने के मामले में अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के साथ शामिल हो गया है.
पाकिस्तानी मीडिया ने नकामयाबी बताकर की चर्चा
इसी बीच पाकिस्तान पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र ‘डॉन’ ने लिखा- चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिग. बुधवार को भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव के नजदीक क्राफ्ट उतारने वाला पहला देश बन गया. चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश (भारत) और उसके कम बजट वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ऐतिहासिक जीत है.” वेबसाइट ने आगे लिखा है कि चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग ऐसे समय में हुई है जब उसी क्षेत्र में कुछ दिन पहले रूसी मून मिशन लूना-25 क्रैश हो गया था. भारत के चंद्रयान-3 की भी यह सफल सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रयान-2 की विफलता के चार साल बाद हुई है.
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