आज के समय में जेल जाना एक आम बात हो गयी है. पहले जैसा कुछ नहीं रहा है जहाँ लोग जेल जाने के बाद इस बात से डरते थे कि वहां हमारा क्या हाल होगा? वहां अब ऐसा कुछ नहीं है. आजकल तो अपराधियों के इंटरव्यू भी हो रहे हैं. उदहारण के लिए लॉरेंस विश्नोई को देख लें. वैसे लॉरेंस जैसे कुख्यात अपराधी के लिए आज खुली दुनिया से ज्यादा महफूज़ जगह जेल बन चुका है. क्योंकि वो वहां बैठे भी वो सारे काम करता है जो वो जेल के बाहर रहकर कर सकता है. बल्कि जेल में रहकर उसे ज्यादा प्रोटेक्शन मिलती है. हर गैंगस्टर और पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों का शक भी नहीं जाता कि बाहर हुए किसी भी मामलात में इसका हाथ होगा. और यही वजह है कि लॉरेंस का जेल के अन्दर बाहर जाने का सिलसिला हमेशा बना रहता है. पहले जेल जाता है फिर बाहर आकर हत्याएं और लूटपाट करता है और फिर जेल और बाहर वही काम. इससे ये साफ़ तौर पर साबित हो जाता है कि विश्नोई को जेल से कोई प्रॉब्लम नहीं है. लेकिन ऐसा क्यों? क्या उसके सर पर किसी बड़े संगठन या किसी बड़े नेता का हाथ है?
हालांकि इसका उत्तर तो हमारे पास भी नहीं है लेकिन चलिए आज हम नजर डालते हैं इसके कुछ कृतियों के ऊपर…
जुर्म की दुनिया में ऐसे रखा कदम
दरअसल, दिखने में स्मार्ट. अच्छे पैसे वाला. शरीर से पूरी तरह फिट. इसे देखकर दोस्तों ने उसे कॉलेज में चुनाव लड़ने के लिए तैयार करा लिया. लेकिन लॉरेंस की बचपन की एक आदत रही.
वो जो कुछ करता था बड़ी शिद्दत और प्लानिंग से करता था. अब चुनाव लड़ना था तो उसने पहले एक ग्रुप बनाया. उसका नाम रखा स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी यानी सोपू (SOPU). ये संगठन आज भी है. भले इसे बनाने वाला आज जेल में है.
तो लॉरेंस बिश्नोई ने पहले संगठन बनाया. उससे छात्रों को जोड़ा और फिर कॉलेज में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. जीतने के लिए खूब मेहनत की लेकिन नतीजा कुछ और निकला. वो चुनाव हार गया. लेकिन उसे हारने की आदत नहीं थी. लिहाजा, वो इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. गुस्से में उसने रिवॉल्वर खरीद ली.
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अब जब हाथ में हथियार आ जाए तो फिर ग़ुनाह की दुनिया कब तक दूर रह सकती है, ये कोई नहीं जानता. लॉरेंस के साथ भी ऐसा ही हुआ. और वक़्त जल्द ही आ गया. फरवरी का महीना और साल 2011. एक दिन लॉरेंस बिश्नोई का सामना उसे चुनाव में हराने वाले विरोधी उदय गुट से हुआ.
फिर क्या था. दोनों एक दूसरे के सामने थे. और फिर दोनों में भिड़ंत हो गई. गुस्से में लॉरेंस ने दूसरे गुट पर फायरिंग कर दी. ये पहली बार था, जब लॉरेंस ने फायरिंग की थी. मामला तूल पकड़ा और इधर पुलिस ने केस दर्ज किया.
फरवरी 2011 में लॉरेंस बिश्नोई पर पहली एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद तो इस एफआईआर से बचने और दूसरे गुट को सबक सिखाने के लिए उसने एक गैंगस्टर से हाथ मिला लिया. फिर तो वो टी-20 मैच की तरह क्राइम में खेलने लगा और जुर्म की दुनिया में अर्धशतक भी लगा लिया.
