Who is Sunder Bhati: शनिवार करीब साढ़े दस बजे अतीक और उसके भाई अशरफ की 3 अनजान गुर्गों ने पुलिस कस्टडी में ही गोली मारकर हत्या कर दी. और ठीक उसके बाद ही सरेंडर कर दिया. पकड़े गए इन तीन गुर्गों की जब जांच पड़ताल हुई तो उनमे से एक नाम आया सनी सिंह का. जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाने माने कुख्यात गैंगस्टर सुन्दर भाटी का गुर्गा बताया जा रहा है.
सुंदर भाटी वर्तमान में सोनभद्र जेल में बंद है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अतीक और अशरफ की हत्या जिस जिगाना पिस्टल से हुई, वह सुंदर भाटी के नेटवर्क से ही सनी को दी गई थी. जानते हैं कि आखिर कौन है ये सुंदर भाटी. उसका अतीक और अशरफ की हत्या से क्या है कनेक्शन?
60 से ज्यादा मुक़दमे दर्ज
वेस्ट उत्तरप्रदेश के गैंगस्टर सुन्दर भाटी (Who is Sunder Bhati) पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी लूट और मारपीट के 60 से ज्यादा मुक़दमे दर्ज हैं बीते साल ही भाटी को हरेंद्र प्रधान की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. फिलहाल में वो सोनभद्र जेल में बंद है, लेकिन लगभग डेढ साल पहले सुंदर हमीरपुर जेल में बंद था.
इसी हमीरपुर जेल में सनी सिंह लूट की वारदात को अंजाम देने के चलते बंद था. इसी जेल में सनी की दबंगई को देखकर गैंगस्टर भाटी उसे अपने करीब लाया और धीरे-धीरे सनी उसका चेला बन गया.
ALSO READ: Atiq Ahmed Killed: प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई की गोली…
AK-47 समेत कई खतरनाक हथियार
कुछ समय बाद सुंदर भाटी को हमीरपुर से सोनभद्र जेल में बंद कर दिया गया और सनी भी जेल से छूट कर बाहर आ गया. इसके बाद वह भाटी के गुर्गों के संपर्क में रहने लगा. सुंदर के गैंग के पास AK-47 समेत कई खतरनाक हथियार हैं.
उसका संपर्क पंजाब के कई असलहा तस्करों और गैंगस्टर से भी रहा है. ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि अतीक और अशरफ के हत्यारोपी सनी सिंह को जो विदेशी जिगाना पिस्टल और दूसरे शूटर्स को जो पिस्टल मिली, तो वह सुंदर भाटी के नेटवर्क से ही पहुंचाई गई थी.
सनी के पास कहाँ से आई इतनी महंगी पिस्टल?
अतीक अहमद को मारने में सनी सिंह द्वारा इस्तेमाल कि गई ‘जिगाना पिस्टल’ का भी भाटी गैंग से गहरा कनेक्शन है. फिलहाल इस मामले में पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन अंदरखाने जांच जरूर हो रही है कि आखिर सनी सिंह और लवलेश तिवारी जैसे मामूली बैकग्राउंड के अपराधियों के पास तुर्किए की लाखों की कीमत वाली पिस्टल कैसे पहुंची?
ALSO READ: योगी बाबा ने अब तक गिराए इतने माफियाओं के विकेट, लिस्ट में शामिल हैं ये बड़े नाम…
वहीं, नाम ना छापने की शर्त पर पुलिस के एक बड़े अफसर ने कहा कि उनके संज्ञान में सुंदर भाटी और अतीक अहमद के बीच अदावत की कोई वजह अब तक नहीं मिली है.
सुन्दर भाटी का काला इतिहास – Who is Sunder Bhati
एक जमाना था जब पश्चिमी उत्तरप्रदेश में जयराम की दुनिया का सबसे खतरनाक नाम हुआ करता था सुन्दर भाटी. चाहे यूपी पुलिस हो , दिल्ली पुलिस हो या फिर हरियाणा पुलिस सुन्दर इन साब राज्यों की पुलिस के लिए गले की हड्डी बन गया था.. ग्रेटर नोएडा के गंगोला का रहने वाला सुंदर भाटी कभी गाजियाबाद के लोनी इलाके के गैंगस्टर सतवीर गुर्जर का खास हुआ करता था.
