जिस अमेरिका में हेट क्राइम के सबसे ज्यादा मामले, वह भारत को ज्ञान देने में लगा है…

SOURCE-NEDRICK NEWS

अमेरिका ने ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता’ पर नई रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट में रूस, भारत, चीन और सऊदी अरब समेत कई देशों में धार्मिक समुदायों की दुर्दशा का दावा किया गया है. रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई गई है. कहा गया है कि कई राज्यों में धर्मांतरण पर कानूनी प्रतिबंध है. मुसलमानों को लगातार टारगेट किया जा रहा है और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है. भारत ने अमेरिकी सरकार की इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है.

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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसे ‘त्रुटिपूर्ण’, ‘प्रेरित’ और ‘पक्षपाती’ बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ”हमें अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 की रिपोर्ट जारी होने के बारे में जानकारी है. अफसोस की बात है कि इस तरह की रिपोर्ट्स अब भी गलत सूचना और गलत समझ पर आधारित हैं.”

हर साल धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) रिपोर्ट जारी करता है. और हर बार ही इसकी रिपोर्ट पर विवाद शुरू हो जाता है. पिछले साल भी इस रिपोर्ट को भारत ने ‘पक्षपाती’ और ‘गलत’ बताया है.

क्या कहानी बयां करती है ये रिपोर्ट?

  • कानूनन हर साल अमेरिकी सरकार को सदन में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर रिपोर्ट पेश करनी होती है. इस कानून पर 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने दस्तखत किए थे.
  • ऐसा करने का मकसद दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है. इस रिपोर्ट को वॉशिंगटन स्थित ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम तैयार करता है.
  • इसके लिए सरकारी अधिकारियों, धार्मिक समूहों, एनजीओ, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, मीडिया रिपोर्ट और बाकी दूसरी जगहों से जानकारियां इकट्ठी की जाती हैं.
  •  इस रिपोर्ट में दुनियाभर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की जानकारी होती है. इसमें बताया जाता है कि उन देशों में रहने वाले धार्मिक समुदायों के लोगों के साथ कैसा बर्ताव हो रहा है? उन्हें अपने रीति-रिवाज और परंपराओं को मानने की कितनी आजादी है?

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भारत को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट?

दस्तावेज के भारत खंड में कहा गया है कि इस वर्ष के दौरान कई राज्यों में धार्मिक अल्पसंख्यक सदस्यों के खिलाफ कानून प्रवर्तन अधिकारियों की ओर से हिंसा की कई रिपोर्ट सामने आई, जिसमें गुजरात में सादी वर्दी में पुलिस की ओर से अक्टूबर में एक त्योहार के दौरान हिंदू उपासकों को घायल करने के आरोपी चार मुस्लिम पुरुषों को सार्वजनिक रूप से पीटने और मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अप्रैल में खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुस्लिमों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाने का मामला भी शामिल है.

  • भारत को लेकर इस रिपोर्ट में सत्ताधारी बीजेपी पर निशाना साधा गया है. बीजेपी नेताओं के बयानों का भी जिक्र इसमें किया गया है और उनके बयानों को बांटने वाला बताया गया है.
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का संविधान सभी को अपना धर्म मानने और उसका प्रचार करने का अधिकार देता है. लेकिन 28 में से 13 राज्य ऐसे हैं जहां धर्मांतरण पर रोक लगाने वाला कानून है. कुछ राज्यों में तो शादी के लिए धर्म बदलवाने पर सजा का प्रावधान भी है. हालांकि, कुछ राज्यों में अदालतें ऐसे मामलों को खारिज कर चुकी हैं.
  • रिपोर्ट में गुजरात की उस घटना का जिक्र भी है जिसमें सादे कपड़ो में पुलिसकर्मी चार मुस्लिम युवकों को घसीटते नजर आ रहे थे. ये घटना अक्टूबर की थी और आरोप था कि कथित तौर पर इन मुस्लिम युवकों ने पूजा करने पर हिंदुओं के साथ मारपीट की थी.
  • पिछले साल अप्रैल में खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने मुस्लिमों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया था. इसका जिक्र भी रिपोर्ट में है.
  • रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सालभर अल्पसंख्यक समुदायों की हत्याएं, हमले और डराने-धमकाने की कई घटनाएं सामने आईं.
  • गोहत्या और गोमांस की तस्करी के आरोप में मुस्लिमों को पीटा गया. इसके अलावा हिंदू महिलाओं के जबरन धर्मांतरण के आरोप में कई मुस्लिम युवकों के साथ भी मारपीट हुई.
  • ईसाइयों पर भी हमले हुए और चर्चों में भी तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं. यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम नाम के एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि 2022 में देशभर में 511 ईसाई विरोधी घटनाएं हुई थीं.

