तमिलनाडु के विल्लुपुरम के एक आश्रम 142 लोगों का किया गया रेस्क्यू
बॉलीवुड एक्टर बॉबी देवल (Bobby Deol) की एक आश्रम (Hermitage) नाम की वेब सीरीज आई थी जिसमे दिखाया गया एक बाबा कैसे धर्म और श्रद्धा के नाम पर अपने आश्रम की लड़कियों के साथ गंदे काम करता है. ऐसा ही एक आश्रम तमिलनाडु के विल्लुपुरम में है. जहाँ पर आश्रम की आड़ में अनैतिक गतिविधियाँ चल रही थी. पुलिस ने इस आश्रम का भंडाफोड़ किया है और यहाँ से 142 निराश्रित लोगों का रेस्क्यू किया है.
आश्रम की वेबसाइट पर लिखा था खास स्लोगन
जानकारी एक अनुसार, तमिलनाडु के विल्लुपुरम में जिस आश्रम से पुलिस ने 142 लोगों को बचाया है उस आश्रम का नाम अंबूज्योथि आश्रम (anbu jothi ashram) है. यहाँ पर जो मानसिक तौर पर बीमार हैं और सड़कों पर अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर रहे थे. इन्हें आश्रम में रखा गया जाता था. आश्रम की वेबसाइट के अनुसार इसका स्लोगन है-WE BRING BACK THEIR SMILE and HAPPINESS( हम उनकी मुस्कान और खुशी वापस लाते हैं) आश्रम अपनी वेबसाइट पर लिखता है कि उसका उद्देश्य इसकी देखभाल के लिए सौंपे गए सभी लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है. मानसिक रूप से बीमार इस घर में अधिक देखभाल के साथ सुरक्षित हैं.
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
वहीं इस आश्रम में अनैतिक गतिविधियाँ होती है इस बात का पता तब चला जब सलीम खान नाम के एक शख्स ने अपने ससुर को दिसंबर 2021 में विल्लुपुरम के इस प्राइवेट केयर होम में भर्ती कराया था, लेकिन अगस्त में जब वे उनसे मिलने पहुंचे, तो वे वहां नहीं थे. इस पर शनिवार(12 फरवरी) को शिकायत के बाद अधिकारियों की एक टीम ने आश्रम का निरीक्षण किया था. जिसके बाद इस आश्रम की सच्चाई सामने आई.
पुलिस ने NGO की मदद से आश्रम में मारा छापा
पुलिस ने 13 फरवरी को एक NGO की मदद से इस आश्रम में छापा मारा और इस दौरान यहां के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. इनमें वॉर्डन मुथुमारी, कम्यूटर ऑपरेटर गोपीनाथ, अटेंडेंट अय्यप्पन और ड्राइवर बीजू शामिल है. वहीं एक NGO की हेल्प से पुलिस ने 142 निराश्रित लोगों का रेस्क्यू किया है. इनमें 109 पुरुष, 33 महिलाएं और एक लड़का शामिल हैं. वहीं टीम को यहां से जो रिकॉर्ड मिला, उसमें 15 मिसिंग हैं.
ओडिशा की लड़की का 5 साल तक होता रहा रेप
पुलिस ने जिस NGO की मदद से यहाँ पर फंसे लोगों को रेस्क्यू किया उनमे से एक ओडिशा की लड़की ने बताया कि वो विल्लुपुरम में भीख मांगती थी. उसे रेस्क्यू करके आश्रम में रखा गया था. लेकिन 5 साल तक उसके साथ रेप होता रहा. उसे पीटा गया और चुप रहने की धमकी दी गई. वहीं इन लोगों का रेस्क्यू कराने वाले NGO सोशल अवेयरनेस सोसायटी फॉर यूथ की एक वॉलिंटियर आर ललिता ने बताया कि जब कोई महिला रेप का विरोध करती थी, तो उसे खूंखार बंदरों से कटवाया जाता था.