खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पंजाब पुलिस ‘वारिस पंजाब दे’ (Waris Punjab De) के मुखिया अमृतपाल की तलाश में जुटी हुई है. वहीं इससे पहले चर्चाएं थीं कि नकोदर से उसे हिरासत में लिया गया है. हालांकि, अभी तक उसकी गिरफ्तारी को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ भी सामने नहीं आया है. ख़बर आ रही है कि अमृतपाल सिंह फरार है और उसके 78 साथियों को हिरासत में लिया गया है. राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. चप्पे चप्पे पर पुलिस की तैनाती हुई है और हर एक मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है.
ऐसा बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के करीबी 6 लोगों की गिरफ्तारी की और उसी दौरान मौका पाते ही वह भाग खड़ा हुआ. आपको बता दें कि उसके खिलाफ 3 मामले दर्ज हैं, जिसमें 2 मामले हेट स्पीच से संबंधित हैं. वहीं, अमृतपाल सिंह को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अंडर ग्राउंड कर दिया और उसे भगोड़ा बनाया जा रहा है! दूसरी बात ये हो सकती है कि पुलिस ने कहीं उसका इनकाउंटर भी कर दिया हो और उसे भी भिंडरवाले की भांति सहानुभूति के तौर पर शहीद का दर्जा न मिल जाए, इससे बचने के लिए अलग कहानी रची गई हो. हालांकि, हम भी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं लेकिन हां, इस बात की संभावना प्रबल है.
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पुलिस जानबूझकर चुप है?
ऐसा हो सकता है कि पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया हो और आधिकारिक तौर पर उसकी जानकारी न दे रही हो. क्योंकि हाल ही में हमने देखा था कि जब अमृतपाल सिंह के एक समर्थक को अमृतसर के अजनाला थाने में पुलिस ने बंद किया था, तब सैकड़ों की संख्या में खालिस्तानी उस थाने पर टूट पड़े थे. पुलिस देखती रह गई थी और वे पुलिस थाने पर हमला बोलकर उसे जबरदस्ती छुड़ाकर ले गए थे. ऐसे में अमृतपाल सिंह के मामले में भी हो सकता है कि ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए पंजाब पुलिस ने प्लानिंग की हो.
क्या अमृतपाल सिंह का एनकाउंटर हो गया?
ऐसा हो सकता है कि पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसका एनकाउंटर कर दिया हो. क्योंकि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह खुलेआम भारत की एकता और अखंडता पर चोट पहुंचा रहा था. उसके कई जहरीले बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं. यहां तक कि उसने गृहमंत्री अमित शाह को मारने की धमकी तक दे दी थी. पंजाब में खालिस्तान के एक्टिव होते ही, अजनाला थाने पर हमला हुआ, पंजाब पुलिस पर सवाल उठा, भगवंत मान की सरकार पर सवाल उठा, उसके बाद भगवंत मान और अमित शाह की मुलाकात हुई.
मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद CRPF की 18 टीमें पंजाब पहुंची औऱ बीते शनिवार से खालिस्तानियों पर कार्रवाई आरंभ हो गई. पुलिस से बचते हुए अमृतपाल सिंह की भागने वाली वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, कुछ देर में उसके गिरफ्तारी की खबर भी सामने आई लेकिन शाम होते उसकी गिरफ्तारी पर क्वेश्चन मार्क लग गया. ऐसे में इस बात की भी पूरी संभावना है कि इस ‘आतंकी’ को पुलिस ने निपटा दिया हो.
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भिंडरांवाले 2.0 के पर कतर दिए गए
इन सब से इतर अगर हम खालिस्तान और पंजाब के इतिहास पर नजर डालते हैं तो खालिस्तानी आतंकी भिंडरांवाले की तस्वीर सामने आ जाती है. देशहित में इंदिरा गांधी ने सेना की मदद से ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाकर उसकी लीला समाप्त कर दी थी. लेकिन इसका खामियाजा उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ा था. वहीं, खालिस्तानियों ने उस आतंकी को ‘संत’ और ‘शहीद’ का दर्जा दे दिया. आज कल जो भी खालिस्तानी पैदा होते हैं, उनका आदर्श भिंडरांवाले ही होता है. खालिस्तानी अभी भी उसे शहीद का दर्जा देते हैं. अमृतपाल सिंह भी भिंडरांवाले को ही अपना आदर्श बताता था. ऐसे में हो सकता है कि भिंडारांवाले वाली गलती को दोहराने से बचने के लिए सरकार ने ऐसी प्लानिंग की हो.
अमृतपाल सिंह प्रकरण पर आप क्या सोचते हैं, हमें कमेंट कर जरुर बताएं.