रामायण, महाभारत या पुराणों की कथा कहने या सुनाने वाला कथा वाचक होता है. सोशल मीडिया और इंटरनेट के प्रचलन के दौर में इस वर्ष 2022 में कई कथा वाचकों ने अपनी जगह बनाई है. इमें से कुछ तो बहुत ज्यादा चर्चित या विवादित रहे हैं. आजकल कथा वाचकों की बहुत धूम है.
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जो लगातार व्यासपीठ पर बैठकर अपने बयानों और भजनों के माध्यम से कुछ न कुछ उल्टा सीधा बोलकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. आओ जानते हैं देश के 10 खास कथा वाचन को वर्ष 2022 में खास चर्चित रहे हैं.
जया किशोरी (Jaya Kishori)
जया किशोरी का जन्म 13 अप्रैल 1995 को राजस्थान के सुजानगढ़ (Sujangarh of Rajasthan) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका रियल नाम जया शर्मा है और उन्हें किशोरी की उपाधि दी गई है. इसलिए वह अपने नाम में जया किशोरी का इस्तेमाल करती हैं. अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जया किशोरी ने अपनी शिक्षा कोलकाता के श्री शिक्षातन कॉलेज और महादेवी बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी से की है. साथ ही जया ने ओपन स्कूल से बीकॉम की पढ़ाई की है. वो कई बार इंटरव्यू में इस बात का जिक्र कर चुकी हैं कि उन्हें पढ़ना-लिखना बहुत पसंद है. बता दें कि उन्होंने 12वीं कक्षा के दौरान श्रीमद्भागवत कथा कंठस्थ कर ली थी. इसके साथ ही वह भजन गीता का पाठ करती थीं.
बहुत से लोग जया किशोरी की संपत्ति के बारे में जानना चाहते हैं तो चलिए इसके बारे में बताते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीमद्भागवत के वाचन के लिए वह 9 लाख 50 हजार रुपये फीस लेती हैं. फीस का आधा हिस्सा 4 लाख 25 हजार रुपये वह कथा से पहले और बाकी कथा होने के बाद लेती हैं. खास बात ये है कि उनकी फीस का एक बड़ा हिस्सा नारायण सेवा संस्थान को दान कर दिया जाता है. यह संस्था दिव्यांगों के लिए काम करती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी नेटवर्थ 1.5 से 2 करोड़ रुपये है. इसके अलावा जया किशोरी यूट्यूब वीडियो, मोटिवेशनल स्पीच, एल्बम से भी कमाई करती हैं.
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri)
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मूलत: मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं, उनका जन्म जन्म 4 जुलाई 1996 बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ था. यहीं से उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की थी. बताया जाता है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उनके पिताजी जिनका नाम राम करपाल गर्ग है, वह क्षेत्र में कथा किया करते थे. जबकि उनकी माताजी का नाम सरोज गर्ग था, जो गृहणी थी. इसके अलावा उनके छोटे भाई का नाम शालिग्राम गर्ग था, जबकि उनकी बहन का नाम रीता गर्ग था.
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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं. कई लोग उन्हें अपना गुरू मानते हैं. जबकि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने दादाजी को अपना गुरू मानते हैं. इसके अलावा उन्होंने रामभद्राचार्य जी महाराज से भी दीक्षा ली है. माना जाता है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर भगवान हनुमानजी की कृपा है, जिससे वह बिना जाने अपने भक्तों की मन की बता देते हैं. वह दरबार भी लगाते हैं, जिससे उनके दरबार में लोगों का भारी भीड़ जुटती है. लेकिन यह सिलसिला एकदम शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने धीरे-धीरे ही इतनी उपलब्धि हासिल की है. धीरेन्द्र शास्त्री कहते हैं कि कथाओं के नाम पर बहुत लोग बहकाते हैं कि बहुत महंगा है, बहुत कॉस्टली है. सच तो ये है कि हमने कभी कथा के लिए दक्षिणा नहीं मांगी है. जो व्यवस्था है, सिर्फ व्यवस्था मांगी है.
पंडित प्रदीप मिश्र (Pandit Pradeep Mishra)
पंडित प्रदीप मिश्र का जन्म 1980 में मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में हुआ था उनका जन्म Sehore जिले में होने कारण उन्हें सीहोर बाबा के नाम से भी जाना जाता है. आज की तारीख में उनकी उम्र 42 वर्ष है. पंडित प्रदीप मिश्रा की अगर हम करियर के बारे में बात करें उन्होंने अपनी शुरूआत एक कथा वाचक के तौर पर की थी और जिसके बाद उनकी प्रसिद्धि इतनी हो गई कि आज की तारीख में यूट्यूब और फेसबुक पर लाखों की संख्या में उनके followers हैं. इसके अलावा उनका एक प्रोग्राम आस्था चैनल प्रसारित होता है जिसे लाखों लोगों के द्वारा सुना जाता है. इसके अलावा प्रदीप पंडित मिश्रा भक्ति गीत भी गाते हैं और उनके गीतों को सुनकर भक्त पूरी तरह से भगवान के भक्ति में रम जाते हैं.
