Gulzar 50 best shayari in Hindi – गुलज़ार जिनके नाम से सोशल मीडिया पर कई सारे पेज हैं जहाँ पर उनकी लिखी हुई शायरी हैं और ये शायरी लोगों द्वारा खूब पसंद की जाती है. गुलज़ार पाकिस्तान में पैदा हुए लेकिन जब वो पैदा हुए तब पाकिस्तान भी भारत का हिस्सा था. गुलज़ार उर्फ़ सम्पूर्ण सिंह कालरा का जन्म दीना, झेलम जिले, ब्रिटिश भारत में 18 अगस्त 1934 को एक खत्री-सिख परिवार में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है और बंटवारे के बाद उनका परिवार अमृतसर आकर बस गया था और गुलज़ार यहीं से मुंबई चले गए थे. गुलज़ार ने अपनी कलम का नाम गुलज़ार दीनवी अपनाया, जिसे बाद में उन्होंने बदलकर केवल गुलज़ार कर दिया और गुलज़ार का नाम शायरी के मंच में सबसे ऊपर है. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको गुलज़ार की 50 शायरी के बारे बताने जा रहे हैं.
Also Read- मुनव्वर राणा के 50 सबसे मशहूर शेर
Gulzar 50 best shayari – गुलज़ार की 50 शायरी
- इश्क़ की तलाश में क्यों निकलते हो तुम, इश्क़ खुद तलाश लेता है जिसे बर्बाद करना होता है।
- तुझ से बिछड़ कर कब ये हुआ कि मर गए, तेरे दिन भी गुजर गए और मेरे दिन भी गुजर गए.
- आऊं तो सुबह, जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना, बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
- वो शख़्स जो कभी मेरा था ही नही, उसने मुझे किसी और का भी नही होने दिया.
- सालों बाद मिले वो गले लगाकर रोने लगे, जाते वक्त जिसने कहा था तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
- जब भी आंखों में अश्क भर आए लोग कुछ डूबते नजर आए चांद जितने भी गुम हुए शब के सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए.
- जिन दिनों आप रहते थे, आंख में धूप रहती थी अब तो जाले ही जाले हैं, ये भी जाने ही वाले हैं.
- जबसे तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ लगाई है मीठा सा गम है, और मीठी सी तन्हाई है.
- वक्त कटता भी नही वक्त रुकता भी नही दिल है सजदे में मगर इश्क झुकता भी नही
- एक बार जब तुमको बरसते पानियों के पार देखा था यूँ लगा था जैसे गुनगुनाता एक आबशार देखा था तब से मेरी नींद में बसती रहती हो बोलती बहुत हो और हँसती रहती हो.
- होती नही ये मगर हो जाये ऐसा अगर तू ही नज़र आए तू जब भी उठे ये नज़र
- मेरा ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो
- तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं
- उतर रही हो या चढ़ रही हो ? क्या मेरी मुश्किलों को पढ़ रही हो ?
- सुरमे से लिखे तेरे वादे आँखों की जबानी आते हैं मेरे रुमालों पे लब तेरे बाँध के निशानी जाते हैं
- तेरे इश्क़ में तू क्या जाने कितने ख्वाब पिरोता हूं एक सदी तक जागता हूं मैं एक सदी तक सोता हूं
- गुल पोश कभी इतराये कहीं महके तो नज़र आ जाये कहीं तावीज़ बनाके पहनूं उसे आयत की तरह मिल जाये कहीं
- पता चल गया है के मंज़िल कहां है चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे (Gulzar 50 best shayari).
- उम्मीद तो नही फिर भी उम्मीद हो कोई तो इस तरह आशिक़ शहीद हो
- कोई आहट नही बदन की कहीं फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं वक्त जाता सुनाई देता है तेरा साया दिखाई देता है
- तू समझता क्यूं नही है दिल बड़ा गहरा कुआँ है आग जलती है हमेशा हर तरफ धुआँ धुआँ है
- टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूं कब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूं मै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार से काबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं
- एक बीते हुए रिश्ते की एक बीती घड़ी से लगते हो तुम भी अब अजनबी से लगते हो
- प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है, रोग भी वही है जो इलाज है.
- जाने कैसे बीतेंगी ये बरसातें माँगें हुए दिन हैं, माँगी हुई रातें.
- ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था.
- वो बेपनाह प्यार करता था मुझेगया तो मेरी जान साथ ले गया
- झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख्याल था दबी दबी हँसी में इक, हसीन सा गुलाल था मै सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो न जाने क्यूं लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
- इस दिल में बस कर देखो तो ये शहर बड़ा पुराना है हर साँस में कहानी है हर साँस में अफ़साना है
- कोई वादा नही किया लेकिन क्यों तेरा इंतज़ार रहता है बेवजह जब क़रार मिल जाए दिल बड़ा बेकरार रहता है
- धीरे-धीरे ज़रा दम लेना प्यार से जो मिले गम लेना दिल पे ज़रा वो कम लेना
- दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने बोले बिना मेरा नाम आया पलकें झुकी और उठने लगीं तो हौले से उसका सलाम आया
- खून निकले तो ज़ख्म लगती है वरना हर चोट नज़्म लगती है.
- उड़ते पैरों के तले जब बहती है जमीं मुड़के हमने कोई मंज़िल देखी तो नही रात दिन हम राहों पर शामो सहर करते हैं राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं
- इतना लंबा कश लो यारो, दम निकल जाए जिंदगी सुलगाओ यारों, गम निकल जाए
- वो चेहरे जो रौशन हैं लौ की तरह उन्हें ढूंढने की जरूरत नही मेरी आँख में झाँक कर देख लो तुम्हें आइने की जरूरत नहीं (Gulzar 50 best shayari).
- मेरे उजड़े उजड़े से होठों में बड़ी सहमी सहमी रहती है जबाँ मेरे हाथों पैरों में खून नही मेरे तन बदन में बहता है धुँआ
- वक्त सालों की धुंध से निकल जायेगा तेरा चेहरा नज़र से पिघल जायेगा
- वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है वो कल भी पास पास थी वो आज भी करीब है
- जीना भूले थे कहां याद नहीं! तुमको पाया है जहाँ सांस फिर आई वहीं
- क्यूं बार बार लगता है मुझे कोई दूर छुपके तकता है मुझे कोई आस पास आया तो नही मेरे साथ मेरा साया तो नही
- तुम मिले तो क्यों लगा मुझे, खुद से मुलाकात हो गई कुछ भी तो कहा नही मगर, ज़िंदगी से बात हो गई
- शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है
- ख़ामोश रहने में दम घुटता है और बोलने से ज़बान छिलती है डर लगता है नंगे पांव मुझे कोई कब्र पांव तले हिलती है
- टूटी फूटी शायरी में लिख दिया है डायरी में आख़िरी ख्वाहिश हो तुम लास्ट फरमाइश हो तुम
- मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है
- हमने देखी है उन आँखों की खुशबू
हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
- ख्वाबी ख्वाबी सी लगती है दुनिया
आँखों में ये क्या भर रहा है
मरने की आदत लगी थी
क्यूं जीने को जी कर रहा है
- कहीं किसी रोज यूं भी होता
हमारी हालत तुम्हारी होती
जो रातें हमने गुजारी मरके
वो रातें तुमने गुजारी होती
- उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है