Guddu Muslim News – 15 मार्च को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या कर दी गयी और इस हत्याकांड के बाद जो नाम चर्चा का विषय बना हुआ है वो बमबाज गुड्डू मुस्लिम का नाम है क्योंकि ये शख्स अतीक की गैंग का सबसे खतरनाक आदमी है. दरअसल, उमेश पाल की हत्या में शामिल 10 लोगों में गुड्डू भी है और गुड्डू मुस्लिम ऐसा शख्स है, जिसके साथ भी रहा वो जिंदा नहीं बचा.
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Guddu Muslim की आदत है धोखा देना
एक रिपोर्ट के अनुसार, गुड्डू मुस्लिम की धोखा देना आदत है. वह जिसके साथ भी रहा, या तो उसने उसकी जान ले ली या फिर मुखबिरी कर रास्ते से हटा दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुड्डू मुस्लिम की दोस्ती सबसे पहले संतोष सिंह से हुई थी और संतोष की मदद से गुड्डू मुस्लिम ने सत्येंद्र सिंह लंगड़ को मार दिया. वहीँ इसके बाद कुख्यात हिस्ट्रीशीटर श्री प्रकाश शुक्ला को मरवाने में भी गुड्डू मुस्लिम का हाथ थ.
इसी के साथ गुड्डू मुस्लिम ने संतोष सिंह को भी कोल्ड ड्रिंक में जहर देकर मार दिया जाता है. इस मामले में बाहुबली धनंजय सिंह का भी नाम आया था. वहीं अंडरग्राउंड गुड्डू मुस्लिम को लेकर ये भी कहा जाता है कि श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में था, उस समय उसी ने श्रीप्रकाश शुक्ला की सूचना एसटीएफ से की थी. इसी के साथ गुड्डू मुस्लिम के साथ अतीक का नाम भी जुड़ा और अतीक और उसके भाई असरफ का नाम भी जुदा और 15 अप्रैल को अतीक की हत्या भी हो गयी.
जानिए कौन है गुड्डू मुस्लिम – Who is Guddu Muslim
गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल की हत्या में शमिल था और सबसे पहले वह साल 1997 में इसे एक स्कूल टीचर की हत्या करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या के बाद गुड्डू फरार होकर मेरठ गया था. मेरठ में वह अतीक की बहन आयशा नूरी के घर गुड्डू मुस्लिम नजर आया था. आयशा के पति अखलाक ने गले लगाकर गुड्डू मुस्लिम का स्वागत किया था. इसके बाद से गुड्डू मुस्लिम का कोई सुराग हाथ नहीं लगा. गुड्डू ने 15 साल की उम्र में ही छोटी-मोटी चोरियों से अपराध की दुनिया में कदम रखा.कुछ समय बाद बाहुबलियों की पनाह मिलने के बाद उसने बम बनाना शुरू किया. धीरे-धीरे वो उत्तर प्रदेश के साथ साथ बिहार के कई गिरोहों के बीच बमबाज नाम से मशहूर हो गया.
Guddu Muslim News – अतीक ने किए थे कई एहसान
अतीक ने कुछ सालों पहले कि अतीक ने कुछ सालों पहले गुड्डू की 8 लाख रुपयों से मदद की थी. उस दौरान गुड्डू की तबियत बेहद खराब थी और स्थिति गंभीर थी. ऐसे में एहसान चुकाने के लिए उसने अतीक की मदद की. शुरुआती दौर में यूपी में वॉन्टेड अपराधी बनने के बाद वह बिहार भाग गया था, लेकिन 2001 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कहा जाता है कि अतीक ने उसे जेल से बाहर निकाला और दोनों करीब आ गए.
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