हाल ही में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सुरक्षा देने वाली एक महिला सिपाही दरिंदगी का शिकार हुई है. जिसके बाद इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने छुट्टी वाले दिन रात को अदालत खोली तो वहीं इस मामले में सरकार से सवाल किया है. जिसके बाद अब ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.
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जानिए क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार, ये मामला 30 अगस्त का है, उत्तर प्रदेश की एक महिला सिपाही जिसकी तैनाती सुल्तानपुर जिले में है उसकी ड्यूटी सावन मेले में अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर लगाई गयी थी जो सुबह तीन बजे से दोपहर 5:40 तक थी. वहीं 28 अगस्त को ये महिला सिपाही किसी काम से सुल्तानपुर गई थी और 29 अगस्त की शाम वह सरयू एक्सप्रेस पकड़कर वापस ड्यूटी पर अयोध्या जा रही थी. सरयू एक्सप्रेस प्रयागराज से चलकर सुल्तानुपर होते हुए अयोध्या और मनकापुर तक जाती है और ये सब उसके ट्रेन में सो जाने के कारण होता है. वहीं जब महिला सिपाही अयोध्या के बजाय मनकापुर पहुंच गई. वहीं इसके बाद जब ट्रेन सुबह मनकापुर से चलकर वापस 4:30 बजे अयोध्या पहुंची. तब अयोध्या में यात्रियों ने खाली बोगी में इस महिला सिपाही को अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में खून से लथपथ अवस्था में देखा और इसके रेलवे पुलिस को इसकी सूचना दी.
इसके बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया जहाँ पर उसका इलाज चल रहा है. इसी बीच इस मामले को गंभीर समझते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बड़ा एक्शन लिया.
छुट्टी वाले दिन रात को जज के घर पर लगी अदालत
इलाहाबाद हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव ने छुट्टी वाले दिन (रविवार) रात 9:00 बजे विशेष बेंच बनाकर इस मामले की सुनवाई की. सबसे पहले विशेष बेंच ने रविवार रात को इस मामले में यूपी सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट जेके उपाध्याय और एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल प्रियंका मिड्ढा को तलब किया जिसके बाद मामले की करवाई आगे बढ़ी. वहीं डिवीजन की विशेष बेंच ने दलील सुनी.
वहीं इस मामले पर फैसला लेते हुए कोर्ट ने कहा कि अगले दिन होने वाली इस सुनवाई के दौरान रेलवे की तरफ से केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को मौजूद रहना होगा साथ ही यूपी सरकार के खिलाफ भी बड़ा एक्शन लिया.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को भेजा नोटिस
वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चीफ जस्टिस के घर पर इस मामले की सुनवाई करते हुए अबतक की कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है साथ ही ये भी पूछा है कि आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी हुई या नहीं? इसी के साथ इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है. सरकार से ये भी पूछा गया है कि इस मामले में अभी तक आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी हुई या नहीं.
महिला सिपाही की हालत है गंभीर
वहीं इस समय हादसे का शिकार हुई महिला सिपाही की हालत गंभीर है और उसे बेहतर इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था. सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. तो वहीँ यूपी पुलिस ने पीड़ित सिपाही के साथ रेप की घटना से इंकार किया है.
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