आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ एक बड़ी कारवाई की गयी है और इस कारवाई के तहत चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल, पूर्व सीएम पर स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन घोटाले का केस चल रहा है. जिसके बाद अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
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पूर्व सीएम को 3 बजे किया गया गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी तड़के करीब 3 बजे शहर के आरके फंक्शन हॉल के पास हुई. जहाँ वह रैली के बाद अपने बस कैंप में आराम कर रहे थे. नंद्याल रेंज के डीआइजी रघुरामी रेड्डी और सीआईड के नेतृत्व में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी. इसी के साथ उनके बेटे लोकेश को भी हिरासत में लिया गया है.
वहीं पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पिछले 45 व र्षों से मैंने निस्वार्थ भाव से तेलुगु लोगों की सेवा की है. मैं तेलुगु लोगों के हितों की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार हूं. दुनिया की कोई भी ताकत मुझे तेलुगु लोगों, मेरे आंध्र प्रदेश और मेरी मातृभूमि की सेवा करने से नहीं रोक सकती.’
For the past 45 years, I have selflessly served Telugu people. I am prepared to sacrifice my life to safeguard the interests of Telugu people. No force on earth can stop me from serving Telugu people, my #AndhraPradesh and my motherland.
Posted at 6 AM, 09th September 2023 pic.twitter.com/721COYldUd
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) September 9, 2023
इसी के साथ पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस और तेलुगू देशम पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस और हाथापाई भी हुई.
जानिए क्या है पूरा मामला ?
रिपोर्ट के अनुसार, ये मामला 371 करोड़ रुपए के हेराफेरी का है. 2015 में स्किल डेवलपमेंट-सीमेंस परियोजना सामने आई थी. तब टीडीपी सरकार ने सीमेंस और डिजाइन टेक कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. वहीं इस परियोजना की कुल लागत 3,356 करोड़ रुपए है और इसमें 10 फीसदी राज्य सरकार की हिस्सेदारी है. वहीं आंध्र प्रदेश के मंत्रियों और सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेताओं का दावा है कि तेलुगु देशम पार्टी यानी TDP के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने 118 करोड़ रुपए की रिश्वत ली है. इसी के साथ उनके ऊपर 350 करोड़ के घोटाले का भी आरोप है.
इस केस में वाईपीसी सरकार ने अगस्त 2020 में जांच के आदेश दिए. मंत्रिस्तरीय उपसमिति से जांच कराई गई. दिसंबर 2020 को विजिलेंस जांच कराई गई. एसीबी ने फरवरी 2021 में जांच शुरू की और उसके बाद ये मामला 9 दिसंबर 2021 को सीआईडी को ट्रान्सफर कर दिया गया था. वहीं इसके बाद इस मामले पर कारवाई करते हुए आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तार कर लिया गया.
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