एक पत्रकार को जनता और सरकार के बीच का मेडिएटर () यानि की माध्यम बताया जाता है. पत्रकार जमीनी स्तर पर जनता को इस बात की खबर देता है कि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार उनके विकास के लिए कितना काम रही है और जनता सरकार से क्या चाहती है साथ ही सरकार द्वारा चुनाव में किए गए वादों पर भी सवाल पूछना एक पत्रकार का काम है लेकिन यूपी में एक पत्रकार का मौजूदा सरकार के मंत्री से सवाल पूछना महंगा पड़ गया है. जिसके बाद उसपर FIR हुई और उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
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जानिए क्या है मामला
ये मामला है 11 मार्च का है जब उत्तर प्रदेश के संभल में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी बुद्धनगर खंडवा गांव में एक चेक डैम के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंची थीं. इस दौरान पत्रकार संजय राणा ने यूपी सरकार की मंत्री गुलाब देवी से कुछ तीखे सवाल किये. पत्रकार का ये सवाल यूपी सरकार से विकास को लेकर था. पत्रकार ने पूछा कि ‘सड़क नहीं बनी, बारात घर नहीं बना, आपने कहा था ये सब बनवाने के लिए….. इत्यादि’.. वहीं इन सवालों को पत्रकार संजय राणा के खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिला महामंत्री शुभम राघव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
पत्रकार राणा ने मंत्री से पूछे थे ये सवाल
राणा ने मंत्री से कहा कि ‘(चुनाव से पहले) आपने कहा था कि यह बुधनगर खंडवा, जहां आयोजन हो रहा था मेरा अपना गांव है. आपने मंदिर पर खड़े हो के शपथ ली थी कि यह गांव मेरा है, मैं इस गांव की हूं. आपने जो इस गांव के बड़े-बुजुर्ग हैं, उनसे भी कहा था कि जो काम होगा, मुझे बताएं मैं करवाउंगी. आपने कहा यदि इस बार मेरी विजय होती है तो मैं इस गांव में दोबारा आउंगी, इसके बाद भी आप इस गांव में दोबारा नहीं आई थीं.’ पत्रकार राणा आगे कहते हैं, ‘बुधनगर में एक भी बारातघर नहीं है, न ही यहां कोई सरकारी शौचालय की व्यवस्था है. और आपने कहा था कि मंदिर से लेके (हाथ के इशारे से बताते हुए) इस वाली रोड को पक्का करवाओगी, खड़ंजा वाला रोड पक्का करवाउंगी, अभी तक यहां रोड ऐसी कच्ची है कि बाइक से ले के पैदल वाले लोग भी परेशान हो जाते हैं… आपने ये भी कहा था कि मैं देवी मां के मंदिर की बाउंड्री भी बनवाऊंगी, आपने अभी तक उसकी सुनवाई नहीं की थी. गांववालों ने बहुत दबाव भी दिया था, वो आपके कार्यालय भी गए थे, वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आप बताइए, इस बारे में क्या कहेंगी ?
वहीं जब राणा के सवाल पूछने के बाद मंत्री गुलाब देवी की माईक ले जाते हैं तब पीछे से एक महिला कहती हैं कि ‘आप अपना प्रचार कर रहे हैं या समस्या रख रहे हैं?’ राणा जवाब देते हैं कि उन्हीं ने समस्या बताने को कहा था. मंत्री बीच में टोकते हुए कहती हैं कि ‘मुझसे पूछो कि वहां का काम कब तक करवाओगी.’ राणा कैमरा पर न दिख रही महिला से बात करते हुए आगे कहते हैं कि आप कहते हैं कि जनता की आवाज आप तक नहीं पहुंचेगी तो क्या करेंगे, आप कहते हैं कि काम हुआ, जब काम नहीं हुआ तो क्या करेंगे. इस पर वह महिला जनता से पूछती हैं कि कौन-कौन इस बात से सहमत है. राणा अपने सवाल भीड़ के सामने दोहराते हैं, भीड़ उनकी बात का समर्थन करती है.
योगी के मंत्री ने दिया जवाब
इस पर मंत्री गुलाब देवी टोकते हुए कहती हैं, ‘तेरी निगाहें मैं बहुत देर से पहचान रही थी. जब तू वहां खड़ा था, तब भी मैं तेरी निगाहें पहचान रही थी. ये सारी बातें तेरी ठीक हैं, जो तूने कही हैं. अभी समय नहीं निकला है.’ वहीं इस मामले का विडियो बना और उसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
घटना के बाद राणा हुआ गिरफ्तार
वहीं इस घटना के बाद स्थानीय भाजयुमो नेता ने संजय राणा के खिलाफ गली-गलौज करने और मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई, जिसे लेकर पुलिस ने राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग के इरादे से जानबूझकर अपमान करना),और 506 ( आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है
इस घटना से ये समझ आता है कि क्यों मीडिया को बिके होने की बात कही जाती हैं अगर ये पत्रकार राणा मंत्री के तारीफ में कुछ कहता तो उसके गिरफ्तार नहीं किया जाता लेकिन पत्रकार राणा द्वार किए गये सवालों के बाद हुई करवाई से पता चलता है कि पत्रकार की आवाज दबाने के लिए सरकारे क्किसी भी हद तक जा सकती है.
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