देहरादून की एक कंपनी R A construction द्वारा धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया था. इस मामले पर Nedrick News ने खबर चलाई जिसे 1500 से ज्यादा लोगों ने तुरंत ही पढ़ लिया. उसके बाद खबर का असर हुआ और इस खबर के प्रकाशित होने के बाद महज 3 घंटे के बाद ही R A construction ने धोखाधड़ी से ठगा हुआ पैसा पीड़ित को वापस लौटा दिया. यहाँ समझिए क्या था मामला
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जानिए क्या था मामला
जब से देश में इंटरनेट का प्रवाह हुआ लोगों के लिए चीजें आसान हो गई लेकिन इसका नकारात्मक पहलू यह है कि अब इंटरनेट ही लोगों के जी का जंजाल बना हुआ है. इंटरनेट के माध्यम से धोखाधड़ी आम बात हो गई है. हर साल सैकड़ों की संख्या में फ़र्ज़ी कंपनियों और एजेंट्स पकड़े जाते हैं लेकिन दिन प्रति दिन ये जालसाज़ी बढ़ती जा रही है. भ्रामक विज्ञापन के आड़ में धोखाधड़ी अब बड़े स्तर पर देखने को मिल रही है. इसी बीच देहरादून से भी धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया था, जिसमें एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने फ़र्ज़ी विज्ञापन के आड़ में एक शख़्स के साथ 4 लाख रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया.
दरअसल, देहरादून में स्थित कंपनी R A construction ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें जानकारी दी गई कि देहरादून में बिक्री के लिए प्लॉट्स उपलब्ध है. पोस्ट में बताया गया कि ये प्लॉट्स देविकी एन्क्लेव प्रेम नगर देहरादून में है. इस पोस्ट में ये भी कहा गया है कि इस जमीन की क़ीमत बहुत जल्द बढ़ने वाली है.
सोशल मीडिया पर मंडरा रहे इस पोस्ट को अरुण कुमार नामक एक शख़्स ने देखा और ज़मीन लेने के लिये R A construction से संपर्क किया. जिसके बाद उन्हें जमीन देखने और जमीन का सौदा करने के लिए देहरादून बुलाया गया. कंपनी की ओर से अजय अग्रवाल ने अरुण कुमार को जमीन दिखाई और इस प्लाट को लेकर कई फ़र्ज़ी चीजें बताई गयीं. कंपनी ने प्लॉट की बुकिंग कन्फर्म करने के लिये उनसे टोकन मनी जमा करने को कहा और साथ ही उन्हें किसी थर्ड पार्टी से लोन दिलाने की बात भी कही.
धोखाधड़ी में R A construction के तीन लोग थे शामिल
अरुण कुमार और R A construction के बीच ये तय हुआ कि लगभग 200 गज का प्लाट (2 साइड कार्नर) जो अरुण कुमार को पसंद आया है वो 19,000 हज़ार रूपये प्रति गज़ के अनुसार मिलेगा. इस तरह दोनों पार्टी के बीच 36 लाख में ये सौदा तय हो गया और ये सौदा R A construction के ऑफिस में तय हुआ. जहाँ पर अरुण कुमार की मुलाकात राजेंद्र अग्रवाल जिन्हें अजय अग्रवाल ने अपना समधी बताया और कहा कि इस जमीन का लिखित समझौता वहीं होगा और यहाँ पर अरुण कुमार R A construction के अधिकारी संजीव वर्मा और रीटा तलवार (मैनेजर) से भी मिले और सौदा तय हुआ.
R A construction ने अरुण कुमार को जमीन की कीमत का 10 पर्सेंट पेमेंट करने को कहा. अरुण कुमार ने 10 पर्सेंट पेमेंट खुद देने बाकि पेमेंट लोन पर देने की बात कही. R A construction इस समझौते के लिए तैयार हो गया. साथ ही R A construction के अधिकारी ने अरुण कुमार को खुद के एजेंट द्वारा लोन दिलवाने की बात भी कही. अरुण कुमार ने R A construction को टोकन मनी के रूप में 50 हज़ार दे दिए और अगले दो दिन बाद 2 लाख रूपये की पेमेंट भी कर दी. वहीं इसके कुछ दिन बाद R A construction ने अरुण से जमीन की कुल क़ीमत का 10 पर्सेंट पेमेंट करने को कहा. साथ ही ये भी कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो प्लाट हाथ से जा सकता हैं, जिसके बाद उन्होंने 1 लाख 50 हज़ार का पेमेंट कर दिया. इस हिसाब से अरुण कुमार ने कंपनी को टोटल 4 लाख रुपए का पेमेंट कर दिया था.
इस तरह हुआ मामले का खुलासा
कंपनी द्वारा इस धोखाधड़ी के बारे में अरुण कुमार को तब पता चला जब R A construction ने अरुण से संपर्क करके कहा कि जिस जमीन को आप लेना चाहते हैं वो नगर निगम के अंडर आ गयी है और आप जल्दी से जल्दी जमीन की रजिस्ट्री करवा दीजिये. कंपनी की ओर से उन्हें जल्द से जल्द इस जमीन की रजिस्ट्री करवाने की बात कही गई. अरुण कुमार ने कहा कि आप लोन करवा दीजिये मेरी तरफ से डील पक्की है. जिसके बाद लोन के लिए R A construction के द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के लोन एजेंट का नंबर दिया गया. एजेंट ने लोन जारी करने के लिए अरुण कुमार से सभी डॉक्यूमेंट मांगे लेकिन कुछ समय बाद इस एजेंट ने फ़ोन उठाना बंद कर दिया. इसी के साथ R A construction वालों ने फ़ोन उठाना बंद कर दिया.
अरुण कुमार के भीतर अब इस डील को लेकर शंका पैदा होने लगी थी. इसी क्रम में वो एक दिन R A construction के ऑफिस देहरादून पहुँच गये. जहाँ पर उन्होंने अपनी जमीन और अपने पैसों के बारे में पता किया साथ ही ये पता किया जमीन पर जो लोन होने वाला था उसका क्या हुआ? R A construction के ऑफिस में अरुण कुमार कि संजीव शर्मा से मुलाक़ात हुई. उन्होंने अरुण कुमार से कहा कि इस जमीन में कोई टेक्निकल इश्यू आ गया है और ये खेसरा नंबर 18 है, इस वजह से इस जगह पर न लोन हो सकता है न ही इसकी रजिस्ट्री हो सकती है. संजीव शर्मा ने अरुण कुमार को इसके बदले दूसरी प्रॉपर्टी लेने की बात कही लेकिन अरुण कुमार कहा उन्हें जो प्रॉपर्टी पसंद आई थी, उन्हें वही चाहिए और अगर कंपनी ऐसा नहीं कर सकती है तो उनके पैसे वापस कर दे. इस पर संजीव शर्मा ने कहा कि उनके पैसे मिल जाएँगे लेकिन इसमें 90 दिन का वक़्त लगेगा.
10 जुलाई तक पैसा वापस करने की कही बात
अरुण कुमार ने इस बात पर सवाल करते हुए कि सौदा आपकी ओर से रद्द किया गया है तो पैसे को वापस करने में 90 दिन का समय क्यों लगेगा? जिसके बाद अरुण कुमार को 15 दिन में पैसे वापस करने की बात कही गयी. अरुण कुमार ने इसी कमिटमेंट को लिखित तौर पर माँगा, जिसके बाद संजीव शर्मा ने R A construction के नाम से एक लेटर बना कर और कंपनी का स्टाम्प लगाकर उन्हें पकड़ा दिया. इस हिसाब से यह तय हो गया था कि 10 जुलाई से पहले पैसे अकाउंट में ट्रान्सफर कर दिए जाएंगे.
लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 10 जुलाई तक पैसा अकाउंट में नहीं आने के बाद अरुण कुमार ने R A construction से संपर्क किया. कंपनी की ओर से पैसे वापस नहीं करने को लेकर कई तिकड़म लगाए गये. कंपनी की और से यह भी कहा गया कि जिस संजीव शर्मा ने आपको पैसे दिलवाने की बात कही थी उन्हीं से मांगो. तब से लेकर अभी तक अरुण कुमार रोजाना R A construction के लोगों से अपना पैसा मांगते हैं लेकिन कभी उनका फोन उठाया जाता या फिर कई बार उन्हें ये कहा जाता है आज कल में उनका पैसा मिल जायेगा. इसी बीच उनके साथ गाली-गलौज भी की गयी.
देहरादून में है R A construction का ऑफिस
आपको बता दें कि अरुण कुमार पहले शख़्स नहीं थे जिनके साथ ये धोखाधड़ी हुई है. अरुण कुमार से पहले भी कई लोगों ने R A construction से जमीन या घर लेने की डील की और डील का पैसा मिलने के बाद R A construction की ओर से उस प्रॉपर्टी को लेकर कुछ न कुछ फाल्ट बताए गये और पैसे को डकार दिया गया. जिस RA construction कंपनी से जुड़ा ये मामला है उसका ऑफिस दून वन कॉम्प्लेक्स, कैंट रोड, हाथी बरकला, देहरादून, उत्तराखंड 248001 में है. इस ऑफिस में कई लोग काम भी करते हैं और R A construction के मालिक राजेंद्र अग्रवाल के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी के कारनामों को अंजाम देते हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसे प्रॉपर्टी के ऐड देकर लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनसे पैसे ऐंठते हैं.
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