जग्गू भगवानपूरी से सीखा जुर्म के पैतरे, बन गया बादशाह
कहा जाता है कि कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरी असल में जुर्म की दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई का गुरु है. इसी गैंगस्टर ने लॉरेंस को जरायम की दुनिया के वो पैतरे सिखाए जिनकी बदौलत आज वो इस काली दुनिया का बेताज बादशाह है. ये जग्गू पंजाब के भगवानपुर का रहने वाला है. इसे देश का सबसे अमीर गैंगस्टर कहा जाता है. अब तो जग्गू भी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है.
लेकिन एक वक़्त ऐसा भी था जब पंजाब की राजनीति और अपराध में जग्गू का ना सिर्फ रुतबा था बल्कि उसके नाम से ही हर काम हो जाता था. उसके धनवान होने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ साल पहले जग्गू के पास से 2 करोड़ के तो सिर्फ हथियार बरामद हुए थे.
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पुलिस को चकमा और जेल में फोन चलाना फितरत में है शामिल
लॉरेंस बिश्नोई ना सिर्फ देखने में देश का सबसे स्मार्ट गैंगस्टर है बल्कि उसके इरादे भी तेज-तर्रार हैं. यही वज़ह है कि 17 जनवरी 2015 को जब पंजाब पुलिस उसे कोर्ट में पेशी करने जा रही थी तभी वो चकमा देकर भाग निकला.
कहा जाता है कि यहां से भागने के बाद वो नेपाल गया और वहां से आधुनिक हथियार लेकर पंजाब लौटा. लेकिन उसी दौरान 4 मार्च 2015 को वो फिर से पंजाब पुलिस के हत्थे चढ़ गया. भले ही वो पुलिस की गिरफ्त में आ गया. भले ही वो जेल चला गया लेकिन उसे सुपारी मांगने, गैंग को ऑपरेट करने और क़त्ल कराने से कोई नहीं रोक सका.
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वो जेल में ही फोन के ज़रिए अपने गैंग को चलाता रहा. और आज भी ये काम उसका बदस्तूर जारी है. सिर्फ यही नहीं…वो जेल से ही फेसबुक पर फोटो अपलोड करता है. जेल में जिम भी करता है तो तस्वीर फेसबुक पर आ जाती है.
वॉट्सऐप के जरिए जेल से ही सुपारी लेता है. रंगदारी मांगता है. और ये सबकुछ गुपचुप तरीके से नहीं. बल्कि इसका कबूलनामा वो ख़ुद फेसबुक पर करता है. अगर कोई बदमाश लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर किसी से रंगदारी मांगता है तो वो ख़ुद फेसबुक पर मैसेज भेज इसका खंडन भी करता है.
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दबंग एक्टर सलमान को धमकी देकर आया था चर्चा में
5 जनवरी 2018 को राजस्थान के जोधपुर में लॉरेंस बिश्नोई की पेशी थी. उसी दौरान उसने फिल्म अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी.
उसने सिर्फ धमकी ही नहीं दी थी बल्कि अपने साथी कुख्यात संपत नेहरा को सलमान खान को मारने के लिए भी भेज दिया था. हालांकि, चाक-चौबंद सुरक्षा होने के कारण संपत नेहरा सफल नहीं हो पाया था.
दरअसल, ये बताया जाता है कि गैंगस्टर बिश्नोई समाज से है. उसका बिश्नोई समाज काले हिरण की पूजा करता है. और सलमान खान ने काले हिरण का शिकार किया था. बस इसी वजह से लॉरेंस ने सलमान खान को मारने की ही सुपारी ले ली थी.
