मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पड़े छापे
चाइनीज लोन कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फर्जी वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नए सिरे से छापा मरना शुरू किया है। बुधवार 14 सितम्बर को ED ने पेटीएम (Paytm), पेयू (PayU), Easebuzz, Razorpay और Cashfree एवं अन्य पेमेंट करने वाली ऑपरेटरों से जुड़े जगहों में छापेमारी की है।
ED ने किये 46.67 करोड़ रुपए फ्रीज
इन पेमेंट करने वाली ऑपरेटरों के बैंक खातों और वर्चुअल अकाउंट्स में रखे 46.67 करोड़ रुपए ED ने फ्रीज कर दिए हैं। ED ने कुछ दिन पहले ही चीनी लोन ऐप मामले में इन सारे कंपनियों के दफ्तरों पर छापेमारी की थी।
पहले भी कर चुकी है ED इस मामले में छापेमारी
सूत्रों ने बताया है कि, ED की ओर से यह छापेमारी तीन राज्यों के पांच शहरों में विभिन्न पेमेंट करने वाली ऑपरेटरों की तलाश में की गई। Paytm के प्रवक्ता ने बताया कि ED ने विभिन्न भुगतान सेवा से जुड़े कुछ व्यापारियों के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने आगे बताया कि हमने सभी आवश्यक सूचनाएं उनके साथ साझा कर दी है। ED ने इस महीने की शुरुआत में ठीक ऐसे ही छापेमारी की थी। आपको बता दें कि ED इस महीने की शुरुआत में 2 सितंबर को Paytm, Razorpay और Cashfree जैसे पेमेंट कमापनियों के बंगलूरू स्थित दफ्तरों में छापेमारी की थी। उस समय ED ने चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के व्यापारी खातों के 17 करोड़ रूपए जब्त कर लिए थे।
इन शहरों में पड़े ED के छापे
14 सितंबर को ED ने इन सारे कंपनियों के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी। इनमे दिल्ली, गाजियाबाद, लखनऊ, मुंबई, बिहार के गया समेत छह ठिकानों शामिल थे। इसके अलावा HPZ लोन ऐप के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, जोधपुर और बेंगलुरु में भी छापेमारी की है। HPZ लोन ऐप से जुड़े पेमेंट कंपनी PayTM, Easebuzz, Razorpay और Cashfree के 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
वित्त मंत्री के बैठक के बाद शुरू हुई छापेमारी
छापेमारी से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 8 सितंबर को RBI के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमे अवैध ऋण कप्म्पनियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई थी। जिसके बाद ED ने इन कंपनियों के विभिन्न दफ्तरों में छापेमारी शुरू की।
क्या है पूरा मामला
HPZ एक ऐसी कंपनी जो Token बेस्ड है। HPZ अपने यूजर्स को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर ज्यादा फायदा देने का वादा किया था। उससे पहले HPZ ने अपने कंपनी में निवेश करने पर दोगुना फायदा देने का भी वादा किया था। कंपनी ने अपने निवेशकों से UPI या अन्य डिजिटल पेमेंट के जरिए पैसे लिए थे। शुरुआत में HPZ ने अपने निवशकों को कुछ पैसों का भुगतान भी किया था। इसके बाद HPZ ने दूसरे-दूसरे पेमेंट तरीकों के जरिये विभिन्न कंपनियों और व्यक्तियों के कहते में पैसे ट्रांसफर कर दिए।
इस महीने के शुरुआत में ED की छापेमारी में यह पाया गया था कि PayTM, Easebuzz, Razorpay और Cashfree जैसी कपनियां नकली पता देकर अपना काम कर रही हैं।
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