भड़काऊ बयानों का भी जिक्र

  • अमेरिका की इस रिपोर्ट में धर्मगुरुओं और राजनेताओं की ओर से दिए गए भड़काऊ बयानों का भी जिक्र किया गया है.
  • उदाहरण के लिए, कट्टरपंथी हिंदू नेता यति नरसिंम्हानंद सरस्वती ने धर्मांतरण और मुस्लिम शासन के खिलाफ हिंदुओं से ‘हथियार उठाने’ की अपील की.
  • बीजेपी नेता हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि मुस्लिमों को जला देना चाहिए. केरल के पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज ने हिंदुओं और ईसाइयों से मुस्लिमों के रेस्टोरेंट में खाना न खाने की अपील की. राजस्थान में बीजेपी के पूर्व विधायक ज्ञान देव आहूजा ने गौहत्या के शक में मुसलमानों को मारने के लिए हिंदुओं को प्रोत्साहित किया.

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भारत का जवाब

भारत ने अमेरिकी सरकार की इस रिपोर्ट को ‘प्रेरित’ और ‘पक्षपाती’ बताते हुए खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अफसोस की बात है कि ये रिपोर्ट ‘गलत सूचना और त्रुटिपूर्ण समझ’ पर आधारित है. उन्होंने कहा कि कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने प्रेरित और पक्षपाती तरीके से टिप्पणी की है, जो ऐसी रिपोर्टों की विश्वसनीयता को कम करने का काम करती हैं.

खुद के देश में कितनी धार्मिक आजादी?

हैरानी की बात है कि जो अमेरिका दुनियाभर के देशों में धार्मिक स्वंत्रता को लेकर रिपोर्ट जारी कर रहा है, वो अपने यहां की बात नहीं बताता है. – अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में 200 देशों की जानकारी है, लेकिन इसमें अमेरिका का जिक्र तक नहीं है. हालांकि, अमेरिकी जांच एजेंसी FBI की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ ‘हेट क्राइम’ बढ़े हैं. एफबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में अमेरिका में सात हजार से ज्यादा हेट क्राइम हुए थे. इनमें से एक हजार से ज्यादा धार्मिक आधार पर हुए थे. हेट क्राइम का सबसे ज्यादा शिकार यहूदी होते हैं.

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2021 में यहूदियों के खिलाफ हेट क्राइम के 324 मामले सामने आए थे. वहीं, सिखों के खिलाफ 214 मामले सामने आए थे. इनके अलावा, मुस्लिमों के खिलाफ 96, कैथोलिक के खिलाफ 62, बौद्धों के खिलाफ 29 और हिंदुओं के खिलाफ 10 मामले दर्ज हुए थे. धार्मिक आधार पर 10 साल में हेट क्राइम के 12,738 मामले दर्ज हुए हैं. इनमें से 7,243 मामले यहूदियों के खिलाफ थे. वहीं, मुस्लिमों के खिलाफ 1,866, सिखों के खिलाफ 431 और हिंदुओं के खिलाफ 64 मामले थे.

अमेरिका में अल्पसंख्यकों के उदहारण

  • जुलाई 2019 में न्यूयॉर्क में एक हिंदू पुजारी को सिर्फ इसलिए मारा-पीटा गया, क्योंकि उसने धार्मिक कपड़े पहने थे.
  • 2019 में ही केंटकी में स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ. हमलावरों ने मूर्ति पर कालिख पोत दी. साथ ही मंदिर की दीवारों पर लिख दिया, ‘जीसस ही एकमात्र गॉड हैं.’
  • 2022 के अप्रैल में न्यूजर्सी के हाईलैंड पार्क में हिजाब पहनी महिला के चित्र पर कुछ लोगों ने स्प्रे पेंट कर दिया. नवंबर में मैनहट्टन में मुस्लिम महिला के चेहरे पर एक शख्स ने मुक्का मार दिया.
  • जनवरी 2017 में एक शख्स ने एयरलाइन में काम करने वाले मुस्लिम वर्कर को लात मार दी थी और चिल्लाते हुए कहा था, ‘अब यहां ट्रम्प हैं. वो तुम सबसे छुटकारा दिला देंगे.’
  • अप्रैल 2015 में उत्तरी टेक्सास के एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई और उसकी दीवारों पर भद्दे चित्र बना दिए गए. इससे पहले उसी साल फरवरी में केंट और सिएटल में भी मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया.

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