श्री प्रेमानंद महाराज जी जो वृंदावन में रहते हैं और राधा रानी के परम भक्त हैं महराज जी जुबान पर हर समय राधा नाम होता है. जहाँ श्री प्रेमानंद महाराज जी सुबह दो बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन और परिक्रमा करते हैं तो साथ ही राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते है और अपने सत्संग के दौरान कई सारी चीजों के बीरे में बताते है.व हैं इस महाराज जी ने बताया है कि उन्हें किस रूप में हुए भगवान शिव के दर्शन हुए हैं.
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महाराज को हुआ महादेव के दर्शन
श्री प्रेमानंद महाराज जी ने बताया कि काशी में हर दिन कहा जाता था कि आज महादेव आएंगे और मैं भो रोज यही सोचता था कि आज महदेव आएंगे लेकिन एक ऐसा महसूस हो रहा था आज महादेव जरुर आएंगे. वहीं इस दौरान उन्होंने देखा कि भयंकर जाटों का बोजा लिए एक बड़े से हाथ में त्रिशूल लेकर नग्न पैर दोहपर के समय उनकी ओर आ रहा है और उन्हें वो स्वरूप भा गया. वहीँ इस दौरान उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें जो भाव नजर आया वो महादेव थे.
महाराज को बालक रूप में हुए श्रीकृष्ण के दर्शन
इससे पहले महाराज ने बताया था उन्हें श्रीकृष्ण के दर्शन हुए थे. स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि सुबह 5 बज एक समय था जब वो सुबह परिक्रमा कर रहे थे तब उन्हें एक बालक दिखा जो कमर में हाथ रखे खड़ा था. वहीं इस बालक ने उनसे पैसे मांगे कहा हें बाबा पैसा दें.. और उन्होने उसे 1 रुपया का नोट दिया और उस बालक ने उन्हें बड़ी प्रेमपूर्वक तरीके से देखा और उन्हें इस बालक को देख अलग-सा ही महसूस हुआ.
वहीं इसके बाद उन्होंने उनके साथ परिक्रमा कर रहे महाराज से पूछा की यहाँ पास में कोई गाँव हैं उन्होंने कहा हां यहां से 2 किलोमीटर के आस-पास एक गाँव है जातिपुरा है. वहीं उन्होने कहा कि उन्हें एक बालक मिला तो उन्होएँ बताय की वो श्रीकृष्ण थे. वहीं इसके बाद जब वो वृंदावन भक्ति दीप महारजा मिले तब उन्होने महाराज से पूछा की परिक्रमा के दौरन श्रीकृष्ण मिले उन्होएँ कहा नहीं मिले. तब उन्होएँ बताया कि जिस बालक ने पैसा मनगा था वो श्रीकृष्ण थे. वो बड़े चालिया है वो कब किसी भी रूप में दिख सकते हैं. वो आपके साथ खेल रहे होगे आपको पता नहीं चलेगा वो साथ चल रहे हैं आपको नहीं पता चलेगा. भगवान को सब पता है वो हमें देखेते हैं हमारे साथ रहते हैं और हमरे साथ खेलते भी है.
महाराज ने बताया इस तरह होगी श्री कृष्ण की प्राप्ति
महाराज (Premanand Ji Motivation) ने ये भी बताया जिस दिन श्री कृष्ण बन जाओगे उस दिन श्री कृषण की प्राप्ति हो जाएगी और तभी श्री कृष्ण से साक्षात्कार होगा. प्रेमानंद जी महाराज ने ये भी कहा कि वृन्द्वान तो चमत्कार का समंदर है फिर यहां किसी को समझने की जरूरत नहीं पड़ती है फिर तो उसे प्रभु के नाम का ही नशा हो जाता है.
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