भारत में 70 साल से ज्यादा आयु के लोगों को सीनियर सिटीजन (senior citizen) यानि कि वरिष्ठ नागरिक का टाइटल मिल जाता है. भारत में जहाँ वरिष्ठ नागरिक को मेट्रो (Metro), ट्रेन (Train) और बस (Bus) में सीनियर सिटीजन वाली सीट मिल जाती है. तो वहीं अपनी सीनियर सिटीजन वाली उम्र का प्रमाण दिखने पर इन लोगों को टिकट में भी छूट मिलती है. जहाँ भारत में सीनियर सिटिजन के लोगों को अच्छे नजरिये से देखा जाता है और इनके दिलों में सभी लोगों के लिए इज्ज़त होती है तो वहीं अब भारत में कुछ मामलों में सीनियर सिटिजन होना गुनाह है और ऐसा लगता है कि बढती उम्र में जहाँ उन्हें सहूलित मिलनी चाहिए वो अभी नहीं मिलती है.
सीनियर सिटीजन नहीं है मेडिकल इंश्योरेंस के पात्र
एक रिपोट के अनुसार, बढ़ती उम्र के साथ-साथ लोगों में कई प्रकार की बीमारी हो जाती है और इस बीमारी के कारण उन्हें कई बार मेडिकल सेवा की जरुरत पड़ती है पर भारत में अब 70 वर्ष की आयु के बाद वरिष्ठ नागरिक को मेडिकल इंश्योरेंस (Health Insurance) यानि कि चिकित्सा बीमा के लिए पात्र नहीं हैं और यदि उसे मेडीकल इंश्योरेंस मिल भी जाता है तो उसे इंश्योरेंस की तय रकम से कम खर्च दिया जाता है.
ईएमआई पर नहीं मिलता लोन
इसी के साथ वरिष्ठ नागरिक को ईएमआई (EMI) पर लोन (Loan) भी नहीं मिलता है साथ ही अगर वो हाउस लोन (House Loan) या किसी भी चीज के लिए बैंक के पास लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो उन्हें लोन देने से मना कर दिया जाता है. इसी के साथ इन लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस (Driving license) नहीं दिया जाता है और जल्दी से इन्हें नौकरी भी नहीं दी जाती है.वहीं सीनियर सिटिजन बनने के बाद भी उन्हें सारे टैक्स (Tax) चुकाने होंगे. भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई सारी योजना नहीं है लेकिन इनका फायदा इन लोगों को कम ही होता है.
रेलवे टिकट पर नहीं मिलती छूट
इसी के साथ रेलवे के टिकट पर अब सीनियर सिटिजन को छूट मिलना बंद हो गयी है. दरअसल, कोरोना महामारी (कोरोना महामारी) के पहले रेलवे में सीनियर सिटिजन को यात्रा करने पर 50% की छूट दी जाती थी लेकिन अब ये छूट बंद कर दी गई है लेकिन कहा जा रहा है कि अब उन्हें ये छूट दोबारा मिल सकती है पर अभी तक इस बात की कोई घोषणा नहीं हुई है.