वृंदावन वाले स्वामी प्रेमानंद जी महाराज खुद को राधा रानी के परम भक्त मानते हैं साथ ही उन्ही के नाम से सत्संग भी करते हैं और अपने सत्संग के जरिए लाखों लोगों को ज़िन्दगी जीने के खास सन्देश भी देते हैं. वहीं इस बीच प्रेमानंद जी महाराज ने एक जानकारी दी है और ये जानकारी ब्रह्मचर्य को लेकर है. स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने बताया है कि ब्रह्मचर्य कैसे रह सकते हैं?
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महाराज ने बताया ब्रह्मचर्य के लिए जरुरी है ये काम
स्वामी प्रेमानंद जी महाराज जी ने बताया कि ब्रह्मचर्य रहने के लिए सरल जीवन रहना जरुरी है साथ ही वासना को छोड़ना होगा और उपसना में मन लगाना होगा और ऐसा करने से ही आप ब्रह्मचर्य में रह सकते हैं. इसी के साथ प्रेमानंद जी महाराज जी ने ये भी बताया कि जिसे ब्रह्मचर्य रहना है उसे सत्संग जरुर सुनना चहिए साथ ही एक दिन में 2 बार स्नान करना जरुरी है. ऐसा करने से ब्रह्मचर्या का पालन करने में सहायता मिलती है शरीर की गर्मी नष्ट होती है और हमारे भाव में पवित्रता आती है. लेकिन स्नान करते समय साबुन आदि का प्रयोग न करें ऐसा करने से ब्रह्मचर्य रहने में परेशानी आती है.
ब्रह्मचर्य के दौरान इस तरह का खाएं भोजन
वहीं इस ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए साफ और पवित्र कपड़े पहने. भोजन के बाद पानी न पिएं शाम के भोजन की इच्छा नही तो आप भोजन न करें. न ही अधिक गर्म जल से स्नान करें और न गर्म भोजन खाएं साथ ही जो भोजन करें वो सिर्फ 390 ग्राम होना चाहिए यानि कि 2 रोटी 1 कटोरी दाल या सब्जी ही खाने में खाना है और ये सभी भोजन सात्विक होना चाहिए बसी भोजन नही करना चाहिए.
इसी के साथ जो भोजन करना है उसे श्री को चढाओं और ये गाना गर्म नहीं होना चाहिए. भोग लगाने के बाद ये भोजन प्रसाद रूप में खुद खा लो. वहीं मांसाहारी भोजन साथ ही नशे वाली चीज नहीं खाना चाहिए. वहीं वो भोजन न करें जिसमें चिट्टी मक्खी आदि पड़ी हो.
सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं महाराज
आपको बता दें, राधा रानी के भक्त श्री प्रेमानंद महाराज जी सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं साथ ही बांके बिहारी जी, राधा वल्लब के दर्शन और परिक्रमा और सत्संग भी करते है साथ ही अपने सत्संग के जरिए लोगों को खास सन्देश देते हैं. वहीं जब श्री प्रेमानंद जी महाराज जी जब सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं तब हजारों की संख्या में भक्त उनके दर्शन करने के लिए सड़कों पर खड़े होते हैं.