केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) यानि की बीजेपी (BJP) की इस समय ज्यादातर राज्यों में अपनी सरकार है. जहां केंद्र की सत्ता पर काबिज होकर बीजेपी राज्यों में भगवा लहरा रही है तो वहीं कहा जाता है कि केंद्र सरकार राज्य की सरकारों को भी नियंत्रित कर रही है लेकिन अब कही न कही राज्य सरकार कई सारे फैसले खुद ही ले रही है और इसके सबसे बड़ा उदहारण उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है. कहा जाता है कि योगी सरकार कई सारे फैसलों के लिए केंद्र की मंजूरी नहीं लेती है और ऐसा इसलिए क्योंकि अब केंद्र राज्यों सरकार अपने राज्य फैसले के नीति में बदलाव कर रही है. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही ये ढील बीजेपी के लिए बड़ा सबक बन सकता है क्योंकि एक समय पर कांग्रेस द्वारा दी गयी ये ढील इतनी महंगी पड़ी है कि कांग्रेस आज के समय सत्ता पाने को तरस गयी है.
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कांग्रेस ने दी थी फैसले लेने की ढील
कांग्रेस ने जब सत्ता पर थी तब एक समय धीरे-धीरे राज्यों सरकार को खुद के फैसले लेने की ढील थी जिसकी वजह से राज्यों को नेता खुद को बेहतर दिखाने में लग गए. इसका उदहारण है राजस्थान की कांग्रेस सरकार. यहाँ पर पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट हैं. इन दोनों ने पार्टी में दबदबा बनाये करने के लिए एक दूसरे से पछाड़ने में लग गया और इसका कमियाजा कांग्रेस बुगत रही है.
BJP में शामिल हुए कांग्रेस नेता
ऐसा ही कमियाजा कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से उठाना पड़ा और इसकी वजह भी राज्य इकाइयों की कलह और अंदरूनी खींचतान थी और केन्द्र का इसमें कोई लेना-देना नहीं था. इस खींचतान से परेशान आकर सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी और फायदा बीजेपी को हुआ लेकिन कांग्रेस का बड़ा नुकसान हो गया. वहीं आपसी कहल इस तरह है कि अभी तक दर्जनों नेता पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. कर्नाटक जैसे कई राज्यों में गुटबाजी के चलते पार्टी अध्यक्ष के पद खाली पड़े हैं और इसकी वजह से राज्य में सरकार रहने के दौरान फैसलों को लेकर दी गयी छूट है.
बीजेपी ने भी किया फैसले की प्रक्रिया में बदलाव
ऐसी ही फैसले की प्रक्रिया में बीजेपी ने भी बदलाव किया है और इसका उदाहरण नार्थईस्ट का चुनाव में बनी माणिक शाह की सरकार बनना और कोनराड संगमा में सरकर में शामिल करना है ऐसा इसलिए ताकि ये लोग आपने राज्य को खुद ही फैसले ले सकें और ऐसा अभी बीजेपी सरकार वाकले कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. बीजेपी के इस बदलाव से जो छवि बनी है कि राज्य केंद्र के रिमोट से चलते हैं इन बातों पर लगाम लगेगी. लेकिन ये छूट बीजेपी के आने वाले समय में सबक बन सकता है.
बीजेपी को हो सकता है कांग्रेस जैसा नुकसान
फैसले लेने की छूट अगर बीजेपी देती है तो बीजेपी का हाल एक समय पर कांग्रेस जैसा हो सकता है क्योंकि अगर राज्य में नेता अपनी मनमानी करने लग गए और केंद्र को अपना जोर दिखाने लग गये तो आपसी सहमति कभी नहीं बनेगी और इस वजह से बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है.
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