वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Mandir News) जो भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में है और इस वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को लेकर इतनी आस्था है कि लाखों की संख्या में लोग यहाँ ठाकुर जी के दर्शन करने आते हैं लेकिन जब लोग यहाँ बांके बिहारी के दर्शन करते हैं तब इस बीच पुजारी द्वारा पर्दा डाल दिया जाता है जिसके बाद फिर से लोग इस परदे के खुलने का इंतजार करते हैं. वहीं इस बीच इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात कि जानकरी देने जा रहे हैं कि क्यों बांके बिहारी के आगे बार-बार पर्दा डाला जाता है.
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मूर्ति में भगवान कृष्ण करते हैं वास
वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर में जो मूर्ति है उस मूर्ति में भगवान कृष्ण वास करते हैं और ठाकुर जी की एक झलक के लिए लाखों लोग यहाँ घंटो तक लाइन में खड़े रहते हैं. लोग सुबह मंदिर खुलने से लेकर शाम तक बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए लाइन में लगे रहते हैं लेकिन कुछ ही लोग होते हैं जिन्हें बांके बिहारी के दर्शन आसानी से होते हैं. वहीं जब लोग बांके बिहारी के दर्शन करते हैं तब पुजारी बीच-बीच में पर्दा डाल देते हैं.
400 साल पहले हुई पर्दा डालने की शुरुआत
बिहारी जी और लोगो के बीच ये पर्दा इसलिए किया जाता है ताकि बिहारी जी को एक नजर तक कोई निहार न सकें. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि 400 साल पहले बिहारी जी के आगे बार-बार पर्दा नहीं डाला जाता था. इसी दौरान एक निसंतान विधवा बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए आई और बांके बिहारी जी को देर तक देखती रही. इसी दौरान वो सोचने लगी कि काश उनका भी कन्हैया जैसी संतान होती और ऐसे सोचते-सोचते वो रोने लगी और दर्शन करके वापस घर आ गयी. कहा जाता है कि बांके बिहारी उस माँ का दुःख-दर्द दूर करने के लिए उनके घर चले गए.
बिहारी जी ने छोड़ दिया था मंदिर
जब अगले दिन मंदिर के पुजारी और अन्य लोगों को पता चला तो उन्होंने प्रभु को खोजना शुरू किया और खोजते-खोजते वृद्धा के घर पहुंचे जहां उन्होंने बांके बिहारी से धाम पर जाने की प्रार्थना की जिसके बाद बांके बिहारी सभी लोगों के अनुरोध पर वृंदावन वापिस लौटे और इसके बाद से ही मंदिर में पर्दा डालने की परंपरा शुरू हुई.
बांके बिहारी जी मंदिर (Banke Bihari Mandir News) में हर 2 मिनट के अंतराल पर बिहारी जी के सम्मुख पर्दा डाल दिया जाता है और इस दौरान लाखों कि संख्या में लोग परदे का हटने का इंतजार करते हैं और राधा-राधा नाम का जप करते हैं.
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