दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया इस समय जेल से बंद हैं. दरअसल, शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. इस घोटाले की वजह से मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद है. वहीं अब सिसोदिया को ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) मामले में गिरफ्तार कर लिया है और कहा जा रहा है कि ED की वजह से मनीष सिसोदिया को अब लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) कैसे राजनीति में आये और कैसे उन्हें पहचान मिली और कैसे वो शराब नीति में कथित घोटाले में फंस गए.
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पत्रकार थे मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया का जन्म उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के फगौटा गांव में 5 जनवरी 1972 को हुआ था. उनके पिता स्कूल टीचर थे. अपनी शुरूआती शिक्षा उन्होंने अपने गांव में हासिल की और इसके बाद भारतीय विद्या भवन से उन्होंने जर्नलिज्म का कोर्स किया और करियर की शुरूआत की. साल 1996 में ऑल इंडिया रेडियो के लिए “जीरो आवर” जैसे कार्यक्रमों की मेजबानी की और फिर साल 1997 और 2005 के बीच एक बड़े न्यूज चैनल में काम किया और इस दौरान केजरीवाल और सिसोदिया की मुलाकात हुई.
जब पहली बार मिले केजरीवाल और सिसोदिया
जहाँ कहा जाता है कि अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मुलाकात अन्ना हजारे के आन्दोलन में हुई थी पर ऐसा नही है. एक बड़े न्यूज चैनल में काम करते हुए मनीष सिसोदिया की मुलाकात अरविंद केजरीवाल से हुई थी. उस समय अरविंद केजरीवाल टैक्स विभाग के अधिकारी थे और उन्होंने परिवर्तन नाम से एक वेबसाइट बनाई थी जिसमें भ्रष्टाचार से परेशान लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते थे और जब केजरीवाल ने इस मनीष सिसोदिया को इस वेबसाइट के बारे में बताया तब उन्होंने परिवर्तन वेबसाइट को आगे बढ़ाने का काम किया. इसके बाद ये दोनों अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़ गए
अन्ना के आंदोलन से मिली नयी पहचान
जब अन्ना हजारे देश की राजधानी में आंदोलन कर रहे थे तब इस दौरान अरविंद केजरीवाल को नयी पहचान मिली. आंदोलन में की गयी मांगे को लेकर उस समय की मौजूदा सरकार ने अपना पक्ष रखा और आंदोलन खत्म हुआ लेकिन इस आंदोलन में एक नाम छा गया और वो नाम था अरविंद केजरीवाल का. आन्दोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में नयी राजनीती पार्टी बनायीं और इस पार्टी का नाम था आम आदमी पार्टी.
आम आदमी पार्टी में जहाँ अरविंद केजरीवाल का नाम सबसे उपर था तो वहीं मनीष सिसोदिया का नाम उनके पीछे थे. इसके बाद दिल्ली में चुनाव हुए और आम आदमी पार्टी भी चुनाव में उतरी और मनीष सिसोदिया ने अपना पहला विधानसभा चुनाव पटपड़गंज विधानसभा से लड़ा और बीजेपी के नकुल भारद्वाज को हरा दिया. इसके बाद से मनीष सिसोदिया के राजनीती सफर ने नयी रफ़्तार पकड़ ली.
मनीष सिसोदिया बने उपमुख्यमंत्री
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी जहाँ अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने तो वहीं मनीष सिसोदिया दिल्ली के उपमुख्यमंत्री बने साथ ही वो शिक्षा मंत्री भी बने. आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के बाद सारे फैसले मनीष सिसोदिया ही लेते थे और इस वजह से उन्हें पार्टी और सरकार में नयी पहचान मिली.
मनीष सिसोदिया की मिली जिम्मेदारियां
मनीष सिसोदिया को अरविंद केजरीवाल का राईट हैंड कहा जाने लगा. क्योंकि उनके पास दिल्ली सरकार के करीब 18 मंत्रालयों का जिम्मेदारी है, जिसमें दिल्ली के सरकार के वित्त मंत्रालय से लेकर शिक्षा, योजना, रोजगार, लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी), पर्यटन, उद्योग, बिजली, शहरी विकास, पानी जैसे विभाग शामिल हैं. सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा भी मनीष सिसोदिया संभाल रहे थे. लेकिन इसी बीच शराब नीति घोटाले में सिसोदिया का नाम आ गया और फिर कई बार उनसे इस मामले में पूछताछ हुई और आखिर में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया. अपनी गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और अब वो तिहाड़ जेल में बंद है.
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