मथुरा वृन्दावन जहाँ श्री कृष्ण के साथ-साथ राधे राधे नाम की भी महिमा है क्योंकि यहाँ पर श्री कृष्ण के नहीं राधे राधे नाम जयकारे लगाए जाते हैं और इस वजह से भगवत गीता समेत मथुरा वृन्दावन में श्री कृष्ण के दर्शन करने आये लोग राधे राधे नाम का जप करते हैं. कहा जाता हैं कि राधा के बिना श्याम अधूरे है और इस वजह से जहाँ भी श्री कृष्ण के नाम जिक्र होता है वहां अपने आप ही राधे-राधे नाम का जिक्र भी हो जाता है. इसी बीच संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी ने राधा रानी के सामने श्रीकृष्ण की महिमा फीकी क्यों पड़ जाती है.
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ठाकुर जी की भी ठाकुर हैं राधा रानी
संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी राधा रानी को अपनी ईष्ट मानते हैं और सत्संग करते हैं. संत श्री प्रेमानंद महाराज राधा रानी के परम भक्त हैं और कहा जाता है कि श्री प्रेमानंद महाराज जी का सत्संग जो भी मन लगाकर सुनता है उसे राधारानी के दर्शन होते हैं. साथ ही जो भी उनकी बातों को अपने जिन्दगी में लागू करता है उन्हें जिन्दगी जीने में एक मार्ग मिलता हैं. वहीं इस बीच श्री प्रेमानंद महाराज जी राधा रानी को लेकर कहते हैं कि किशोरी जी (राधा रानी) तो प्रेम मूर्ति हैं. सम्पूर्ण ब्रिज जो है वो हमारी लाडली राधा का है . हमारी राधा रानी ठाकुर जी की भी ठाकुर हैं. राधा शक्ति अन्नत शक्ति है और इस बता का पता वृन्दावन आकार ही चलेगा.
लाडली जी के चरणों में हैं सभी शक्तियां
इसी के साथ संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी ने राधा रानी को लेकर ये भी कहा कि हमारी लाडली जी (राधा-रानी) के चरणों में सभी शक्तियां विराजमान हैं. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि हमारी लाडली जी को कि जो नील कलम लेकर चलती हैं उन्हें ये मत समझाना की वो सिर्फ नील कलम लेकर चलती है तो उनके पास शक्तियां नहीं है. उनके पास आपर शक्तियां हैं जो उनके चरणों में हैं और ये सभी शक्तियां हमें भी बचाती हैं.
इस वजह से श्रीकृष्ण की महिमा पड़ जाती है फीकी
वहीं उन्होंने ये भी कहा है कि श्री राधारानी के नाम का इतना प्रभाव हैं कि सभी देवता और यहाँ तक की भगवान भी राधा(radha) जी को भी भजते है, जपते है. वहीं श्रीमद् देवीभाग्वत् नामक ग्रंथ में उल्लेख मिलता है कि जो भक्त राधा का नाम लेता है भगवान श्री कृष्ण सिर्फ उसी की पुकार सुनते हैं. इसलिए कृष्ण को पुकारना है तो राधा को पहले बुलाओ. जहां श्री भगवती राधा होंगी वहां कृष्ण खुद ही चले आएंगे और ये ही महिमा हैं कि राधा रानी के आगे श्रीकृष्ण की महिमा फीकी पड़ जाती है.