कुछ खास अमीरों को भी देता है धमकी
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि लॉरेंस बिश्नोई ऐसे ही किसी से रंगदारी नहीं मांग लेता है. इसके लिए बकायदा वो इंटरनेट पर रिसर्च करता है. अपने गुर्गे भेजकर रेकी करता है. इसके बाद वो रंगदारी या फिर सुपारी मांगता है. धमकी देने के लिए वो हमेशा वॉट्सऐप कॉल करता है. जेल में चाहे कितना भी इंतजाम कर लिया जाए वो कब और कैसे मोबाइल फोन चला लेता है, ये अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया.
इसके निशाने पर ट्रेवल ऐजेंट, डायमंड कारोबारी, अस्पताल मालिक, गुटका कारोबारी, चरस और ड्रग्स के कारोबारी, शराब कारोबारी और बड़े रेस्टोरेंट मालिक होते हैं. इन्हें धमकी देकर ना सिर्फ रंगदारी लेता है बल्कि ये भी दावा करता है कि उसके अलावा देश का दूसरा कोई गैंगस्टर उसे परेशान नहीं कर सकता. अब मर्जी उस कारोबारी की. जिंदा रहने के लिए या तो पैसे दे या फिर बुलेट का शिकार बन जाए.
सिद्धू मूसेवाला हत्या मर्डर की जिम्मेदारी ली
पंजाब के सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की सनसनीखेज हत्या की जिम्मेदारी इसी लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने ली है. लॉरेंस बिश्नोई ने बाकायदा फेसबुक पर एक पोस्ट किया है. जिसमें सिद्दधू की हत्या करने की वजह बताई है. जेल में रहकर ही लॉरेंस बिश्नोई ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की स्क्रिप्ट लिख डाली.
जिसके बाद 30 राउंड फायर कर पंजाबी सिंगर का मर्डर हुआ. हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य लक्की ने ले ली है. पर इसकी साजिश दिल्ली के तिहाड़ जेल (Delhi Tihar Jail) में रची गई. कहा जा रहा है कि लॉरेंस बिश्नोई ने वर्चुअल नंबरों से विदेश में रह रहे अपने साथी गोल्डी बरार (Goldy Brar) से कई बार फोन से बात की. अभी लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ की जेल नंबर-8 की हाई सिक्योरिटी जेल में कैद है.
हालिया इंटरव्यू में बताई सिद्धू के मर्डर की वजह
अब लॉरेंस ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल होने की बात खुलकर कही है. लॉरेंस विश्नोई ने इंटरव्यू में दावा किया कि मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह राजनीति में आ सकते हैं.
इंटरव्यू के दौरान सिद्धू मूसेवाला का जिक्र करते हुए लॉरेंस बिश्नोई ने कहा, ‘हमारे भाई की हत्या कराने में उसका हाथ था. गुरुलाल को, विक्की को…हमारा उसकी फैमिली से नहीं उसके साथ मतभेद थे. उसने हमारे भाइयों को मरवाया, तो रिएक्शन में हमारे भाइयों ने उसको मार दिया होगा. हमारा उसके पिता के साथ कुछ लेनादेना नहीं है.’ उसने कहा- ‘बेटा मर गया, उसके बाद रैलियां निकाल रहे हैं. हो सकता है, उन्हें राजनीति में आना हो, इलेक्शन लड़ना हो.’ लॉरेंस ने यह भी आरोप लगाया कि सिद्धू के पिता का कुछ लोगों के साथ पैसों का लेनदेन भी है, जिसकी वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है.
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आपके हिसाब से लॉरेंस विश्नोई जैसे जो भी गैंगस्टर आज सरेआम घूम रहे हैं इनके खिलाफ कानून को कैसे निपटना चाहिए? लॉरेंस के खिलाफ सबूत भी है और वो इस बात से सहमत भी करता है और तो और पुलिस की कस्टडी में है फिर भी उसे किसी भी बात का खौफ नहीं है आखिर क्यों? जो समाज को गन्दा करने में अपनी देशभक्ति जाहिर करता हो वो उस समाज में रहने लायक नहीं है. आपकी राय में क्या ये सही है या नहीं ?