एबॉर्शन के बाद आती है ये परेशानी
गर्भपात यानि की एबॉर्शन (abortion) एक महिला के लिए वो दुख है जिसका अंदाजा लगाना बहुत ही मुश्किल है। ये महिला के लिए पीड़ादाई होने के साथ-साथ एक ऐसा समय है जब एक महिला को शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन आजकल के समय एबॉर्शन (abortion) आम हो गया है जो लोग बच्चे पैदा नहीं करना चाहते और वो प्रेगेंट हो जाए साथ ही आजकल के रिलेशनशिप के दौरान भी कई लड़की प्रेगेंट हो जाती है और इस प्रेगनेंसी के छुटकारा पाने के लिए वो गर्भपात यानि की एबॉर्शन (abortion) का रास्ता चुनती है लेकिन एबॉर्शन (abortion) के बाद एक लड़की और महिला को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
जहां गर्भपात के दौरान महिला के शरीर कई सारे बदलाव होते हैं। वहीं कुछ मामलों में गर्भपात के बाद ऐसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं जिनसे उन्हें जान का खतरा हो सकता है।
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एबॉर्शन के बाद हो सकता है ये खतरा
हैवी ब्लीडिंग
गर्भपात (abortion) के बाद कई महिलाओं को ब्लीडिंग नहीं होती है। लेकिन कई महिलाओं को इस दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। कुछ महिलाओं को गर्भपात के बाद 2 हफ्तों तक ब्लीडिंग (bleeding) हो सकती है। लेकिन अगर आपको हैवी ब्लीडिंग की समस्या है और यह सामान्य अवधि से लंबे समय तक जारी है तो आपको डॉक्टर (Doctor) की सलाह लेनी चाहिए।
इनफ़ेक्शन
एबॉर्शन की प्रक्रिया के बाद एक महिला को इनफ़ेक्शन (infection) का खतरा अधिक रहता है। यदि आपको दो हफ्तों से ज़्यादा ब्लीडिंग, बुखार, ठंड लगना और वैजाइना से बदबूदार डिस्चार्ज जैसी समस्याएं हों तो यह संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में किसी डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर से इस संक्रमण की पहचान करवाकर इलाज करवाएं।
अत्यधिक दर्द
कई बार महिला को गर्भपात से पहले गर्भाशय (Uterus) का आकार बढ़ जाता है और कुछ दिनों में यह अपने सामान्य आकार में आ जाता है। ऐसे में दर्द और क्रैंप्स होना सामान्य बात है। लेकिन कभी-कभी यह दर्द बहुत अधिक हो सकता है। जो कि खतरे की घंटी हो सकती है। कुछ मामलों में यह गर्भाशय में थक्के होने के कारण होता है जो शरीर से बाहर निकलने में असमर्थ होते हैं जिसकी वजह पेट में दर्द होता है। इसके अलावा गर्भपात के बाद बैक्टीरियल इनफ़ेक्शन होना भी दर्द का एक कारण हो सकता है.
डिप्रेशन और एंग्जायटी
गर्भपात के बाद कई महिला डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी दिक्कतों का सामना करती है। कई महिलाऐं गर्भपात के बाद खुद को ज़्यादा भावुक और अकेला महसूस करती हैं। जो कि महिला के लिए एक खतरे का कारण हो सकता है। ऐसे में महिला को इस गर्भपात डिप्रेशन से बाहर निकलना चाहिए अगर महिला इस गर्भपात के डिप्रेशन में रहती है तो इसका असर उसके शरीर पर पड़ सकता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है। इसके अलावा चिकित्सीय सलाह जरूर लें) .