पूजा घर में कई सारे नियमों का पालन किया जाता है जैसे दिया जलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली माचिस और तिल्ली को वहां नहीं रखनी चाहिए. पूजा घर को साफ़ रखना चाहिए तो वहीं पूजा घर में तांबे के कलश में जल रखना चाहिए. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि पूजा घर में तांबे के कलश में पानी क्यों रखा जाता है.
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तांबे के कलश में पानी रखना है शुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में जल रखना जरूरी है और पूजा घर में तांबे के कलश में पानी रखना शुभ माना जाता है और इस वजह से हर घर के पूजा घर में तांबे के कलश में पानी रखा जाता है. वहीं इसी तांबे के कलश से सूर्य देव और तुलसी को पानी चढ़ाना शुभ माना जाता है.
घर में पड़ता है सकारात्मक प्रभाव
वास्तु के मुताबिक, पूजा घर में तांबे के कलश में जल रखने से काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वहीं इस जल से भगवान की मूर्ति को स्नान कराने के बाद पूजा की जाती है और उस पवित्र जल को घर में छिड़का भी जाता है ताकि नेगेटिविटी घर में ना आए. वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिस प्रकार पूजा घर में गुरुड़ देव की स्थापना गरुड़ घंटी के रूप में की जाती है, वैसे ही वरुण देव की स्थापना जल के रूप में की जाती है और इस वजह से तांबे कलश में जल रखना चहिए साथ ही कहा जाता है कि तांबे के पात्र में ऐसे गुण होते हैं जो जल को शुद्ध करता है.
जल हो जाता है पवित्र
वहीं पूजा घर में रखे हुए जल में तुलसी के कुछ पत्ते डाल कर रखने से जल पवित्र हो जाता है. वहीं कहा जाता है कि पूजा के बाद आरती समाप्त होने पर इसी पानी से आचमन किया जाता है साथ ही ऐसा करने का कारण यह है कि जल की पूजा वरुण देव के रूप में होती है और वही दुनिया की हर एक वस्तु की रक्षा करते हैं. वहीं आरती के समय जल का आचमन किए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है, इसलिए पूजा घर में जल रखा जाता है जिससे पूजा अधूरी छोड़कर आपको जाना न पड़े और आप उसी जल का इस्तेमाल कर सकें जो पूजा घर में रखा हुआ है.
इन बातों का रखें ध्यान
- तांबे का कलश उत्तर और ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
- वहीं तांबे के कलश में पानी आधा भरा हुआ नही रखना चहिए साथ ही इसका पानी रोजाना बदलना चाहिए.
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