कहते हैं बुरा काम का नतीजा बुरा ही होता है और ये लाइन है IPS अफसर वैभव कृष्णा (IPS Vaibhav Krishna ) के लिए. जिन्हें अब कई समय वनवास के बाद SP प्रशिक्षण एवं सुरक्षा शाखा लखनऊ (SP Training & Security Branch Lucknow) में तैनात किया गया है. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने 10 IPS के तबादले किए हैं. लंबे समय से प्रतीक्षारत रहे DG, ADG, DIG स्तर समेत 10 IPS अफसरों को तैनाती दी गई है. वहीं नोएडा में अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद विवादों में आए 2010 बैच IPS वैभव कृष्णा को SP प्रशिक्षण एवं सुरक्षा शाखा लखनऊ में तैनात किया गया है लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि IPS वैभव कृष्णा जो अश्लील वीडियो कांड की वजह से सस्पेंड हो गये थे तो उन्हें उतने गंभीर कांड के बाद तैनाती कैसे मिल गयी.
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वैभव कृष्ण ने करवाई से बचने के बुना जाल
जानकारी के अनुसार, 9 जनवरी को गौतमबुद्धनगर (Gautam Buddha Nagar) में बतौर SSP तैनाती के दौरान वैभव कृष्ण को एक अश्लील वीडियो (IPS porn videos ) सामने आया और इस मामले के दौरान वैभव कृष्ण ने 5 IPS अधिकारियों का नाम भी जोड़ा और उनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. वैभव कृष्ण की शिकायत पर डीजीपी की अध्यक्षता में एक विशेष टीम से इन आरोपों की जांच कराई गई थी. SIT की जांच में 5 में से दो अधिकारियों आईपीएस अजय पाल शर्मा और आईपीएस हिमांशु कुमार के खिलाफ विस्तृत जांच की सिफारिश भी की गई थी. इन दोनों अफसरों के खिलाफ विजिलेंस की जांच चल रही है.
5 IPS अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
अश्लील वीडियो कांड (porn video scandal) में फंसने के बाद वैभव कृष्ण ने ध्यान भटकाने के लिए पांच आईपीएस अफसरों (IPS officers) पर खुद के खिलाफ साजिश करने का आरोप डाला ताकि उनके पर हो रही गंभीर करवाई से वो बच सकें और पत्रकारों-अफसरों के बीच चैटबाजी को आधार बनाकर एक बड़े संगठित गिरोह की कहानी रच डाली. इस कहानी के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखी अपनी चिट्ठी भी लीक करी और उन पर गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आरोप लगा. यह सब कुछ सर्विस रूल का उल्लंघन करने जैसा माना गया और ये सभी चीजें वैभव कृष्ण ने अश्लील वीडियो कांड से ध्यान भटकाने के लिए किया था. वैभव कृष्ण की शिकायत पर नोएडा SSP समेत 6 IPS पर एक्शन हुआ. इनमें से पांच वो हैं जिन पर वैभव कृष्ण ने आरोप लगाए थे और ये पांच अफसर हिमांशु कुमार, सुधीर सिंह, गणेश साहा राजीव नारायण मिश्रा और अजय पाल थे.
वैभव ने वायरल वीडियो को लेकर खुद की थी FIR
अश्लील वीडियो कांड में फंसे वैभव के मामले में मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच दी गई थी. जांच के दौरान आईजी ने वीडियो फोरेंसिक लैब को भेजा था. इसके बाद वैभव ने प्रेस कांफ्रेंस खुद बुलाकर इसकी जानकारी दी प्रेस कांफ्रेंस में शासन को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट को लीक कर दिया था. नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण का मामला योगी सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गयी थी. जिसके बाद एसएसपी नोएडा आईपीएस वैभव कृष्ण के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई दी. आईपीएस वैभव कृष्ण की एक महिला से सेक्स चैट और अश्लील वीडियो चैट की वायरल वीडियो के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन पर दबाव बढ़ गया था. सूत्रों का कहना है कि इन वीडियोज के संबंध में गुजरात की फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही वैभव कृष्णा सस्पेंड हो गए.
वीडियो और चैट में आरोप हुए सिद्ध
फोरेंसिव लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पाई गई जिसे वैभव कृष्णा ने फर्जी बताया थ. फोरेंसिक जांच में सामने आय़ा कि वीडियो एडिटेड और मार्फ्ड नहीं था. अधिकारी आचरण नियमावली के उल्लंघन किये जाने के कारण सस्पेंड हुए वैभव कृष्णा. वैभव कृष्णा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं और अब आईपीएस अधिकारी वैभव कृष्णा तैनाती दी गई.
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