पंडित प्रदीप मिश्रा की संपत्ति कितनी है इसकी कोई आधिकारिक जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं है लेकिन जैसा कि आप लोग जानते हैं कि प्रदीप मिश्रा किसी भी प्रकार भक्ति से जुड़े हुए प्रोग्राम में कथावाचन करते होंगे तो जिसके लिए लाखों रुपए फीस के तौर पर चार्ज जरूर लेते होंगे. ऐसे में उनकी संपत्ति भी लाखों में जरूर होगी. इसके अलावा इनका खुद का यूट्यूब चैनल भी है जहां पर लाखों की संख्या में व्यूज आते हैं ऐसे में इनकी Income भी लाखों में होती होगी. वहीँ अगर हम पंडित प्रदीप मिश्रा की संपत्ति कितनी है इसकी कोई आधिकारिक जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं है. लेकिन वहीँ अगर हम उनके फीस की बात करें तो एक कथा का तकरीबन 7 से 8 लाख रुपये लेते हैं.
अनिरुद्धाचार्य जी महाराज (Anirudhacharya Ji Maharaj)
अनिरुद्धाचार्य जी का जन्म 27 सितंबर 1989 को जबलपुर मध्यप्रदेश भारत में हुआ था. उनके माता-पिता अध्यात्म से जुड़े हुए थे. और बचपन से ही वह भी अध्यात्म में रूचि रखते थे. छोटी से उम्र में उन्होंने हनुमान चालीसा कंठस्थ कर लिए था. श्रीमद भगवद और रामचरितमानस जैसे ग्रन्थ और पुराण का अध्ययन कर लिया था. अपनी स्कूल की शिक्षा प्राप्त करने के पश्च्यात वे वृन्दावन चले आये और बाद में उन्होंने संत गिर्राज शास्त्री महाराज से दीक्षा प्राप्त की तथा सनातन धर्मका प्रचार करने लगे. श्री अनिरुद्धाचार्य महाराज ने अपना YouTube Channel अपने जन्मदिन के 2 दिन पश्यात Sep 29, 2017 को शुरू किया था. महाराज भागवत कथावाचन का 1 लाख/दिन से भी ज्यादा लेते है. और कथा 7 दिन तक चलती है.
महाराज जी के द्वारा कथा करवाने का पूरा खर्च 12 से 15 लाख रूपए तक अनुमानित है. यदि आप कथा करवा चाहते है तो आपको ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर सम्पर्क करके date ले सकते है. और Advance राशि महाराज की संस्था के अकाउंट नंबर पर जमा करनी होगी. अनिरुद्धाचार्य की net worth तक़रीबन 8 करोड़ रूपए है. उनके कमाई के मुख्य साधन उनका YouTube Channel और भागवत कथा वाचन है. और साथ ही साधना चैनल पर live telicast करने के लिए उन्हें चैनल द्वारा फीस दी जाती है. इन सबके बावजूद वो अधिकतर धन अपनी संस्था के कार्यो में लगा देते है. महाराज जी की लोकप्रियता के चलते उनकी संस्था को लाखो रूपए का दान प्रतिदिन मिलता है.
देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur Ji)
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर की अगर बात करें तो तो उन्हें हम एक पुराण कथावाचक, गायक, और अध्यात्मिक गुरु भी हैं. आध्यात्मिक गुरु हैं. 1997 से ये श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा, देवी भागवत, शिव कथा, भगवत गीता इत्यादि पर प्रवचन दे रहे हैं. 2015 में इन्हें यूपी रतन पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है. इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार देवकीनंदन ठाकुर का जन्म 12 सितम्बर 1978 को उत्तर प्रदेश के मथुरा के ओहावा गाँव में हुआ था. कहा जाता है कि मात्र 6 साल की उम्र में वह घर छोड़कर वृंदावन पहुंच गये और ब्रज के रासलीला संस्थान में हिस्सा लिया. कहा जाता है कि 13 साल की उम्र में उन्होंने श्रीमद्भागवतपुराण कंठस्थ कर लिया था.
18 साल की उम्र में दिल्ली के श्रीराममंदिर में श्रीमदभागवत महापुराण के उपदेश लोगों को दिए. ये अभी तक हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे और हॉलैंड जैसी जगहों में अपने कथाएं सुना चुके हैं. इन्होंने विश्व में शांति के लिए सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की. इनकी विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट का उद्देश्य सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से क्षेत्र की हवा में खुशी को बनाए रखना है. इसलिए श्री ब्राह्मण महासंघ ने परम पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुरजी महाराज को अचार्जिंद्र के पद के साथ सम्मानित किया है. देवकीनंदन ठाकुर जी की Net Worth लगभग 5-7 crores है. महाराज देवकीनंदन विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक हैं. इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार, वह एक कथा करने की फीस 10 से 12 लाख लेते हैं.
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