राम का ईश्वर और ईश्वर का राम, रामेश्वरम जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ चारधाम का भी एक हिस्सा है. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग ये वो जगह है जहाँ पर लंका के लिए पुल निर्माण करने से पहले भगवान ने बालू का शिवलिंग बनाया और उसकी पूजा की थी. ये जगह रामेश्वरम के नाम से प्रसिद्ध है और भारतीय राज्य तमिलनाडु के सबसे अंतिम बिंदु यानि की छोर पर स्थित है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करने के लिए कैसे जा सकते हैं.
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इस तरह पहुंच सकते हैं रामेश्वरम मंदिर
रामेश्वरम मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा साधन फ्लाइट और ट्रेन है. यहां से बस से भी पहुंचा जा सकता है लेकिन अगर आप नार्थ ईस्ट या वेस्ट साइड आ रहे हैं तो आपके सबसे बढ़िया साधन फ्लाइट और ट्रेन है.
- रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के पास स्थित एयरपोर्ट का नाम मदुरै एयरपोर्ट है, जहां से रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की दूरी करीब 170 किमी है. वहीं यहां से आप बस और टैक्सी का जरिए रामेश्वरम जा सकते हैं.
- वहीं ट्रेन से रामेश्वरम मंदिर जाने के लिए आप रामेश्वरम रेलवे स्टेशन तक का सफ़र कर सकते हैं लेकिन इस स्टेशन पर कुछ ही ट्रेन आती है और इस वजह से आप मदुरै जंक्शन तक की ट्रेन से सफर कर सकते हैं और यहां से बस और टैक्सी में रामेश्वरम मंदिर पहुंच सकते हैं.
- इसी के साथ मदुरै जंक्शन के अलावा चेन्नई एगमोर रेलवे स्टेशन तक भी ट्रेन में सफर करके रामेश्वरम मंदिर पहुंचा जा सकता है. रामेश्वरम मंदिर से करीब 555 किमी. की दूरी पर स्थित है और इस दूरी को आप बस, टैक्सी या ट्रेन से भी पूरा कर सकते हैं.
वहीं यात्री इस अगर इस यात्रा को सफल बनना चाहते हैं तो मदुरै से रामेश्वरम तक ट्रेन का सफर करें क्योंकि इस सफर में भारत के सबसे लम्बा पंबन ब्रिज का नजारा भी आपको देखने को मिलेगा.
रामेश्वरम के दर्शन
- रामेश्वर मंदिर में दर्शन करने से पहले ही 100 मीटर दूरी अग्नि तीर्थ है. वहां पर आप समंदर में स्नान कर सकते हैं यहां पर समंदर की लहरें नहीं चलती हैं और इसके कई सारे कारण हैं.
- इसके बाद मंदिर परिसर 22 कुंड बने हुए हैं जिनमें सभी तीर्थों के जल एकत्रित है इन कुंडों का महत्व पौराणिक इतिहास से है और वहां गवर्नमेंट के एंपलाई आपके ऊपर पानी का छिड़काव करते हैं इसका कुछ चार्ज लिया जाता है जो कि 20 से ₹25 है.
- वहीं रामेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में दो शिवलिंग मौजूद है पहला वह की जो हनुमान जी ने कैलाश पर्वत से उठाकर लाए थे और दूसरा शिवलिंग वह जो भगवान शाम द्वारा रेत से निर्मित किया गया.
- वहीं रामेश्वर का मंदिर अपनी अद्भुत कला के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि भारत का सबसे लंबा कॉरिडोर रामेश्वरम मंदिर में ही है यहां के गलियारे यहां के कोरिडोर आपको बेहद खूबसूरत लगेंगे और दूसरी बात की मंदिर की सुंदर नक्काशी बेहद सुन्दर हैं.
- इसी के साथ यहां पर अम्ब्रिका माता मंदिर भी है. वें ज्योतिर्लिंग के साथ आप इन मंदिरों के दर्शन भी कर सकते हैं. रामेश्वरम तीर्थ मंदिर के आसपास कई और देवी-देवताओं की प्रसिद्ध मंदिर भी हैं
रामेश्वर में ठहरने की व्यवस्था
- मंदिर परिसर के आसपास कई छोटी बड़ी धर्मशालाएं बनी हुई है जिनका 1 दिन का चार्ज ₹250 से 300 के आसपास रहता है जो साथ यहां पर आपको कई सारे सस्ते कमरे में भी मिल जाएंगे.
- वहीं रामेश्वर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से वहां पर बहुत सारे रूम बने हुए हैं जिनकी ऑनलाइन बुकिंग करके आप यहाँ पर रुक सकते हैं और इनकी बुकिंग रामेश्वरम ट्रस्ट की ऑफिशल वेबसाइट www.tnhrce.gov.in जाकर कर सकते हैं
- इसी के साथ यहां पर कई सारे प्राइवेट होटल भी है जहाँ पर भी रुक सकते हैं. और उसका चार्ज 500 से 1000 तक है.
रामेश्वरम के आसपास घूमने की जगह
जब भी आप रामेश्वर तीर्थ यात्रा के लिए निकले भगवान शिव के दर्शन करने के बाद वहां और भी कुछ धार्मिक ऐतिहासिक जगह मौजूद है जिन्हें देखने के लिए जरूर जाएं और वह प्रमुख जगहें इस प्रकार है-
- पंचमुखी मंदिर
- साक्षी हनुमान मंदिर
- अब्दुल कलाम स्मारक
- धनुष्कोड़ी रामसेतु
- नंबू नयागी मंदिर
रामेश्वरम तीर्थ यात्रा करने के लिए कोई निश्चित समय नहीं लेकिन यहां पर घुमने जाने का सबसे बढ़िया समय नवंबर से लेकर मार्च तक का है. और यहां पर घूमने के लिए दो दिन का समय जरुर निकालें.
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