प्रिया राजवंश जिसके प्रेमी के बेटों ने ही कर दी उनकी हत्या
हिमाचल की खूबसूरत वादियों में पैदा हुई और लंदन से बॉलीवुड का रुख करने वाली प्रिया राजवंश.. जिसकी एक तस्वीर ने उस समय के फिल्म producer चेतन आनंद को अपनी खूबसूरती का दीवाना कर दिया और चेतन आनंद ने उन्हें अपनी फिल्म के लिए हीरोइन और साथी भी चुन लिया. प्रिया राजवंश ने भी चेतन आनंद के दीवानेपन की कदर करी और उनकी ज़िन्दगी से जुड़ गयी लेकिन प्रिया राजवंश को ये नहीं पता था ये साथ छूट जायेगा और चेतन आनंद का प्यार ही उनकी मौत का कारण बनेगा. अपने फ़िल्मी करियर में सिर्फ 7 फ़िल्में करी और अपनी खूबसूरती और एक्टिंग की वजह से उनकी पहली ही फिल्म हिट साबित हुई.
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हिमाचल से ऐसे पहुंची लंदन
प्रिया राजवंश, हिमाचल प्रदेश में जन्मी प्रिया राजवंश का असली नाम वेरा सुंदर सिंह था। उनके पिता वन विभाग में काम करते थे जिसकी वजह से प्रिया की शुरुआती पढ़ाई हिमाचल में ही हुई। वहीँ इसके बाद उनके पिता को नौकरी के सिलसिले में लंदन जाने का मौका मिला और फिर प्रिया भी वहां चली गईं। यहां पर उन्होंने लंदन के रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामैटिक आर्ट से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की।
फोटो के जरिये तय हुआ बॉलीवुड का सफ़र
इसी बीच उन्होंने 22 साल की उम्र में एक नाटक में हिस्सा लिया और तब एक फोटोग्राफर ने उनकी फोटो खींची और ये फोटो किसी तरह देव आनंद के भाई और निर्देशक चेतन आनंद के पास पहुंची और इस तस्वीर को देखते ही चेतन आनंद प्रिया की खूबसूरती के दीवाने हो गये. इस समय चेतन आनंद अपनी फिल्म के हीरोइन ढूंढ रहे थे. वहीं प्रिया की फोटो देखने के बाद उन्हें लगा उनके उनकी फिल्म की हीरोइन मिल गई है. वहीं दूसरी और फिल्मो में आने का सपना देखने वाली प्रिया को हकीकत में फिल्म मिलने वाली थी. चेतन आनंद किसी तरह प्रिया से किसी तरह से बात करी और उन्हें लंदन से मुंबई बुलाया और यहाँ से प्रिया का लन्दन से मुंबई की मायानगरी का सफ़र शुरू हुआ. मुंबई आते ही चेतन और प्रिया की मुलाकात हुई और इस दौरान चेतन के पूछे जाने पर की वो उनके फिल्म की हीरोइन बनेगी और जवाब देते हुए प्रिया ने उन्हें हां कर दी.
पहली ही फिल्म हुई हिट
फिल्म का नाम था हकीकत फिल्म बनी, रिलीज़ हई और बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही. प्रिया राजवंश की एक्टिंग लोगों को खूब पसंद आई और इस एक ही फिल्म से उन्हें स्टार बना दिया. प्रिया का फिल्मी सफर 1964 में शुरू हुआ और बाइस साल बाद 1986 में उस पर पूर्ण विराम लग गया। दरअसल, इस फिल्म शूटिंग के दौरान चेतन और प्रिया के बीच नजदीकियां बढ़ी चेतन शादीशुदा थे पर अपनी पत्नी के साथ रिश्ते अच्छे नहीं थे। दोनों अलग रह रहे थे। जिसकी वजह से उन्हें प्रिया का साथ पसंद आया. वहीं प्रिया भी इंडस्ट्री में नई थी और वो सिर्फ चेतन को ही जानती थी जिसकी वजह से ये नजदीकियां, एक दूसरे का ख्याल रखने से शुरू हुई और प्यार में बदल गयी. और 70 के दशक में प्रिया और चेतन लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे। दोनों अक्सर पार्टियों साथ नजर आते थे जिसकी वजह से लोग उन्हें उन्हें पति-पत्नी की तरह देखने लगे थे।
सिर्फ 7 फिल्मों में किया काम
प्रिया की खूबसूरती की बात करें या उनके अभिनय की. दोनों ही चीजें तारीफ के काबिल थी जिसकी वजह से चेतन ने उन्हें बाहर किसी और फिल्म में काम नहीं करने दिया और इस वजह से प्रिया ने कम ही फिल्मों में नजर आई. चेतन ने प्रिया को लेकर दूसरी रंगीन फिल्म ‘हीर रांझा’ बनायीं जिसमें उनके साथ राज कुमार भी थे। प्रिया को इस फिल्म के लिए काफी ज्यादा तारीफ मिली थी। इसी के साथ प्रिया ने चेतन के साथ ‘हिंदुस्तान की कसम, हंसते जख्म, साहेब बहादुर, कुदरत, हाथों की लकीरें’ जैसी फिल्मों में काम किया था.
प्रिया के लिए चेतन ने खरीदा था शानदार बंगला
चेतन इस कदर प्रिया को चाहते थे कि उन्होंने प्रिया के लिए मुंबई के जुहू में एक शानदार बंगला खरीदा। दोनों की जिंदगी खुशहाल बीत रही थी। लेकिन इसी बीच एक मोड़ आया जब चेतन ने अपने जीते जी वसीयत लिखी और उसमें उन्होंने अपनी पहली पत्नी के दोनों बेटों के साथ प्रिया राजवंश को भी हिस्सा दिया। साथ ही चेतन ने जो बंगला खरीदा था वह काफी बड़ा बंगला था उसमें एक हिस्सा उनके दोनों बेटों और एक हिस्सा प्रिया राजवंश के नाम किया।
चेतन के दोनों बेटे वसीयत में प्रिया की भागीदारी से नाराज हुए और इस दौरान गहर में झगडे और लड़ाई भी हुई। इसी बीच प्रिया राजवंश के लिए मुसीबत तब शुरू जब छह जुलाई 1997 को बीमारी की वजह से चेतन की मौत हो गयी और चेतन के मरने के बाद उनके दोनों बेटे प्रिया को परेशान करने लगे। वह चाहते थे कि प्रिया किसी तरह उस बंगले को खाली कर दें क्योंकि इस बड़े बंगले की कीमत धीरे धीरे करोड़ों में पहुंच गयी थी. जिसके बाद चेतन के बेटों ने प्रिया की हत्या की साजिश रची गयी.
बंगला बना कत्ल की वजह
चेतन आनंद के दोनों बेटों ने प्रिया की हत्या के लिए नौकरों को पैसे का लालच दिया। नौकर-नौकरानी मान गए और गला घोंटकर मारने का प्लान बनाया। 26 मार्च 2000 की रात को माला चौधरी अशोकन स्वामी उनका गला घोंट देता है। इसी बीच माला चौधरी को लगता है कि प्रिया जिंदा हैं, तब वह बाथरूम में ले जाती है और कपड़े धोने वाले पट्टे से सिर पर जोर दो-तीन बार मारती है। जिसके बाद प्रिया की मौत हो जाती है।
पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा
27 मार्च की सुबह पड़ोसियों को पता चलता है कि प्रिया की मौत हो गई है जिसके बाद पुलिस आई और इस मामले की जाँच शुरू हुई सबसे पहले प्रिया की बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ जिसमे खुलासा होता है कि प्रिया राजवंश को गला घोंटकर मारा गया। पूछताछ हुई तब मेड माला ने ये स्वीकार किया था कि उसे 4000 रुपए के एवज में प्रिया को मारना था और ये पैसे उसे एक नजदीकी परिवार वाले ने दिए थे। इसी एक साथ प्रिया की मौत के बाद इस साजिश में शमिल कई लोगों के नाम भी सामने आए लेकिन मेड माला और उसके साथ अशोक चिन्नास्वामी ने ये स्वीकार कर लिया कि उन्होंने दुपट्टे से प्रिया की गला दबाकर हत्या कर दी थी।
कातिलों को नहीं हुई सजा
2002 में माला चौधरी और अशोक चिन्नास्वामी को कत्ल के इल्जाम में सजा हुई और केतन और विवेक को इसकी साजिश रचने का दोषी पाया गया लेकिन उन्होंने इस फैसले के खिलाफ अपील की और उन्हें बेल मिल गई। 2011 में एक बार फिर इस मामले में अपील की गई कि उनके दोषी होने के फैसले पर दोबारा गौर किया जाए, लेकिन इसका फैसला अभी तक नहीं आया।
प्रिया राजवंश को गए हुए अब 22 साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन उनकी पहली फिल्म हकीकत की तरह इस क़त्ल की हकीकत कभी सामने नहीं आ पायी .
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