गाज़ियाबाद में केस दर्ज करने के लिए दरोगा ने मांगे एक लाख, रिकॉर्डिंग के जरिए हुआ मामले का खुलासा

Inspector asked for bribe
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उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में कविनगर थाने से भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है. दरअसल, गाजियाबाद में कविनगर थाने में एक पुलिस कर्मी रिश्वत मांग रहा था. जिसके बाद पुलिस आयुक्त ने इस मामले पर कारवाई करते हुए इस पुलिस कर्मी को निलंबित कर दिया है.

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जानिए क्या है मामला

जानकारी के अनुसार, कविनगर थाने में तैनात दरोगा महेंद्र शर्मा केस दर्ज कराने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था. वहीं केस दर्ज कराने वाले इस शख्स ने रिश्वत मांगते दरोगा के साथ बातचीत मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर ली और भ्रष्टाचार के इस मामले का खुलासा किया. वहीं इस रिकॉर्डिंग की जाँच करने के बाद पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने महेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस भी दर्ज करा दिया गया है. इसी के साथ इस जांच के बाद पुलिस कर्मी महेंद्र शर्मा की गिरफ्तार किया जा सकता है साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं.

पुलिस कर्मी ने मांगी थी 1 लाख रुपये की रिश्वत

ये मामला धोबी वाली गली, कैलाभट्ठा निवासी खालिद का है और इस मामले की जाँच महेंद्र शर्मा को मिली थी. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में खालिद ने अपने ससुर अलीमुद्दीन व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी. उनकी आपत्ति पर कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर पुलिस को फिर से विवेचना कर साक्ष्य जुटाने के आदेश दिए. वहीं जब जांच महेंद्र शर्मा को मिली तब उन्होंने कहा कि आरोप पत्र दाखिल हो सकता है लेकिन इसमें एक लाख रुपये का खर्च आएगा साथ धमकी दी कि एक लाख नहीं दिए तो नुकसान उठाना पड़ सकता है जिसके बाद खालिद ने इस 30 हज़ार दे दिए थे.

रिकॉर्डिंग की वजह से पकड़ा गया दरोगा 

वहीं खालिद ने बताया कि दरोगा ने उससे फोन पर कहा कि अगर एक लाख रुपये तू नहीं देगा तो उसके ससुर से इतनी ही रकम ले लेगा. इसके बाद मुकदमे में फिर से अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर देगा. इस पर उसने रिकॉर्डिंग  कर ली और पुलिस आयुक्त से शिकायत कर दी. पुलिस आयुक्त ने शिकायत की जांच कराई. जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की गई है.एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि प्राथमिक जांच के आधार पर उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. ऑडियो की जांच कराई जाएगी. साक्ष्य के आधार पर आगे की अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

गाजियाबाद में पहले भी हो चुका है भ्रष्टाचार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में यह रिश्वत लेने का पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई सारे गाज़ियाबाद में रिश्वत लेने के कई सारे मामले सामने आ चुके हैं, इससे पहले 19 जनवरी को गाजियाबाद में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जेई सुभाष चंद्र शर्मा को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर पकड़ा गया था. सुभाष चंद्र शर्मा ने 17 लाख रुपये का बिल पास करने की एवज में ठेकेदार से ये रिश्वत ली गई थी.

वहीं दूसरा मामला यूपी के जिले गाजियाबाद पुलिस पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने था. वहीं इस दरअसल गाजियाबाद पुलिस के सिपाही ने छेड़छाड़ के आरोपी पांच हजार की रिश्वत ली. पांच हजार रुपए लेकर सिपाही ने सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर वापस कर दी, जिसमें पूरा घटनाक्रम कैद था. इस मामले में छेड़छाड़ की धारा में एफआईआर दर्ज नहीं कि बल्कि शांतिभंग में चालान किया गया. इस घूसखोरी के साथ शराब पीते सिपाही का वहां पर मौजूद एक शख्स ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसएसपी ने कांस्टेबल सतवीर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है.

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