सतवीर की दोस्ती ग्रेटर नोएडा के रिठोरी गांव के रहने वाले नरेश भाटी से थी. नरेश गांव में परिवार वालों की हत्या का बदला लेने के लिए सतवीर के संपर्क में आया. यहीं नरेश और सुंदर के बीच दोस्ती शुरू हो गई. दोनों के बीच की दोस्ती यूपी-दिल्ली-हरियाणा के गैंगस्टर्स में भी मशहूर थी. इसी दोस्ती की वजह से नरेश भाटी के परिवार वालों की मौत का बदला सुंदर ने लिया.
अदावत में कैसे बदली भाटी और नरेश की दोस्ती?
लेकिन गैंगस्टर की दुनिया में दोस्ती ज्यादा दिन तक नहीं चलती. और ऐसे ही सुंदर और नरेश की दोस्ती में दरार भी पड़ गई. वजह थी एक ट्रक यूनियन पर कब्जा करने की चाहत. जिसके चलते दोनों के बीच अदावत का दौर शुरू हो गया. दरअसल सुंदर एक ट्रक यूनियन पर कब्जा करना चाहता था. वहीं, नरेश भी इसी पर कब्जे की फिराक में था.
Who is Sunder Bhati – नरेश ट्रक यूनियन की राजनीति से मुख्य राजनीति में जिला पंचायत अध्यक्ष बनने का सपना देख रहा था, लेकिन उसके सपने में सुंदर सबसे बड़ा रोड़ा बन गया और यहीं से दोनों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई. गैंगवार शुरू हुआ तो ट्रक यूनियन के अध्यक्षों की हत्या कर दी गई.
नरेश को गोलियों से भून दिया
जब साल 2003 में नरेश भाटी जिला पंचायत अध्यक्ष बना तो वह माननीय होकर लाल बत्ती में घूमता. और यही बात अब सुन्दर को चुभने लगी थी. और उसने 2003 में नरेश पर हमला बोल दिया. इस हमले में नरेश के गनर और ड्राइवर मारे गए और नरेश बच गया , लेकिन सुंदर ने एक साल के अंदर ही दूसरा हमला किया. मार्च 2004 में नरेश शादी समारोह से लौट रहा था, तभी सुंदर ने उसे गोलियों से भून दिया.
नरेश भाटी के साथ उसके दो और साथी भी मारे गए. नरेश की मौत के बाद गैंग की कमान उसके छोटे भाई रामपाल भाटी ने संभाली. लेकिन उसका भी 2006 में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया. रामपाल के बाद गैंग की कमान सबसे छोटे भाई रणदीप और उसके भांजे अमित कसाना ने संभाली, लेकिन रणदीप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
ALSO READ: असद की हो चुकी थी सगाई, जल्द होने वाला था निकाह, जानिए किस फैमिली से थी लड़की.
Who is Sunder Bhati
मामा के मर्डर की आग में झुलस रहे भांजे अमित ने 18 नवंबर 2011 को गाजियाबाद के एक बैंक्वेट हॉल में सुंदर भाटी पर उस वक्त हमला किया, जब वह अपने साले की शादी में शामिल होने आया था. अमित कसाना गैंग के इस हमले में सुंदर तो बच गया, लेकिन उसके अलावा 3 लोग मारे गए.
लंबे समय से फरार चल रहे सुंदर भाटी को आखिर यूपी पुलिस ने साल 2014 में नोएडा से गिरफ्तार कर लिया. तभी से वह यूपी की जेलों में बंद है. 6 अप्रैल 2021 को सुंदर को एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. वर्तमान में वह सोनभद्र जेल में बंद है.
कब हुई अतीक -अशरफ की हत्या?
माफिया कनवर्टेड एमपी अतीक और उसके भाई की शनिवार रात साढ़े दस बजे के आसपास जब पुलिस उसे मेडिकल टेस्ट के लिए प्रयागराज के मेडिकल हॉस्पिटल ले जा रही थी तभी मीडिया कर्मी बने तीन लड़कों ने अचानक से पिस्टल निकली और लगातार 22 राउंड की फायरिंग उनके शरीर पर कर दी. जिसके चलते उनकी मौत हो गई.
जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि अतीक को 8 गोलियां लगी थी. हत्या करने वाले तीनों आरोपी का नाम अरुण मौर्या, सनी सिंह और लवलेश तिवारी है. जिसके बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया.