मछली पालना शुभ अशुभ – अपने घर में सुख और बरकत हो, ये सभी की मनोकामना होती है. इसके लिए बहुत से उपाय भी किए जाते है; कुछ वास्तुशास्त्र की मदद से और कुछ शिक्षा और मेहनत से. लेकिन हमारे रहन सहन, जीवनशैली, माहौल में वास्तुशास्त्र एक अहम भूमिका निभाता है. जैसे घर के स्थान एवं रंग दिशा-उपदिशा देखकर निश्चित करना, घर का वास्तुदोष मिटाने के लिए खास चीजे घर में रखना, ईष्ट देवता को पूजना, दान करना आदि.
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इस बात से भी कोई अनजान नहीं होगा खासकर हिन्दू समाज कि हमारे घर में जानवर भी मान्यताओं और धर्म ग्रंथों के हिसाब से पाले जाते हैं वही ग्रन्थ तय करते हैं कि कौन सा जानवर शुभ होता है और कौन सा अशुभ. और मानव चरित्र तो आप जानते हैं कि वो अपने शुभ के अलावा कभी अपने अशुभ के बारे में नहीं सोचेगा. इन सब से इतर सकारात्मक ऊर्जा के लिए बहुत से लोग मनी प्लांट, मोरपंख, फिश टैंक घर में रखते है. तो इसी के बारें में जानेंगे की घर में मछली पालना शुभ है या अशुभ फिश टँक किस दिशा में रखना चाहिए, इसपर भी चर्चा करेंगे.
मछली पालना शुभ या अशुभ?
अक्सर घरों में या ऑफिस में एक्वेरियम रखते है; क्योंकि, मछलिया नकारात्मक ऊर्जा को मिटा देती है. एक्वेरियम का पानी और उसमे तैरती हुई मछलिया पॉजिटिविटी प्रदान करते है. अलग-अलग रंगों के मछली के खास गुण होते है, वास्तुशास्त्र के अनुसार दिशा देखकर ही एक्वेरियम रखना चाहिए क्योंकि इसे गलत दिशा में रखने से विपरीत परिणाम हो सकता है.
कितनी होनी चाहिए एक्वेरियम में मछलियां?
वास्तुशास्त्र के अनुसार एक्वेरियम में मछलियों की संख्या का विशेष महत्व है. यदि सही संख्या और रंगों की मछलियां एक्वेरियम में रखी जाएंगी हो तो घर के सदस्यों पर आने वाली हर परेशानी अपने आप खत्म हो जाएगी. फेंगशुई के अनुसार, एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए. जिनमें से आठ मछलियां लाल और सुनहरे रंग की हो और एक मछली काले रंग की होनी चाहिए.
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घर में मछली रखने से क्या होता है?
- एक्वेरियम को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें, किचन और बेडरूम में ना रखें इससे आर्थिक हानी हो सकती है. जिस जगह पर हमेशा शोर होता है, डिस्टर्बन्स ज्यादा रहती है वहा इसे बिल्कुल ना रखें.
- हमेशा एक्वेरियम के मछलियों की संख्या विषम होनी चाहिए; नौ मछलिया अगर आप पालना चाहते है तो उनमे से एक मछली काले रंग की होनी चाहिए. बाकी आठ आप लाल, बैंगनी, नारंगी, सुनहरी किसी भी रंग की मछली रख सकते है.
- काले रंग की मछली नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करके वातावरण को सुरक्षित करती है; इसिलिए इसे अत्यंत प्रभावी माना जाता है. गोल्डफिश, ड्रैगन फिश, एंजल फिश आदी अपने-अपने गुणधर्मों से नेगेटिव एनर्जी को सोखकर घर की सुख-समृद्धि बनाए रखते है.
- 10-12 दिनों में पानी बदले; शैवाल, मछलियों का खाना या कुछ कचरा हो तो अच्छी सफाई करें ताकि बदबू ना आए. साथ में आप एक्वेरियम के शोभा के लिए नए चीजों का इस्तेमाल कर सकते है.
- अगर फिश टँक में मछली मर जाती है; तो ऐसा माना जाता है की ‘घर पर आनेवाला कोई बड़ा संकट टल गया’. उस मछली की जगह पर आपको दूसरी मछली रखें.
क्यों खास होती हैं काले रंग की मछलियां?
काले रंग की मछली को एक खास महत्व होता है. माना जाता है कि काले रंग की मछली सुरक्षा का प्रतीक होती है. काली मछली घर की नकारात्मक ऊर्जा को मिटाती है. अपने काले रंग के कारण वो घर की नेगेटिव एनर्जी को खुद की ओर आकर्षित करती है, माहौल में फैली नेगेटिव एनर्जी को खुद में सोखकर वातावरण को सकारात्मक बनाती है.
इस कारण अक्सर कई बार काली मछली की मौत जल्दी हो जाती है. किसी भी मछली के मरने के तुरंत बात उसकी जगह नई मछली रखने की सलाह भी फेंगशुई देता है.
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